नई दिल्ली:बीते साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रोहित शर्मा का सलामी बल्लेबाज के तौर पर खेलना और सफल होना एक बड़ा सवाल खड़ा कर गया. ऐसे में सबसे पहले उन सभी बल्लेबाजों के करियर को लेकर बात उठी जो भारतीय टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज बनने की दावेदारी पेश कर रहे थे.
इस सवाल के उठते ही सबसे पहले 34 साल के शिखर धवन पर सभी नजरें घूम गई. सवाल ये उठा कि क्या शिखर धवन दोबारा टेस्ट में सलामी बल्लेबाजी करते दिखाई देंगे? इस सवाल के जवाब में आकाश चोपड़ा ने अपनी राय रखी.
शिखर धवन पिछले कई सालों से भारत के लिए टेस्ट में सबसे अच्छे सलामी बल्लेबाजों में से एक हैं. ऐसा नहीं है कि भारत टीम ने अलग-अलग तरह के बल्लेबाजों को ट्राई नहीं किया. इस लिस्ट में रोहित शर्मा, केएल राहुल से लेकर पृथ्वी शॉ, मयंक अग्रवाल, हनुमा विहारी, मुरली विजय को भी भारतीय क्रिकेट टीम में सभी प्रारूपों में शीर्ष पर ट्राई किया गया लेकिन कुछ ही बल्लेबाज थे जो धवन की तरह निरंतर साबित हुए.
धवन ने 34 टेस्ट खेले हैं जिसमें उन्होंने 40.61 की औसत से 7 शतक बनाए हैं और कुल 2,315 रन बनाए हैं. लेकिन 2018 में खराब प्रदर्शन के बाद, धवन को टेस्ट टीम से बाहर रखा गया था. बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने आखिरी बार सितंबर 2018 में द ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेला था.
इस चर्चा में आकाश चोपड़ा ने अपनी राय रखते हुए कहा कि, "रोहित शर्मा, मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ और केएल राहुल. धवन से पहले ये चार विकल्प हैं ऐसे में धवन का 5वां स्थान आता है. इसका मतलब है कि धवन की जो स्थिति पहले थी वो अब नहीं है. इसलिए ऐसा लगता है कि शिखर धवन भविष्य का तो हिस्सा हो सकते हैं लेकिन निकट भविष्य का नहीं क्योंकि टीम ने आगे की तलाश शुरू कर दी है."
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कहा, "मुझे लगता है कि ये कहा नहीं गया है लेकिन उनके टेस्ट करियर पर फैसला लिया जा चुका है. वो एक शानदार सफेद गेंद के खिलाड़ी हैं, इसलिए उन्हें एकदिवसीय और टी 20 पर ध्यान देना के लिए छोड़ दिया गया है. लेकिन टेस्ट क्रिकेट में हम दूसरे खिलाड़ियों में निवेश कर रहे हैं फिर चाहे वो रोहित शर्मा हों, या केएल राहुल - जिन्हें निश्चित रूप से बहुत जल्द टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग करने का मौका मिलना चाहिए. वो मयंक अग्रवाल हो या पृथ्वी शॉ. इसलिए, मुझे नहीं लगता कि शिखर धवन को निकट भविष्य में मौका मिलने वाला है.”
आकाश चोपड़ा ने खुद 10 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें 23 की औसत से 437 रन बनाए. वो 2004 में पाकिस्तान की यात्रा करने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे.