नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने भारतीय क्रिकेट में उच्च स्तर पर वंशवाद को साफ तौर पर नकार दिया है, लेकिन साथ ही कहा है कि घरेलू क्रिकेट में ऐसा हुआ है.
आकाश ने अपने यूट्यूब शो आकाशवाणी पर कहा,"मैंने ऐसा राज्य की टीमों में होते हुए देखा है जहां एक खिलाड़ी लंबे समय तक कप्तान रहा था. वो एक प्रशासक का बेटा था, न कि किसी खिलाड़ी का. वो बहुत अच्छा खिलाड़ी भी नहीं था और उसके आंकड़े भी इस बात को बता देते हैं. लेकिन उच्च स्तर पर, ऐसा कभी नहीं होता. कोई किसी को आईपीएल अनुबंध इसलिए नहीं देता, क्योंकि वो किसी का बेटा है, या भतीजा है."
आकाश ने रोहन गावस्कर और अर्जुन तेंदुलकर के उदाहरण दिए. रोहन महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के बटे हैं और अर्जुन क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के बेटे हैं.
उन्होंने कहा,"चूंकि वो सुनील गावस्कर के बेटे हैं तो उन्हें ज्यादा क्रिकेट खेलनी चाहिए थी, ज्यादा वनडे और टेस्ट, लेकिन ऐसा नहीं हुआ."
आकाश ने कहा,"जब वो भारत के लिए खेले वो इसलिए, क्योंकि वो बंगाल के लिए लगातार अच्छा कर रहे थे. सब छोड़िए, वो एक समय तो मुंबई की रणजी टीम में नहीं थे. मुंबई टीम में उन्हें जगह नहीं मिल रही थी जबकि उनके नाम के पीछे गावस्कर लगा है."
रोहन ने भारत के लिए 11 वनडे मैच खेले जिसमें उन्होंने 151 रन बनाए.
आकाश ने कहा,"आप यही बात अर्जुन के बारे में कह सकते हो क्योंकि वो सचिन के बेटे हैं, कुछ भी उन्हें प्लेट में नहीं दिया गया. वो भारतीय टीम में आसानी से नहीं पहुंचे. अंडर-19 में भी कोई फालतू का चयन नहीं हुआ था. जब भी चयन होता है तो ये प्रदर्शन के आधार पर होता है."