नई दिल्ली : पिछले सप्ताह रणजी ट्रॉफी फाइनल में बंगाल के खिलाफ 237 गेंदों पर 66 रन बनाने पर भी उनकी आलोचना हुई थी. उन्होंने जबकि तब बुखार और गले में संक्रमण के बावजूद अर्पित वासवदा के साथ मिलकर मैच का पासा पलटने वाली साझेदारी निभाई थी जिससे सौराष्ट्र पहली पारी में बढ़त हासिल करके पहली बार रणजी चैंपियन बनने में सफल रहा था.
स्ट्राइक रेट के कारण आलोचना झेलनी पड़ी
सौराष्ट्र हो या भारत, पुजारा कहीं से भी खेल रहे हों उन्हें हमेशा अपने स्ट्राइक रेट के कारण आलोचना सहनी पड़ती है. कोविड-19 के कारण दुनिया भर की खेल गतिविधियां ठप्प पड़ जाने के कारण परिवार के साथ समय बिता रहे पुजारा ने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि टीम के अंदर इसको लेकर ज्यादा बात होती है. मीडिया में इसका विश्लेषण अलग तरह से होता है लेकिन टीम मैनेजमेंट इस मामले में पूरी तरह से मेरा साथ देता है. कप्तान, कोच या किसी अन्य की तरफ से कोई दबाव नहीं है.''
टीम प्रबंधन मेरे खेल की शैली और उसके महत्व को समझता है
अब तक 77 टेस्ट मैचों में 48.66 की औसत से रन बनाने वाले पुजारा ने कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जब स्ट्राइक रेट की बात आती है तो लोग टीम प्रबंधन की राय की बात करने लगते हैं लेकिन मुझ पर इसका किसी तरह का दबाव नहीं होता है. टीम प्रबंधन मेरे खेल की शैली और उसके महत्व को समझता है.’
उन्होंने कहा, ''सोशल मीडिया पर (रणजी फाइनल के दौरान) सवाल किया गया कि मैं इतने रन बनाने के लिए ज्यादा समय क्यों ले रहा हूं. क्या मैंने ऐसी बातों पर ध्यान दिया? नहीं... मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि टीम को जीत मिले.''
पुजारा ने इस सत्र में पांच अर्धशतक जमाए हैं
पुजारा ने कहा, ''लोगों की एक व्यक्ति पर उंगली उठाने की आदत होती है लेकिन यह केवल मुझ तक सीमित नहीं है। अगर आप किसी भी टेस्ट सीरीज पर गौर करो जहां मैंने थोड़ा अधिक समय लेकर रन बनाए हों, वहां विरोधी टीम के बल्लेबाजों ने भी उतनी ही अधिक गेंदें खेली.''
उन्होंने कहा, ''मैं समझता हूं कि मैं डेविड वॉर्नर या वीरेंदर सहवाग नहीं बन सकता लेकिन अगर कोई सामान्य बल्लेबाज क्रीज पर समय ले रहा है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. न्यूजीलैंड में सभी भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा और भारत टेस्ट सीरीज में 0-2 से हार गया. पुजारा ने इस सत्र में पांच अर्धशतक जमाए हैं लेकिन वह अपने 18 टेस्ट शतकों में कोई इजाफा नहीं कर पाए.''
यह हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण सीरीज में से एक है
पुजारा ने कहा, ''लोग मुझसे बड़ी पारी की उम्मीद करते हैं. मैं हमेशा खुद के सामने शतक जड़ने की चुनौती रखता हूं लेकिन टेस्ट में 50 के करीब के औसत का मतलब है कि आपने लगभग हर दूसरी पारी में 50 के आसपास रन बनाए. मैं हमेशा अपने लिए उच्च मानदंड तय करता हूं और मैं सत्र में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हूं लेकिन मैं इसे बुरा भी नहीं कह सकता हूं.''
IPL में खेलने का इंतजार कर रहे है डेविड वॉर्नर
न्यूजीलैंड में हार पर सोचने के बजाय पुजारा ऑस्ट्रेलियाई चुनौती पर ध्यान दे रहे हैं, विशेषकर वहां के पिछले दौरे में अच्छे प्रदर्शन के बाद टीम से अपेक्षाएं बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा, ''यह हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण सीरीज में से एक है. ऑस्ट्रेलियाई टीम में इस बार स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर भी होंगे. इस बारे में पुजारा ने कहा, ‘वे (स्मिथ और वॉर्नर) अहम खिलाड़ी हैं लेकिन अगर हम वैसा ही खेलते हैं जैसा पिछली सीरीज में खेले थे, तो फिर हम उन्हें हरा सकते हैं.''