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'कपिल को सीएसी प्रमुख पद से इस्तीफा देने की जरूरत नहीं थी' - कपिल देव

प्रशासकों की समिति के सदस्य विनोद राय ने कपिल देव के क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) से इस्तीफा देने के बाद कहा कि सीएसी के सदस्यों को साफ तौर पर कहा गया था कि उनकी जो नियुक्ति की गई है वो वार्षिक न होकर कोच के चयन तक सीमित है.

vinod rai
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Published : Oct 2, 2019, 7:47 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 10:18 PM IST

नई दिल्ली: कपिल देव के क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) से इस्तीफा देने के बाद प्रशासकों की समिति (सीओए) के सदस्य विनोद राय ने कहा है कि विश्व विजेता कप्तान को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं थी क्योंकि उनकी नियुक्ति सिर्फ कोच के चयन के लिए की गई थी.

राय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीएसी के सदस्यों को साफ तौर पर कहा गया था कि उनकी जो नियुक्ति की गई है वो वार्षिक न होकर कोच के चयन तक सीमित है.

कपिल देव ने CAC प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया

राय ने कहा, "नहीं, इस्तीफे की जरूरत नहीं थी क्योंकि कपिल, अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी को जो नियुक्ति पत्र दिया गया था उसमें साफ लिखा था कि उनकी नियुक्ति मुख्य कोच के चयन तक सीमित है."

क्रिकेट सलाहकार समिति
प्रशासकों की समिति

राय से जब पूछा गया कि क्या इससे हितों के टकराव का मुद्दा खत्म हो जाएगा तो राय ने इस पर बात करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा, "जैसा मैंने पहले कहा, मैं एथिक्स अधिकारी के फैसले से पहले कुछ नहीं कह सकता।"

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एक कार्यकारी ने हालांकि कहा कि ये मुद्दा अब उसी तरह खत्म हो चुका है जिस तरह सचिन तेंदुलकर का मुद्दा हुआ था. अधिकारी ने कहा, "हां, ये खत्म हो चुका है. अगर आपको याद हो तो यही हाल सचिन के मामले में था. इसलिए आप कह सकते हैं कि मसला खत्म है."

कपिल देव
कपिल देव

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल का इस्तीफा देने का फैसला एथिक्स अधिकारी डी.के.जैन द्वारा सीएसी के सदस्यों को दिए गए नोटिस के बाद लिया गया है. एमपीसीए के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने इन तीनों के खिलाफ शिकायत की थी और कहा था कि ये तीनों अलग-अलग पदों पर कार्यरत हैं. रंगासामी ने पहले ही रविवार को इस्तीफा दे दिया.
कपिल ने कहा कि दूसरे लोगों का हितों के टकराव की शिकायत करने से फर्क नहीं पड़ता लेकिन एथिक्स अधिकारी का इसे लेकर नोटिस भेजना अलग स्थिति खड़ी कर सकता है.

नई दिल्ली: कपिल देव के क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) से इस्तीफा देने के बाद प्रशासकों की समिति (सीओए) के सदस्य विनोद राय ने कहा है कि विश्व विजेता कप्तान को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं थी क्योंकि उनकी नियुक्ति सिर्फ कोच के चयन के लिए की गई थी.

राय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीएसी के सदस्यों को साफ तौर पर कहा गया था कि उनकी जो नियुक्ति की गई है वो वार्षिक न होकर कोच के चयन तक सीमित है.

कपिल देव ने CAC प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया

राय ने कहा, "नहीं, इस्तीफे की जरूरत नहीं थी क्योंकि कपिल, अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी को जो नियुक्ति पत्र दिया गया था उसमें साफ लिखा था कि उनकी नियुक्ति मुख्य कोच के चयन तक सीमित है."

क्रिकेट सलाहकार समिति
प्रशासकों की समिति

राय से जब पूछा गया कि क्या इससे हितों के टकराव का मुद्दा खत्म हो जाएगा तो राय ने इस पर बात करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा, "जैसा मैंने पहले कहा, मैं एथिक्स अधिकारी के फैसले से पहले कुछ नहीं कह सकता।"

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एक कार्यकारी ने हालांकि कहा कि ये मुद्दा अब उसी तरह खत्म हो चुका है जिस तरह सचिन तेंदुलकर का मुद्दा हुआ था. अधिकारी ने कहा, "हां, ये खत्म हो चुका है. अगर आपको याद हो तो यही हाल सचिन के मामले में था. इसलिए आप कह सकते हैं कि मसला खत्म है."

कपिल देव
कपिल देव

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल का इस्तीफा देने का फैसला एथिक्स अधिकारी डी.के.जैन द्वारा सीएसी के सदस्यों को दिए गए नोटिस के बाद लिया गया है. एमपीसीए के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने इन तीनों के खिलाफ शिकायत की थी और कहा था कि ये तीनों अलग-अलग पदों पर कार्यरत हैं. रंगासामी ने पहले ही रविवार को इस्तीफा दे दिया.
कपिल ने कहा कि दूसरे लोगों का हितों के टकराव की शिकायत करने से फर्क नहीं पड़ता लेकिन एथिक्स अधिकारी का इसे लेकर नोटिस भेजना अलग स्थिति खड़ी कर सकता है.

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नई दिल्ली: कपिल  देव के क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) से इस्तीफा देने के बाद प्रशासकों की समिति (सीओए) के सदस्य विनोद राय ने कहा है कि विश्व विजेता कप्तान को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं थी क्योंकि उनकी नियुक्ति सिर्फ कोच के चयन के लिए की गई थी.



राय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीएसी के सदस्यों को साफ तौर पर कहा गया था कि उनकी जो नियुक्ति की गई है वो वार्षिक न होकर कोच के चयन तक सीमित है.



राय ने कहा, "नहीं, इस्तीफे की जरूरत नहीं थी क्योंकि कपिल, अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी को जो नियुक्ति पत्र दिया गया था उसमें साफ लिखा था कि उनकी नियुक्ति मुख्य कोच के चयन तक सीमित है."



राय से जब पूछा गया कि क्या इससे हितों के टकराव का मुद्दा खत्म हो जाएगा तो राय ने इस पर बात करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा, "जैसा मैंने पहले कहा, मैं एथिक्स अधिकारी के फैसले से पहले कुछ नहीं कह सकता।"



भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एक कार्यकारी ने हालांकि कहा कि ये मुद्दा अब उसी तरह खत्म हो चुका है जिस तरह सचिन तेंदुलकर का मुद्दा हुआ था. अधिकारी ने कहा, "हां, ये खत्म हो चुका है. अगर आपको याद हो तो यही हाल सचिन के मामले में था. इसलिए आप कह सकते हैं कि मसला खत्म है."



भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल का इस्तीफा देने का फैसला एथिक्स अधिकारी डी.के.जैन द्वारा सीएसी के सदस्यों को दिए गए नोटिस के बाद लिया गया है. एमपीसीए के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने इन तीनों के खिलाफ शिकायत की थी और कहा था कि ये तीनों अलग-अलग पदों पर कार्यरत हैं. रंगासामी ने पहले ही रविवार को इस्तीफा दे दिया.

कपिल ने कहा कि दूसरे लोगों का हितों के टकराव की शिकायत करने से फर्क नहीं पड़ता लेकिन एथिक्स अधिकारी का इसे लेकर नोटिस भेजना अलग स्थिति खड़ी कर सकता है. 


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Last Updated : Oct 2, 2019, 10:18 PM IST
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