ETV Bharat / sports

किस तरह धीमी ओवर गति ने तोड़ा ऑस्ट्रेलिया का WTC Final में जाने का सपना? - Justin Langer latest news

ऑस्ट्रेलिया को चार मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में तय समय से दो ओवर कम करने के कारण चार डब्ल्यूटीसी अंक गंवाने पड़े थे.

Justin Langer
Justin Langer
author img

By

Published : Mar 9, 2021, 11:16 AM IST

Updated : Mar 9, 2021, 7:11 PM IST

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने मंगलवार को कहा कि भारत के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में ओवर गति बरकरार नहीं रख पाना उनकी टीम की वास्तव में लापरवाही है जिसके कारण वह आखिर में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में जगह नहीं बना पाए.

ऑस्ट्रेलिया को चार मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में तय समय से दो ओवर कम करने के कारण चार डब्ल्यूटीसी अंक गंवाने पड़े थे.

हाल में इंग्लैंड को घरेलू सीरीज में 3-1 से हराने वाली भारतीय टीम ने डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनायी जहां जून में उसका मुकाबला न्यूजीलैंड से होगा. अगर ऑस्ट्रेलिया पर धीमी ओवर गति के लिये जुर्माना नहीं लगा होता तो न्यूजीलैंड की जगह वह फाइनल के लिये क्वॉलीफाई कर जाता.

देखिए वीडियो

लैंगर ने कहा, "हमारे मैनेजर गेविन डोवे तब टीम के साथ नहीं थे. वह अपने परिवार के साथ क्रिसमस मनाने के लिये चले गये थे. हमें मैच के बाद अहसास हुआ कि हमारी ओवर गति धीमी हो गयी थी. अब यह हमारी तरफ से वास्तव में लापरवाही थी."

न्यूजीलैंड डब्ल्यूटीसी तालिका में ऑस्ट्रेलिया से केवल 0.3 प्रतिशत अंक आगे है. ऑस्ट्रेलिया ने कोविड-19 महामारी के कारण टेस्ट सीरीज के लिये दक्षिण अफ्रीका का दौरा नहीं किया जिससे उसकी डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनाने की संभावनाएं क्षीण पड़ गयी थी.

लैंगर ने कहा, "मुझे याद है कि बाद में हम टीम रूम में थे और मैंने पेनी (कप्तान टिम पेन) और अपने विश्लेषक डेने हिल्स से इस बारे में बात की. मैं इसको लेकर नाराज था और मुझे लग रहा था कि इससे हम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेलने का मौका गंवा सकते हैं."

यह भी पढ़ें- बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज से बाहर हुए केन विलियमसन, जानिए वजह

उन्होंने कहा, "मैंने बाद में खिलाड़ियों से कहा कि ये दो ओवर हमें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिये महंगे पड़ सकते हैं. इसलिए हमें इस क्षेत्र में बेहतर करना होगा तथा सिडनी और ब्रिस्बेन में ऐसा नहीं होना चाहिए."

लैंगर ने कहा, "यह बहुत निराशाजनक है, लेकिन इससे यह सबक मिलता है कि हम चीजों पर नियंत्रण कर सकते हैं. हमें चीजों पर नियंत्रण करना चाहिए."

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने मंगलवार को कहा कि भारत के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में ओवर गति बरकरार नहीं रख पाना उनकी टीम की वास्तव में लापरवाही है जिसके कारण वह आखिर में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में जगह नहीं बना पाए.

ऑस्ट्रेलिया को चार मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में तय समय से दो ओवर कम करने के कारण चार डब्ल्यूटीसी अंक गंवाने पड़े थे.

हाल में इंग्लैंड को घरेलू सीरीज में 3-1 से हराने वाली भारतीय टीम ने डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनायी जहां जून में उसका मुकाबला न्यूजीलैंड से होगा. अगर ऑस्ट्रेलिया पर धीमी ओवर गति के लिये जुर्माना नहीं लगा होता तो न्यूजीलैंड की जगह वह फाइनल के लिये क्वॉलीफाई कर जाता.

देखिए वीडियो

लैंगर ने कहा, "हमारे मैनेजर गेविन डोवे तब टीम के साथ नहीं थे. वह अपने परिवार के साथ क्रिसमस मनाने के लिये चले गये थे. हमें मैच के बाद अहसास हुआ कि हमारी ओवर गति धीमी हो गयी थी. अब यह हमारी तरफ से वास्तव में लापरवाही थी."

न्यूजीलैंड डब्ल्यूटीसी तालिका में ऑस्ट्रेलिया से केवल 0.3 प्रतिशत अंक आगे है. ऑस्ट्रेलिया ने कोविड-19 महामारी के कारण टेस्ट सीरीज के लिये दक्षिण अफ्रीका का दौरा नहीं किया जिससे उसकी डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनाने की संभावनाएं क्षीण पड़ गयी थी.

लैंगर ने कहा, "मुझे याद है कि बाद में हम टीम रूम में थे और मैंने पेनी (कप्तान टिम पेन) और अपने विश्लेषक डेने हिल्स से इस बारे में बात की. मैं इसको लेकर नाराज था और मुझे लग रहा था कि इससे हम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेलने का मौका गंवा सकते हैं."

यह भी पढ़ें- बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज से बाहर हुए केन विलियमसन, जानिए वजह

उन्होंने कहा, "मैंने बाद में खिलाड़ियों से कहा कि ये दो ओवर हमें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिये महंगे पड़ सकते हैं. इसलिए हमें इस क्षेत्र में बेहतर करना होगा तथा सिडनी और ब्रिस्बेन में ऐसा नहीं होना चाहिए."

लैंगर ने कहा, "यह बहुत निराशाजनक है, लेकिन इससे यह सबक मिलता है कि हम चीजों पर नियंत्रण कर सकते हैं. हमें चीजों पर नियंत्रण करना चाहिए."

Last Updated : Mar 9, 2021, 7:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.