नई दिल्ली: शशांक मनोहर ने ICC के पहले स्वतंत्र चेयरमैन का पद छोड़ दिया है. उम्मीद की जा रही है कि उनके जाने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का फायदा होगा.
शशांक मनोहर ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के पहले स्वतंत्र चेयरमैन का पद छोड़ दिया. इसके साथ ही उनका कार्यकाल भी खत्म हो गया जिस दौरान भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने ICC में अपना प्रभाव खोया.
मनोहर ने नवंबर 2015 में आईसीसी चेयरमैन का पद संभाला था. फिलहाल आईसीसी के उप चेयरमैन हांगकांग के इमरान ख्वाजा को अंतरिम चेयरमैन हैं.
ICC ने कहा, ‘आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर ने दो साल के दो कार्यकाल के बाद पद छोड़ दिया है. आईसीसी बोर्ड ने आज बैठक की और सहमति जताई कि उप चेयरमैन इमरान ख्वाजा उत्तराधिकारी के चयन तक चेयरमैन की जिम्मेदारी निभाएंगे.’
बता दें कि आईसीसी बोर्ड के अगले हफ्ते तक अगले अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को स्वीकृति देने की उम्मीद है. इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के पूर्व चेयरमैन कोलिन ग्रेव्स और भारत के सौरव गांगुली आईसीसी चेयरमैन पद के मुख्य दावेदार हैं.
पूर्व भारतीय कप्तान गांगुली की दावेदारी हालांकि इस बात पर निर्भर करती है उच्चतम न्यायालय उन्हें लोढा समिति के प्रशासनिक सुधारवादी कदमों के तहत कूलिंग पीरियड में छूट देकर BCCI अध्यक्ष पद पर बने रहने का मौका देता है या नहीं.
कौन हैं शशांक मनोहर?
पेशे से वकील 62 साल के मनोहर इससे पहले दो बार BCCI अध्यक्ष रहे हैं. वो पहले 2008 से 2011 तक BCCI अध्यक्ष रहे और फिर अक्टूबर 2015 से मई 2016 तक दोबारा इस पद पर काबिज हुए. दूसरे कार्यकाल का एक हिस्सा ICC चेयरमैन पद के दौरान रहा. आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनु साहनी ने मनोहर को ‘उनकी नेतृत्व क्षमता और आईसीसी चेयरमैन के रूप में उन्होंने खेल के लिए जो भी किया’ उसके लिए धन्यवाद दिया है.
शशांक ने लिए थे कई बड़ा फैसले
स्थिति की जानकारी रखने वालों का मानना है कि नए चेयरमैन के साथ बीसीसीआई के बेहतर कामकाजी रिश्ते हो सकते हैं और अगर वो गांगुली होते हैं तो ये सोने पर सुहागे होगा. दो आईसीसी टूर्नामेंट (2021 टी20 विश्व कप और 2023 एकदिवसीय विश्व कप) में कर छूट से जुड़ा मुद्दा भी एजेंडे में शीर्ष पर होगा. बीसीसीआई साथ ही चाहेगा कि राजस्व साझेदारी मॉडल पर दोबारा गौर किया जाए, क्योंकि मनोहर की अध्यक्षता में आईसीसी ने ‘बिग थ्री’ मॉडल रद कर दिया था.