नई दिल्ली : तीसरे नंबर के बल्लेबाज के रूप में लक्ष्मण का 2003 में विश्वकप टीम में स्थान पक्का माना जा रहा था, लेकिन टीम चयन से कुछ महीने पहले न्यूजीलैंड दौरे में खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें विश्व कप टीम में जगह नहीं मिल पाई.
रायडू का विश्वकप खेलने का सपना टूटा
रायडू अपने करियर में शुरू से नंबर तीन या चार पर खेलते रहे हैं. पिछले साल अक्टूबर से उन्हें नियमित तौर पर नंबर चार पर उतारा गया लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों में नाकामी के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया और अब लगता है कि 33 साल के रायडू का हैदराबाद के अपने सीनियर लक्ष्मण की तरह विश्वकप खेलने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा.
दिनेश मोंगिया को मिली जगह
चयनकर्ताओं ने तब लक्ष्मण की जगह दिनेश मोंगिया को लिया था. मोंगिया के चयन का आधार यही था कि वह खेल की तीनों विधाओं बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में थोड़ा थोड़ा योगदान दे सकते थे, जबकि लक्ष्मण बल्लेबाज थे.
विजय शंकर को किया शामिल
रायडू की जगह चुने गए विजय शंकर ने इसी साल एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और अब तक केवल 9 मैच खेले हैं. चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने शंकर के चयन पर 'थ्री डायमेंशन' शब्द का उपयोग किया, क्योंकि वो तीनों विधाओं में योगदान दे सकते हैं.
भारत विश्व कप का प्रबल दावेदार
लक्ष्मण ने विश्व कप 2019 की टीम को लेकर कहा कि 'ये संतुलित टीम है और भारत विश्व कप का प्रबल दावेदार है.' हालांकि, टीम चयन से पहले उन्होंने खुद की 15 सदस्यीय टीम चुनी थी जिसमें रायडू को जगह दी थी. स्वाभाविक है कि रायडू को बाहर करने से वे निराश होंगे.
लक्ष्मण ने विश्वकप से बाहर होने के बाद कहा
लक्ष्मण को जब विश्व कप की टीम से बाहर किया गया था, तो उन्होंने तब कहा था, 'ये मेरे करियर का सबसे हताशाजनक क्षण था. मैंने विश्व कप के लिए कड़ी मेहनत की थी. पिछले साल (2002 में) वेस्टइंडीज श्रृंखला में मैंने सबसे अधिक रन (312) बनाए थे और इसके बाद इस तरह से टीम से बाहर किया जाना बेहद करारा झटका था. ये निराशा हमेशा बनी रहेगीे इस खबर को पचाने में मुझे थोड़ा समय लगा.'
रायडू का ट्वीट
रायडू ने भी अपनी निराशा व्यक्त की और उन्होंने 'थ्री डायमेंशन' शब्द का उपयोग करके चयनकर्ताओं पर तंज कसा. रायडू ने ट्वीट किया, 'विश्व कप देखने के लिए थ्री डायमेंशन (3डी) चश्मे का आर्डर कर दिया है.' रायडू के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए प्रज्ञान ओझा ने लिखा था, 'हैदराबादी क्रिकेटरों का दिलचस्प मामला... ऐसी स्थिति में रह चुका हूं. निराशा समझ सकता हूं.'
मोंगिया और लक्ष्मण को मिला मौका
दिलचस्प बात ये थी कि 2002—03 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले तीन वनडे में लक्ष्मण खेले थे जिनमें उन्होंने 9, 20 और 10 रन की पारियां खेली थी. इसके बाद तीन वनडे में उनकी जगह मोंगिया उतारे गये जिसमें वह 12, दो और शून्य का स्कोर ही बना पाए थे.
मोंगिया का विश्वकप में प्रदर्शन
इसके बावजूद मोंगिया को विश्व कप टीम में चुना गया जिसमें उन्होंने 11 मैच की छह पारियों में 20 की औसत से 120 रन बनाए थे. उन्होंने पांच विकेट लिए थे. मोंगिया इसके बाद ज्यादा दिनों तक टीम में नहीं रहे और लक्ष्मण ने वापसी पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में 102 रन बनाए थे.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खराब फॉर्म रायडू पर भारी पड़ा
रायडू ने ऑस्ट्रेलियाई सीरीज से पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी मैच में 90 रन बनाए थे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों में वह 33 रन ही बना पाए और आखिर में ये तीन पारियां उनका विश्वकप में खेलने का सपना चकनाचूर कर गई.