अबू धाबी: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को जिस रोमांच के लिए याद किया जा रहा था, वह 13वें सीजन के पहले मैच में ही देखने को मिला. शेख जाएद स्टेडियम में रविवार को खेले गए पहले मैच में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स ने रोहित शर्मा की कप्तानी वाली मुंबई इंडियंस को पांच विकेट से हरा लीग का विजयी आगाज किया.
किरोन पोलार्ड, हार्दिक पांड्या, शेन वाटसन जैसे तूफानी बल्लेबाजों के बल्ले तो खामोश रहे और जसप्रीत बुमराह की धार भी नहीं दिखी. चला तो अंबाती रायडू और फाफ डु प्लेसिस का बल्ला. इन दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 115 रनों की पार्टरनशिप की.
सीएसके के कप्तान एमएस धोनी ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी. सीएसके ने डेथ ओवरों में कसी हुई गेंदबाजी के कारण मुंबई को 20 ओवरों में नौ विकेट पर 162 रनों पर सीमित कर दिया. यही वो समय था जहां पोलार्ड और पांड्या ब्रदर्स हावी हो सकते थे लेकिन डु प्लेसिस की शानदार फील्डिंग और लुंगी नगिदी की बेहतरीन गेंदबाजी ने इन्हें पवेलियन भेज दिया.
चेन्नई ने 163 रनों के लक्ष्य को 19.2 ओवरों में पांच विकेट खोकर हासिल कर लिया.
चेन्नई की शुरुआत अच्छी नहीं रही. पहले ही ओवर में शेन वाटसन (4) और दूसरे ओवर में मुरली विजय (1) पवेलियन लौट लिए थे. यहां रैना की कमी खलती दिख रही थी, लेकिन अंबाती रायडू (71 रन, 48 गेंदें, छह चौके, तीन चौके) ने इसे पूरी की और फाफ डु प्लेसिस (नाबाद 58 रन, 44 गेंदें, 6 चौके) के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी के दम पर चेन्नई को मैच मे बनाए रखा.
16वें ओवर में राहुल चहर की गेंद पर क्रूणाल पांड्या ने रायडू को जीवनदान दिया, लेकिन रायडू इसी ओवर की आखिरी गेंद पर राहुल द्वारा ही लपके गए.
सीएसके को जीत दिलाने की जिम्मेदारी अब डु प्लेसिस पर थी. इस बीच क्रूणाल ने रवींद्र जडेजा (5 गेंदें, 10 रन) को आउट कर मुंबई के लिए उम्मीद की किरण जगाई. धोनी ने खुद न आकर सैम कुरैन को मैदान पर भेजा.
कुरैन ने आउट होने से पहले छह गेंदों पर दो छक्के और एक चौका लगाकर 18 रन बना टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया. डु प्लेसिस ने चौका मार टीम को जीत दिलाई.
मैच को शुरुआत से देखा जाए तो, चेन्नई की अपेक्षा मुंबई की शुरुआत शानदार रही. धोनी ने पहला ओवर दीपक चहर को दिया. रोहित ने इस सीजन की पहली ही गेंद पर चौका मार दीपक का अच्छा स्वागत किया. रोहित के जोड़ीदार क्विंटन डी कॉक का बल्ला भी चल गया और उन्होंने भी इस ओवर में एक चौका मारा.
दोनों लय पकड़ चुके थे और शुरुआती चार ओवरों में टीम का स्कोर 45 हो गया था. धोनी ने गेंदबाजी में बदलाव करते हुए लेग स्पिनर पीयूष चावला को लगाया. पीयूष ने तीसरी ही गेंद पर रोहित को आउट कर मुंबई का पहला विकेट गिरा दिया. रोहित के जाने के बाद क्विंटन भी अगले ओवर में सैम कुरैन की गेंद पर आउट हो गए. कुरैन ने पांच चौकों की मदद से 33 रन बनाए और 20 गेंदें खेलीं.
स्ट्रेटिजिक टाइम आउट तक मुंबई ने नौ ओवरों में दो विकेट के नुकसान पर 83 रन बना लिए. लौटने के दूसरे ओवर में यानी पारी के 11वें ओवर की आखिरी गेंद पर सूर्यकुमार यादव (17 रन, 16 गेंदें, 2 चौके) दीपक चहर की गेंद पर बाउंड्री पर सैम कुरैन के हाथों लपके गए.
इसके बाद फॉर्म में चल रहे सौरभ तिवारी (42 रन, 31गेंदें, 3 चौके, 1 छक्का) और तूफानी बल्लेबाज हार्दिक पांड्या को फाफ डु प्लेसिस की शानदार फील्डिंग के कारण पवेलियन लौटना पड़ा.
डु प्लेसिस ने दोनों कैच रवींद्र जडेजा की गेंद पर लपके. हार्दिक के भाई क्रूणाल पांड्या सिर्फ तीन रन ही बना सके. फिर गेंदबाजी करने आए नगिदी ने एक ही ओवर में पोलार्ड (18), जेम्स पैटिनसन (11) को आउट कर मुंबई की बड़े स्कोर की उम्मीदे को खत्म कर दिया.
चेन्नई के नगिदी ने चार ओवरों में 38 रन देकर तीन विकेट लिए. चहर ने चार ओवरों में 32 और जडेजा ने चार ओवरों में 42 रन दिए. दोनों ने दो-दो विकेट चटकाए. पीयूष और सैम को एक-एक विकेट मिला.