बेंगलुरू : भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल का मानना है कि पिछले साल एक टीवी कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को लेकर की गई टिप्पणी के बाद उन्हें जब निलंबन झेलना पड़ा तो इससे उनकी खेल के प्रति सोच पूरी तरह से बदल गई. परिणाम यह रहा कि वह लगातार अच्छा प्रदर्शन करने लगे. राहुल और हार्दिक पंड्या को 'कॉफी विद करण' कार्यक्रम में की गई टिप्पणियों के कारण कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की प्रशासकों की समिति ने उन्हें निलंबित कर दिया था.
उन्हें पिछले साल जनवरी में ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच से ही वापस स्वदेश बुला दिया गया था. राहुल ने कहा, "मैंने 2019 के बाद अलग तरह से सोचना शुरू किया और मेरे अच्छे प्रदर्शन का काफी श्रेय इसी को जाता है. उस निलंबन और जो कुछ हुआ तो तब मैं स्वार्थी होना चाहता था और खुद के लिए खेलना चाहता था लेकिन मैं नाकाम रहा. इसलिए मैंने खुद से कहा कि मुझे वह सब करना चाहिए जो टीम मुझसे चाहती है."
इसके बाद राहुल का भाग्य चमक गया और उन्होंने सीमित ओवरों की क्रिकेट में न सिर्फ ऋषभ पंत की जगह विकेटकीपिंग का जिम्मा संभाला बल्कि वनडे में पांच पारियों में 75.75 की औसत और 144.77 की औसत से 303 रन भी बनाए. टी20 अंतरराष्ट्रीय में पारी का आगाज करते हुए उन्होंने 56.00 की औसत और 144.51 के स्ट्राइक रेट से 224 रन बनाए. राहुल ने कहा कि निलंबन के बाद उन्हें अहसास हुआ कि क्रिकेटर का करियर कितना छोटा होता है और ऐसे में उन्होंने अपनी ऊर्जा सही दिशा में लगानी शुरू की.
टीम मैन बनने पर लगाई सारी एनर्जी
उन्होंने कहा, "हम सभी जानते हैं कि हमारा करियर बहुत लंबा नहीं होता है और 2019 के बाद मुझे अहसास हुआ कि मेरे पास अभी 12 या 11 साल बचे हुए हैं और मुझे अपना सारा समय और ऊर्जा एक अच्छा खिलाड़ी और 'टीम मैन' बनने पर लगानी चाहिए."
राहुल ने कहा, "सोच में बदलाव में से वास्तव में मदद मिली और जब मैंने टीम के लिए अच्छा करने, एक चैंपियन टीम का हिस्सा बनने और मैच में अपने खेल से बदलाव लाने के बारे में सोचना शुरू किया तो इससे काफी दबाव भी हट गया."
राहुल ने कहा कि रोहित शर्मा का उन्हें काफी सहयोग मिला और वो भारत की सीमित ओवरों की टीम के उपकप्तान के बड़े प्रशंसक हैं. उन्होंने कहा, "रोहित की बातों से हैरान था. मैं उनकी बल्लेबाजी का बड़ा प्रशंसक रहा और मैं पिछले कुछ वर्षों से उनके साथ खेल रहा हूं."
राहुल ने कहा, "वह टीम में ऐसा शख्स है जिसने मुझे यह अहसास दिलाया है कि उन्हें मुझ पर बहुत अधिक भरोसा है. मैंने देखा कि कई अवसरों पर उन्होंने मेरा पक्ष लिया और मेरे साथ खड़े रहे. इससे आपका काफी मनोबल बढ़ता है."