हैदराबाद: 2009 से लेकर 2019 तक कुल 6 बार महिला खिलाड़ियों ने एक दूसरे को ICC Women World Cup T20 में चैलेंज दिया है वहीं इस बार 2020 में ये सातवां मौका होगा जब 22 गज की पिच पर महिलाओं के बीच घमासान देखने को मिलेगा. इस विश्व कप की शुरूआत 21 फरवरी को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गहमागहमी से होगी.
ये पहला मौका है जब ऑस्ट्रेलिया महिला टी-20 विश्वकप की मेजबानी करेगा जबकि सबसे पहले इस टूर्नामेंट को क्रिकेट के जन्मदाता इंग्लैंड ने होस्ट किया था.
होस्ट करने के मामले में ऑस्ट्रेलिया पहली बार आगे आया है लेकिन टूर्नामेंट जीतने को लेकर चार बार टीम ने अपने क्रिकेटिंग डीएनए का परिचय दिया है. ऑस्ट्रेलिया के अलावा इंग्लैंड और विंडीज ने एक-एक बार चैंपियन बनकर अपना नाम विनिंग लिस्ट में दर्ज कराया है वहीं न्यूजीलैंड एकलौती ऐसी टीम है जो इन टीमों के अलावा फाइनल में जगह बना सकी है.
एक दशक से चले आ रहे इस टूर्नामेंट में 10 टीमें भाग लेती आ रही हैं लेकिन इसकी शुरुआत पहले 8 टीमों के साथ हुई थी. 2009, 2010 और 2012 में इस टूर्नामेंट में केवल 8 टीमें (ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, इंडिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और विंडीज) इस टूर्नामेंट की शोभा बढ़ा रहे थे लेकिन 2014 से बांग्लादेश और आयरलैंड ने जुड़कर इस परिवार को और बड़ा कर दिया. 2014 से लेकर अभी तक 10 टीमें इस विश्वकप को पाने के लिए दिन रात एक करती आ रही हैं. इस बार इस परिवार का हिस्सा थाईलैंड भी बन गया है क्योंकि इन्होंने स्कॉटलैंड में खेले गए आईसीसी महिला विश्वकप टी-20 क्वालिफाइयर में आयरलैंड को हराकर विश्वकप के मेन इवेंट के लिए क्वालीफाई कर लिया है.
2009 से लेकर 2016 तक, महिला विश्वकप और पुरूष विश्वकप की मेजबानी एक ही देश को दी जा रही थी वहीं 2018 में पहली बार इस मान्यता को तोड़ते हुए वेस्ट इंडीज में महिला विश्वकप का आयोजन किया गया. 2017 महिला विश्वकप में मिली बड़ी सफलता के बाद से महिला विश्वकप को लेकर आईसीसी ने अपना रूख बदलते हुए महिला क्रिकेट पर निवेश करना शुरू कर दिया. हालांकि 2020 में एक बार फिर से एक ही देश (ऑस्ट्रेलिया) को इन दोनों मार्की इवेंट की जिम्मेदारी दी गई लेकिन महिला विश्वकप को साल के शुरुआत में आयोजित किया गया वहीं पुरूष विश्वकप को नवंबर में कराए जाने की बात पर सहमती जताई गई. इस विश्वकप को लेकर आईसीसी का मानना है कि वो सबसे ज्यादा फैंस को अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम होंगें.
इस टूर्नामेंट के पहले संसकरण (2009) में इंग्लैंड ने मेजबानी का जिम्मा लिया था जिसके बाद पहली ही बार में वो टीम चैंपियन बनकर निकली भी थी. उस संस्करण के फाइनल मैच में इंग्लैंड का सामना न्यूजीलैंड से हुआ था जहां इंग्लैंड ने 6 विकेट से जीत हासिल कर पहली बार टी-20 विश्व चैंपियन बनने का तमंगा हासिल किया था उसके बाद लगातार 3 बार (2010 वेस्ट इंडीज, 2012 श्रीलंका, 2014 बांग्लादेश) में ऑस्ट्रेलिया ने विश्व चैंपियन बन अपने विश्व विजेता होने पर मुहर लगवाई. 2016, कोलकाता में खेले गए विश्वकप के दौरान ऑस्ट्रेलिया की इस विनिंग स्ट्रीक को विंडीज तोड़ने में सफल हुई. लेकिन 2018 में ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर से अपने क्रिकेट की क्षमता का परिचय देते हुए चौथी बार विश्व चैंपियन का टाइटल जीता. हालांकि अब तक इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड के आलावा होस्ट नेशन विजेता नहीं बन सका है. अब देखना ये होगा कि इस कड़ी को तोड़ने में ऑस्ट्रेलिया सफल हो पाती है या नहीं ?
कुल मिलाकर देखा जाए तो महिला टी-20 विश्वकप की सबसे सफल टीम ऑस्ट्रेलिया है जिसने 5 बार फाइनल में शिरकत की है वहीं इंग्लैंड ने 4 बार फाइनल में जगह बनाई है जिसमें में से वो तीन बार ऑस्ट्रलिया के हाथों फाइनल में निराश हुए हैैं. न्यूजीलैंड ने 2 बार फाइनल पहुंचकर ट्रॉफी पर अपने हाथ जमाने की कोशिश की लेकिन वो एक बार भी कामयाब नहीं हुईं. जबकि विंडीज ने एक ही बार में फाइनल खेलकर टाइटल अपने नाम कर लिया.
अब जायजा लेते हैं उन टीमों का जो अभी तक टॉप 2 का हिस्सा नहीं बन सकी हैं. भारत और दक्षिण अफ्रीका एकलौती दो ऐसी टीमें हैं जो महिला विश्वकप टी-20 के आखिरी चार का हिस्सा बन पाई हैं. भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साल 2009, 2010, 2018 में देखने को मिला था जब भारतीय टीम सेमीफाइनल तक पहुंच सकी थी. वहीं दक्षिण अफ्रीकी टीम सिर्फ 2014 में नॉकआउट स्टेज तक पहुंच पाई थी. इसके अलावा पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, आयरलैंड पहला राउंड से आगे ही नहीं बढ़ सके हैं.