हैदराबाद: कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल से लेकर एडम ज़म्पा, राशिद खान और इमरान ताहिर जैसे उम्दा कलाई के स्पिनरों की विश्व क्रिकेट में भरमार है लेकिन इन सब के साथ कीवी लेग स्पिनर ईश सोढ़ी भी एक नाम है जिन्होंने पिछले 2-3 सालों में अपनी पहचान बनाई है.
सोढ़ी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि लेग स्पिनर सीजन का स्वाद क्यों हैं,"इन दिनों, अधिकांश टीमें वनडे में आसानी से 300 से अधिक स्कोर कर रही हैं. इसलिए मध्य ओवरों में विकेट लेना और अंतिम 10 ओवरों को विपक्षी टीम के लिए जितना संभव हो उतना मुश्किल बनाना जरुरी है."
कीवी स्पिनर ईश सोढ़ी ने बताई अपने करियर में उतार चढ़ाव की वजह - विश्व क्रिकेट
न्यूजीलैंड के स्पिन गेंदबाज ईश सोढ़ी का मानना है लंबे समय तक तेज गेंदबाजी की कोशिश करने से उनकी वास्तविक गेंदबाजी को नुकसान झेलना पड़ा है, लेकिन इससे उभर कर वो वापस अपनी लए पकड़ने का प्रयास कर रहे है.
हैदराबाद: कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल से लेकर एडम ज़म्पा, राशिद खान और इमरान ताहिर जैसे उम्दा कलाई के स्पिनरों की विश्व क्रिकेट में भरमार है लेकिन इन सब के साथ कीवी लेग स्पिनर ईश सोढ़ी भी एक नाम है जिन्होंने पिछले 2-3 सालों में अपनी पहचान बनाई है.
सोढ़ी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि लेग स्पिनर सीजन का स्वाद क्यों हैं,"इन दिनों, अधिकांश टीमें वनडे में आसानी से 300 से अधिक स्कोर कर रही हैं. इसलिए मध्य ओवरों में विकेट लेना और अंतिम 10 ओवरों को विपक्षी टीम के लिए जितना संभव हो उतना मुश्किल बनाना जरुरी है."
कीवी स्पिनर ईश सोढ़ी ने बताया अपने करियर में उतार चढ़ाव की वजह
न्यूजीलैंड के स्पिन गेंदबाज ईश सोढ़ी का मानना है लंबे समय तक तेज गेंदबाजी की कोशिश करने से उनकी वास्तविक गेंदबाजी को नुकसान झेलना पड़ा है, लेकिन इससे उभर कर वो वापस अपनी लए पकने का प्रयास कर रहे है.
हैदराबाद: कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल से लेकर एडम ज़म्पा, राशिद खान और इमरान ताहिर जैसे उम्दा कलाई के स्पिनरों की विश्व क्रिकेट में भरमार है लेकिन इन सब के साथ कीवी लेग स्पिनर ईश सोढ़ी भी एक नाम है जिन्होंने पिछले 2-3 सालों में अपनी पहचान बनाई है.
सोढ़ी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि लेग स्पिनर सीजन का स्वाद क्यों हैं,"इन दिनों, अधिकांश टीमें वनडे में आसानी से 300 से अधिक स्कोर कर रही हैं. इसलिए मध्य ओवरों में विकेट लेना और अंतिम 10 ओवरों को विपक्षी टीम के लिए जितना संभव हो उतना मुश्किल बनाना जरुरी है."
सोढ़ी ने कहा," यदि किसी टीम के 40 वें ओवर में केवल तीन विकेट गिरे हैं, तो वे आसानी से अंतिम 10 में 100-120 रन हासिल कर सकती है, लेकिन अगर वे छह विकेटों पर हैं तब लेग-स्पिनर काम आएंगे."
गौरतलब है कि इस 26 वर्षीय खिलाड़ी को विश्व क्रिकेट में अब लगभग 5 साल हो गए हैं लेकिन अब भी वो न्यूजीलैंड की तरफ से अपनी जगह को पक्की करने में नाकाम रहे हैं.
ये पूछे जाने पर कि वो कौन सी चीज है जिसने शीर्ष स्तर पर उनके करियर को बाधित किया है, सोढ़ी ने कहा कि "वो बहुत तेज गेंदबाजी करने की कोशिश कर रहे थे" कुछ ऐसा जिसने उन्हें उनकी काबिलियत से भटका दिया.
गेंदबाज ने बताया,"मैंने लंबे समय के लिए तेज गेंदबाजी करने की कोशिश की, जिसने मुझे अपनी ताकत से दूर कर दिया. मैं ये भूल गया था की मेरी वास्तविक ताकत गेंद को अधिक घुमाना और बल्लेबाजों को मेरी उछाल का शिकार बनाना है. मैं तेजी से गेंदबाजी करने पर ऐसा नहीं कर सकता. इसको समझ कर पुनर्विकास करना अच्छा है."
Conclusion: