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'डीआरएस पर फैसला लेना केवल धोनी का काम नहीं' - इंग्लैंड

भारतीय क्रिकेट टीम के उप-कप्तान रोहित शर्मा ने कहा है कि विपक्षी खिलाड़ी को नाट आउट करार दिए जाने के बाद रिव्यू पर फैसला लेने का काम महेंद्र सिंह धोनी का नहीं हो सकता है और लोगों की भी इसमें भूमिका होती है.

MS Dhoni
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Published : Jul 1, 2019, 4:19 PM IST

बर्मिघम : एजबेस्टन में रविवार को भारत और इंग्लैंड के मैच में हार्दिक पांड्या की एक गेंद जेसन रॉय के दस्ताने को छूकर धोनी के हाथों में चली गई थी. अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया. उस समय पांड्या और कोहली ने धोनी से पूछा लेकिन वो आश्वस्त नहीं थे, इसलिए रिव्यू नहीं लिया गया. बाद में रिप्ले में पता चला की गेंद जेसन के दस्ताने को छूकर गई थी.

मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में जब रोहित से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस तरह का फैसला लेना कुछ सेकेंड्स की बात है और यह जरूरी नहीं है कि आप हमेशा 100 फीसदी सही ही हों.

जेसन रॉय के ग्लव्स पर लगी गेंद
जेसन रॉय के ग्लव्स पर लगी गेंद

रोहित ने कहा, "वो काफी ट्रिकी चीज है, आप आश्वस्त नहीं होते हैं. आप आज जेसन रॉय के बारे में बात कर रहे हैं ना? हां, कुछ खिलाड़ियों ने आवाज सुनी और कुछ ने नहीं। कप्तान दबाव में थे. ये सही नहीं है कि आप धोनी से उम्मीद करें कि वह हमेशा सही फैसला लेंगे क्योंकि कई विचार एक साथ दिमाग में चल रहे होते हैं और फील्डिंग करने वाले खिलाड़ियों के दिमाग में आते हैं. कुछ खिलाड़ियों को लगा कि किनारा लगा था और कुछ को लगा नहीं लगा था."

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वह रिव्यू लेना चाहते हैं

उप-कप्तान ने कहा, "अगर फैसला आपके हक में जाता है तो आप भाग्यशाली होते हैं. अन्यथा हमने देखा कि क्या हुआ क्योंकि आप इस बारे में पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हो सकते कि यह सही है या नहीं क्योंकि जब अविश्वसनीय चीज होती है तो गेंदबाज काफी उत्साहित होते हैं और कहते हैं कि वह रिव्यू लेना चाहते हैं लेकिन वह इस बात पर ध्यान नहीं देते कि गेंद लाइन के बाहर है, या इस तरह की कोई और बात."

बर्मिघम : एजबेस्टन में रविवार को भारत और इंग्लैंड के मैच में हार्दिक पांड्या की एक गेंद जेसन रॉय के दस्ताने को छूकर धोनी के हाथों में चली गई थी. अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया. उस समय पांड्या और कोहली ने धोनी से पूछा लेकिन वो आश्वस्त नहीं थे, इसलिए रिव्यू नहीं लिया गया. बाद में रिप्ले में पता चला की गेंद जेसन के दस्ताने को छूकर गई थी.

मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में जब रोहित से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस तरह का फैसला लेना कुछ सेकेंड्स की बात है और यह जरूरी नहीं है कि आप हमेशा 100 फीसदी सही ही हों.

जेसन रॉय के ग्लव्स पर लगी गेंद
जेसन रॉय के ग्लव्स पर लगी गेंद

रोहित ने कहा, "वो काफी ट्रिकी चीज है, आप आश्वस्त नहीं होते हैं. आप आज जेसन रॉय के बारे में बात कर रहे हैं ना? हां, कुछ खिलाड़ियों ने आवाज सुनी और कुछ ने नहीं। कप्तान दबाव में थे. ये सही नहीं है कि आप धोनी से उम्मीद करें कि वह हमेशा सही फैसला लेंगे क्योंकि कई विचार एक साथ दिमाग में चल रहे होते हैं और फील्डिंग करने वाले खिलाड़ियों के दिमाग में आते हैं. कुछ खिलाड़ियों को लगा कि किनारा लगा था और कुछ को लगा नहीं लगा था."

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वह रिव्यू लेना चाहते हैं

उप-कप्तान ने कहा, "अगर फैसला आपके हक में जाता है तो आप भाग्यशाली होते हैं. अन्यथा हमने देखा कि क्या हुआ क्योंकि आप इस बारे में पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हो सकते कि यह सही है या नहीं क्योंकि जब अविश्वसनीय चीज होती है तो गेंदबाज काफी उत्साहित होते हैं और कहते हैं कि वह रिव्यू लेना चाहते हैं लेकिन वह इस बात पर ध्यान नहीं देते कि गेंद लाइन के बाहर है, या इस तरह की कोई और बात."

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भारतीय क्रिकेट टीम के उप-कप्तान रोहित शर्मा ने कहा है कि विपक्षी खिलाड़ी को नाट आउट करार दिए जाने के बाद रिव्यू पर फैसला लेने का काम महेंद्र सिंह धोनी का नहीं हो सकता है. और लोगों की भी इसमें भूमिका होती है.



बर्मिघम : एजबेस्टन में रविवार को भारत और इंग्लैंड के मैच में हार्दिक पांड्या की एक गेंद जेसन रॉय के दस्ताने को छूकर धोनी के हाथों में चली गई थी. अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया. उस समय पांड्या और कोहली ने धोनी से पूछा लेकिन वो आश्वस्त नहीं थे, इसलिए रिव्यू नहीं लिया गया. बाद में रिप्ले में पता चला की गेंद जेसन के दस्ताने को छूकर गई थी.



मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में जब रोहित से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस तरह का फैसला लेना कुछ सेकेंड्स की बात है और यह जरूरी नहीं है कि आप हमेशा 100 फीसदी सही ही हों.



रोहित ने कहा, "वो काफी ट्रिकी चीज है, आप आश्वस्त नहीं होते हैं. आप आज जेसन रॉय के बारे में बात कर रहे हैं ना? हां, कुछ खिलाड़ियों ने आवाज सुनी और कुछ ने नहीं। कप्तान दबाव में थे. ये सही नहीं है कि आप धोनी से उम्मीद करें कि वह हमेशा सही फैसला लेंगे क्योंकि कई विचार एक साथ दिमाग में चल रहे होते हैं और फील्डिंग करने वाले खिलाड़ियों के दिमाग में आते हैं. कुछ खिलाड़ियों को लगा कि किनारा लगा था और कुछ को लगा नहीं लगा था."



उप-कप्तान ने कहा, "अगर फैसला आपके हक में जाता है तो आप भाग्यशाली होते हैं। अन्यथा हमने देखा कि क्या हुआ क्योंकि आप इस बारे में पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हो सकते कि यह सही है या नहीं क्योंकि जब अविश्वसनीय चीज होती है तो गेंदबाज काफी उत्साहित होते हैं और कहते हैं कि वह रिव्यू लेना चाहते हैं लेकिन वह इस बात पर ध्यान नहीं देते कि गेंद लाइन के बाहर है, या इस तरह की कोई और बात."


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