लंदन: विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने पिछले साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड में दो टेस्ट गंवाए थे जबकि इसके बाद टीम को ऑस्ट्रेलिया में दिसंबर में एडिलेड में पहले टेस्ट में शर्मनाक हार का सामना पड़ा और फिर इस हफ्ते की शुरुआत में चेन्नई में इंग्लैंड ने मेजबान टीम को करारी शिकस्त दी.
पीटरसन ने एक अपने ब्लॉग पोस्ट में लिखा, ''मैंने चीजों के बदलने की बिलकुल भी उम्मीद नहीं की है लेकिन भारत की टेस्ट कप्तानी को लेकर जारी बहस से बचना असंभव है.'' उन्होंने कहा, ''विराट कोहली ने कप्तान के रूप में अब लगातार चार टेस्ट गंवाए है और टीम में अजिंक्य रहाणे हैं जिनकी अगुआई में भारत ने हाल में ऑस्ट्रेलिया में शानदार श्रृंखला जीती.''
कोहली की गैरमौजूदगी में रहाणे ने खिलाड़ियो की चोटों की समस्या से जूझ रही भारतीय टीम की अगुआई की जिसने आस्ट्रेलिया में चार टेस्ट की सीरीज 2-1 से जीती. ऑस्ट्रेलिया में मिली इस अप्रत्याशित जीत से इस बहस को हवा मिली कि कोहली की जगह रहाणे को भारतीय टेस्ट कप्तान बनाया जाना चाहिए. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने हालांकि कोहली का समर्थन करते हुए कहा कि वो अपनी कप्तानी में टीम को जीत दिलाने में पूरी तरह सक्षम हैं.
पीटरसन ने कहा, ''सोशल मीडिया पर, प्रत्येक रेडियो स्टेशन, प्रत्येक टेलीविजन चैनल और प्रत्येक समाचार चैनल, जो होना चाहिए उसे लेकर वहां काफी गहन चर्चाएं हो रही हैं. देश की कप्तानी करना काफी मुश्किल होता है और दुर्भाग्य से ये इस काम की प्रकृति है.''
उन्होंने कहा, ''ये ध्यान भटकाने की एक और चीज है जिसकी कोहली को जरूरत नहीं है लेकिन बेशक चीजों को शांत करने के लिए वो दूसरे टेस्ट में अपनी कप्तानी में टीम को जीत दिलाने में सक्षम है.'' पीटरसन का साथ ही मानना है कि पहले टेस्ट में जेम्स एंडरसन की शानदार गेंदबाजी के बाद दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव होगा.
इंग्लैंड की रोटेशन नीति के तहत ब्रॉड को पहले टेस्ट से आराम दिया गया था लेकिन वो दूसरे टेस्ट में खेलने के लिए तैयार हैं और पीटरसन का मामना है कि इस तेज गेंदबाज के पास भारत में अपनी छाप छोड़ने का शायद यह अंतिम मौका है.