इंदौर: बांग्लादेश के कप्तान मोमिनुल हक ने स्वीकार किया कि पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के शुरुआती दिन भारत के दमदार तेज गेंदबाजी आक्रमण का सामना करने के लिए उनके टीम के पास जरूरी मानसिक मजबूती का अभाव था.
बांग्लादेश की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 150 रन पर आउट हो गई. भारत की तरफ से इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और उमेश यादव की तेज गेंदबाजी की त्रिमूर्ति ने मिलकर सात विकेट लिए. सबसे अहम बात ये रही कि बांग्लादेश के निचले क्रम के बल्लेबाज भारतीय तेज गेंदबाजों का सामना करने में दहशत में दिखे.
मोमिनुल ने पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, 'विकेट बल्लेबाजी के लिए खराब नहीं था या फिर मैंने या मुशफिकुर (रहीम) ने उतने रन नहीं बनाए जितने बनाने चाहिए थे. समस्या ये है कि जब आप विश्व की नंबर एक टेस्ट टीम के खिलाफ खेल रहे हों तो आपको मानसिक तौर पर अधिक मजबूत होना पड़ता है.'
मोमिनुल से जब उछाल वाली पिच पर टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के फैसले के बारे में पूछा गया तो कप्तान ने उसका बचाव किया. उन्होंने कहा, 'अगर हमने अच्छी शुरुआत की होती तो ये सवाल पैदा ही नहीं होता.'
मोमिनुल से पूछा गया कि क्या खिलाड़ियों की हड़ताल को देखते हुए भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के लिए तैयारियां आदर्श थी. उन्होंने कहा, 'मैंने व्यक्तिगत तौर पर पिछले पांच महीनों में नौ प्रथम श्रेणी मैच खेले और मुझे लगता है कि ये अच्छी तैयारी है. हां अंतर अच्छी गेंदबाजी का है जिसका हम सामना कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में निश्चित तौर पर गेंदबाजी का स्तर बढ़ जाता है. आप इस स्तर पर गेंदबाज से 120 या 130 किमी की रफ्तार से गेंदबाजी की उम्मीद नहीं कर सकते. ये शत प्रतिशत मानसिकता से जुड़ा है.'
इस युवा कप्तान से पूछा गया कि मुशफिकुर को नंबर चार की बजाय नंबर पांच पर क्यों भेजा गया जबकि वे विशुद्ध बल्लेबाज के रूप में खेल रहे हैं, उन्होंने कहा, 'ये टीम प्रबंधन का फैसला था कि उन्हें नंबर पांच पर आना चाहिए. मुझे भी लगता है कि उनका खेल नंबर पांच के अनुकूल है.'