सिडनी : मार्क टेलर सहित कई पूर्व खिलाड़ियों के भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में युवा विल पुकोवस्की को खेलने की पैरवी करने के बाद भी ऑस्ट्रेलियाई टीम प्रबंधन सलामी बल्लेबाज के तौर पर जो बर्न्स के साथ ही जाने के मूड में है. ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने बुधवार को इस बात के संकेत दिए हैं कि बर्न्स नई गेंद से खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया की पहली पसंद हैं.
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लैंगर ने कहा, "विल के लिए मौका उसी तरह आएगा जैसा किसी अन्य खिलाड़ी के तौर पर आता है. पिछले 30 साल में मेरा अनुभव ये है कि अगर आप शेफील्ड शील्ड (ऑस्ट्रेलिया का घरेलू टूर्नामेंट) में शीर्ष तीन में बल्लेबाजी कर सकते हो तो आप किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी कर सकते हो. अगर आप शील्ड क्रिकेट में पांच या छह नंबर पर बल्लेबाजी करते हो तो आपको टेस्ट क्रिकेट में वहीं पर बल्लेबाजी करनी चाहिए."
उन्होंने कहा, "लेकिन अगर आप शीर्ष तीन में बल्लेबाजी करते हो और शतक बनाते हो, तो आप कहीं भी बल्लेबाजी कर सकते हो. इसलिए विक्टोरिया के लिए सलामी बल्लेबाजी करने वाले पुकोव्स्की जो उनके लिए नंबर-3 पर भी खेले हैं, को यहां फायदा है कि वह किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं. वह जानते हैं कि शतक कैसे बनाना है. टेस्ट क्रिकेट में हमारी सोच यही है कि आपके शीर्ष छह बल्लेबाज शतक बनाने के काबिल होने चाहिए. उन्होंने मौके के लिए अपने आप को अच्छे से तैयार किया है."
ऑस्टेलियाई कोच ने ये भी साफ कर दिया है कि युवा बल्लेबाज को मैथ्य वेड और ट्रेविस हेड पर तरजीह नहीं दी जाएगी.
उन्होंने कहा, "वो मैथ्यू वेड और ट्रेविस हेड से पहले नहीं खेलेंगे. मैं बस यह कह रहा हूं कि हमारी सोच को देखते हुए और बड़े पैमाने पर, शील्ड क्रिकेट में जो खिलाड़ी शीर्ष-3 में खेला है वो कहीं भी बल्लेबाजी कर सकता है. विल को लेकर स्पष्ट होना चाहिए और स्पष्ट होने पर मैंने एक बात सीखी है, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर होने पर, या चयनकर्ता होने पर आप लोगों को संतुष्ट नहीं कर सकते. अगर हम किसी एक को चुनते हैं तो या तो क्वींसलैंड बुरा मान जाएगा या विक्टोरिया. आधा ऑस्ट्रेलिया सोचेगा कि हम सही हैं और आधा सोचेगा कि हम गलत हैं. मैं इसे लेकर शांति में हूं."