हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट के पितामाह कहे जाने वाले रणजीत सिंह का आज 147वां जन्मदिन है. जिस समय रणजी ने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तब भारत की कोई अंतरराष्ट्रीय टीम नहीं थी. आज उन्हीं के नाम पर भारत में घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी खेली जाती है.
वे भारत में पैदा तो हुए थे लेकिन उन्होंने इंग्लैंड में क्रिकेट खेला था. उनके पास टाइमिंग थी, ग्रेस था और कमाल के शॉट्स भी थे. इन्हीं खास खूबियों की वजह से उन्हें पूर्व का जादू कहा जाता था.
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1897-98 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने 60.89 के औसत से 1157 रन बनाए. फर्स्ट क्लास मैचों की बात करें तो उन्होंने 307 मैचों में 24692 रन बनाए. सर्वोच्च स्कोर रहा 285 नॉट आउट. इस दौरान उन्होंने 72 शतक लगाए और 109 बार हाफ सेंचुरी जड़ीं.
क्रिकेट के अलग वे मार्च 1907 में नवांनगर के महाराजा जाम साहब बने. पहले विश्व युद्ध के बाद उन्होंने लीग ऑफ नेशंस में चैंबर ऑफ प्रिसेस में भी काम किया. उनके भतीजे दलीप सिंह ने भी बाद में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया.