कटक: कप्तान विराट कोहली (85) और रोहित शर्मा-लोकेश राहुल शतकीय साझेदारी के दम पर भारत ने रविवार को यहां बाराबती स्टेडियम में खेले गए तीन मैचों की सीरीज के आखिरी और निर्णायक वनडे में वेस्टइंडीज को चार विकेटों से मात दे सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली है.
वेस्टइंडीज ने निकोलस पूरन (89) और कप्तान केरन पोलार्ड (74) की दमदार पारियों के बूते 50 ओवरों में पांच विकेट खोकर 315 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था जिसे भारत ने 48.4 ओवरों में छह विकेट खोकर हासिल कर लिया.
कोहली के अंत में आउट होने के बाद भारत को जीत के लिए परेशानी होती दिख रही थी लेकिन शार्दूल ठाकुर ने अंत में दो शानदार चौके और एक छक्का लगा भारत को जीत दर्ज करने में किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी.
रोहित और राहुल ने भारत को जीत हासिल करने के लिए मंच दे दिया था. दोनों ने विंडीज के मजबूत स्कोर के सामने पहले विकेट के लिए 122 रनों की साझेदारी की. लेकिन इन दोनों के आउट होने का बाद भारत का अनुभवहीन युवा मध्य क्रम ढह गया.
रोहित अर्धशतक पूरा कर चुके थे. वे अपने शतक की ओर बढ़ रहे थे. तभी जेसन होल्डर की एक गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर शे होप के दस्तानो में चली गई. रोहित ने 63 गेंदों में 63 रनों की पारी खेली जिसमें आठ चौके और एक छक्का शामिल रहा.
रोहित हालांकि बतौर सलामी बल्लेबाज एक साल में सबसे ज्यादा रन बनाने के श्रीलंका के पूर्व कप्तान सनथ जयासूर्या के 22 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने में सफल रहे. रोहित ने साल 2019 का अंत 2442 अंतरराष्ट्रीय रनों के साथ किया. जूयासर्या ने 1997 में 2387 रन बनाए थे.
रोहित के बाद राहुल का विकेट गिरा. अल्जारी जोसेफ की गेंद पर वे भी होप के हाथों लपके गए. राहुल ने अपनी 77 रनों की पारी में 89 गेंदें खेलीं और आठ चौके, एक छक्का मारा. राहुल का विकेट 167 रनों पर गिरा. उन्होंने दूसरे विकेट के लिए कप्तान के साथ 45 रन जोड़े.
श्रेयस अय्यर (7), ऋषभ पंत (7), केदार जाधव (8) के विकेट जल्दी गिर जाने के बाद से भारतीय टीम दबाव में आ गई. कप्तान कोहली हालांकि एक छोर पर खड़े रहे. उनके रहने से टीम को उम्मीद थी. उन्हें बस जरूरत थी तो दूसरे छोर से साथ की.
रवींद्र जडेजा ने वो साथ भी दिया और कोहली के साथ मिलकर टीम का स्कोर 286 रनों तक ले गए. ये साझेदारी टीम को जीत की दहलीज के करीब ले आई थी और पूरी उम्मीद थी कि यह जोड़ी बिना किसी परेशानी के भारत की जीत दिला देगी.
भारत को जब 24 गेंदों पर 30 रनों की जरूरत थी तभी कीमो पॉल की गेंद कोहली के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटों पर जा लगी और कोहली पवेलियन लौट लिए. कोहली ने 81 गेंदों की पारी में नौ चौके मारे.
यहां लगा की भारत को परेशानी हो सकती है और विंडीज मैच को अपने पक्ष में ला सकती है. हालांकि शार्दूल ठाकुर ने छेंहों गेंदों पर 17 रन बना विंडीज को मैच में वापसी नहीं करने दी.
दूसरे छोर से जडेजा ने भी ये सुनिश्चित किया कि शार्दूल अपने बल्ले से रन बरसाएं. जडेजा 31 गेंदों पर 39 रन बनाकर नाबाद रहे.
इससे पहले, टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी विंडीज टीम को एविन लुइस (21) और होप (42) ने पहले विकेट के लिए 57 रनों की साझेदारी करके अच्छी शुरूआत दी. इसके बाद मेहमान टीम ने 144 के स्कोर तक अपने चार विकेट गंवा दिए थे.
इनमें लुइस और होप के अलावा शिमरोन हेटमायेर (37) और रोस्टन चेज (38) के विकेट भी शामिल हैं. दोनों बल्लेबाजों ने तीसरे विकेट के लिए 62 रन जोड़े.
हेटमायेर और चेज के आउट होने के बाद पूरन और पोलार्ड ने पांचवें विकेट के लिए 135 रनों की बेहतरीन साझेदारी करके विंडीज को मजबूत स्कोर तक पहुंचा दिया. पूरन ने 64 गेंदों पर 10 चौके और तीन छक्के लगाए. उनका यह पांचवां अर्धशतक है.
पोलार्ड ने 51 गेंदों पर तीन चौके और सात छक्के लगाए. उनका ये 10वां अर्धशतक है. जेसन होल्डर ने चार गेंदों पर एक चौके की मदद से नाबाद सात रनों का योगदान दिया.
पोलार्ड ने इसके बाद होल्डर के साथ छठे विकेट के लिए 36 रनों की अविजित साझेदारी करके विंडीज को पांच विकेट पर 316 रनों के मजबूत स्कोर तक पहुंचा दिया.
विंडीज के बल्लेबाजों ने अपनी तूफानी बल्लेबाजी के दम पर अंतिम पांच ओवरों में 77 और 10 ओवरों में 118 रन जुटाए.
भारत की ओर से अपना पदार्पण मैच खेल रहे तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने दो और मोहम्मद शमी, रवींद्र जडेजा और शार्दुल ठाकुर ने एक-एक विकेट लिए.
पिछले मैच में अपने वनडे करियर की दूसरी हैट्रिक लेने वाले कुलदीप को इस मैच में एक भी विकेट नहीं मिला और उन्होंने अपने 10 ओवरों में 67 रन खर्च कर डाले.