नई दिल्ली : अपनी गेंदबाजी से कई बार बड़ी साझेदारियां तोड़ने वाले सुरेश रैना अच्छी तरह जानते हैं कि कामचलाऊ गेंदबाजी के कई विकल्प टीम को संतुलन और विविधता देते हैं जिसकी भारतीय टीम को आजकल कमी खल रही है.
पीठ की सर्जरी के बाद ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या गेंदबाजी (सिर्फ एक मैच को छोड़कर) नहीं कर रहे हैं और ऐसे में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मंगलवार को संपन्न हुई सीमित ओवरों की श्रृंखला में छठे गेंदबाजी विकल्प की कमी खली.
रैना ने कहा, "बल्लेबाज का गेंदबाजी करना और गेंदबाज का बल्लेबाजी करना काफी महत्वपूर्ण होता है, यह हमेशा टीम के लिए उपयोगी होता है."
उन्होंने कहा, "कप्तान के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण होता है कि कोई बल्लेबाज चार-पांच ओवर गेंदबाजी करे और रन गति पर अंकुश लगाए जिसके बाद आपके सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज दोबारा गेंदबाजी के लिए आएं."
कामचलाऊ ऑफ स्पिन गेंदबाजी करने वाले 34 साल के रैना ने कहा कि सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज बल्लेबाज नियमित रूप से गेंदबाजी करते थे जिससे टीम में संतुलन बनाने में मदद मिलती थी.
उन्होंने कहा, "सचिन पाजी गेंदबाजी करते थे, वीरू भाई ने काफी विकेट चटकाए. युवी (युवराज सिंह) पाजी ने हमें विश्व कप जिताने में मदद की."
रैना ने कहा, "जब हम गांवों में टूर्नामेंट खेला करते थे तो हमें बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी भी करनी होती थी, नहीं तो टीम में हमारा चयन नहीं होता था."
उन्होंने कहा, "क्षेत्ररक्षण अच्छा होना चाहिए क्योंकि हमें नहीं पता कि बल्लेबाजी और गेंदबाजी में हमें मौका मिलेगा या नहीं."