नई दिल्ली : लिंडा ने एक आधिकारिक बयान साझा कर इस बात की जानकारी दी. डिविलियर्स ने बीते साल आईपीएल के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. हालांकि वो लगातार अलग-अलग देशों की टी-20 लीगों में खेलते रहे थे. विश्वकप से पहले उन्होंने सीएसए से कहा था कि वो विश्वकप में टीम हित के लिए संन्यास से वापसी करने को तैयार हैं. अब लिंडा ने बताया है कि उन्होंने डिविलियर्स के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था.
घरेलू सीरीज खेलने के लिए तैयार नहीं थे
लिंडा ने कहा है कि डिविलियर्स श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ घरेलू सीरीज खेलने के लिए तैयार नहीं थे. इन दोनों सीरीज के बजाए उन्होंने अन्य देशों की टी-20 लीग में खेलने का फैसला किया था जबकि ये दोनों सीरीज विश्वकप टीम में चयन का खिलाड़ियों के लिए पैमाना थीं.
वो संन्यास न लें
उन्होंने अपने बयान में लिखा है, "मैंने डिविलियर्स से 2018 में कहा था कि वो संन्यास न लें. वह अपने हिसाब से खेलने का फैसला कर रहे थे जो गलत है. मैंने उन्हें सीजन के हिसाब से रणनीति बनाने का विकल्प दिया था ताकि वह विश्वकप के लिए तारो ताजा रह सकें. हमने साफ कर दिया था कि श्रीलंका और पाकिस्तान के खिलाफ होने वाली सीरीज विश्वकप के लिए टीम का पैमाना होंगीं.
वो एक बुरा उदाहरण नहीं देना चाहते
टीम के कप्तान फॉफ डु प्लेसिस और ओटिस गिब्सन ने डिविलियर्स के प्रस्ताव के बारे में चयनकर्ताओं को बताया था लेकिन लिंडा ने कहा कि ये बात उन्हें काफी हैरान कर गई. उन्होंने कहा कि वह एक बुरा उदाहरण नहीं देना चाहते थे.
वो एक बहुत बड़ा गैप छोड़ गए थे
उन्होंने कहा, "18 अप्रैल को जब हम विश्वकप टीम की घोषणा करने वाले थे उस दिन डु प्लेसिस और गिब्सन का डिविलियर्स का टीम में आने वाले प्रस्ताव का बताना मेरे लिए हैरानी वाली बात थी. डिविलियर्स ने संन्यास लिया था, तब वह एक बहुत बड़ा गैप छोड़ गए थे. हमारे पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो काफी मेहनत करते हैं और उनको विश्वकप खेलने का मौका मिलना चाहिए. ये फैसला इसी उसूल पर लिया गया कि हमें टीम चयन में काफी पारदर्शी होना पड़ेगा."