लंदन: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन का मानना है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच मैच की दशा में आईसीसी को ऐसी चोटों के लिए अधिक स्थानापन्न खिलाड़ियों की अनुमति देनी चाहिए, जिनमें खिलाड़ियों को उपचार के लिए अस्पताल जाने की जरूरत पड़े.
इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच जुलाई में जैविक सुरक्षित वातावरण में तीन मैचों की सीरीज के जरिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली होगी. यह कोरोना महामारी के कारण मार्च में खेल स्थगित होने के बाद पहला टूर्नामेंट है.
इंग्लैंड की 54 टेस्ट में कप्तानी करने वाले एथरटन ने कहा कि खेल बहाल होने के बाद एक दो मसले रहेंगे.
उन्होंने कहा कि इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज अगले महीने होनी है और यह बायो सिक्योर वातावरण में होगी, इसलिए टीमों को ज्यादा विकल्प चाहिए होंगे.
एथरटन ने एक पोडकास्ट पर शॉन पोलॉक से बात करते हुए कहा, "अगर बल्लेबाज की उंगली में चोट लगती है और उसे एक्स-रे के लिए अस्पताल जाना. उसे बबल से बाहर जाना पड़ेगा और अगर जांच या नतीजे में देरी हो जाए तो क्या होगा. मुझे लगता है कि आपको एक या दो बार समझौता करना होगा."
एथरटन ने कहा कि इस स्थिति में कन्कशन के नियम को विस्तार देना चाहिए होगा.
उन्होंने कहा, "आपको याद है कि मार्नस लाबुशैन स्टीव स्मिथ के रूप में पहले कन्कशन थे. ऐसा हो सकता है कि थोड़े समय के लिए अगर किसी को चोट लगती है और उसे अस्पताल जाना पड़ा तो उसके लिए विकल्प मंजूर करना होगा. चाहे वो टूटी उंगली के लिए हो या मांसपेशियों के लिए."