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रिकी पोंटिंग जो गेंद पर प्रहार करते थे, वो मेरे लिए मौका होता था : हरभजन सिंह - IPL latest

हरभजन ने शुक्रवार को कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि वो (रिकी पोंटिंग) इस खेल को खेलने वाले महान खिलाड़ियों में से एक हैं. वो हमेशा इस खेल को खेलने वाले सर्वकालिक महान खिलाड़ी के तौर पर याद किए जाएंगे. मैंने जब उन्हें कुछ बार आउट किया तो मुझे लगा था कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करते समय उनके बराबर हूं."

Harbhajan singh recalls the time when he use to take ponting out easily
Harbhajan singh recalls the time when he use to take ponting out easily
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Published : Nov 20, 2020, 7:52 PM IST

नई दिल्ली: रिकी पोंटिंग का स्पिन गेंदबाजी को सख्त हाथों से खेलना और 2001 सीरीज में उनके खिलाफ किए गए प्रदर्शन से मिली मानसिक बढ़त के कारण भारत के ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को लगातार परेशान करने में सफल रहे हैं.

भारत के लिए 103 टेस्ट और 417 विकेट लेने वाले हरभजन ने टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर काबिज पोंटिंग को 10 बार आउट किया है.

ये भी पढ़े: भारत के खिलाफ सफलता के लिए कोहली के बल्ले को शांत रखना अहम होगा: कमिंस

हरभजन हालांकि पोंटिंग का काफी सम्मान करते हैं, सिर्फ एक बल्लेबाज के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक और युवाओं को कोच के तौर पर भी. इन दोनों ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में मुंबई इंडियंस का ड्रेसिंग रूम साझा किया है.

हरभजन ने शुक्रवार को कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि वो इस खेल को खेलने वाले महान खिलाड़ियों में से एक हैं. वो हमेशा इस खेल को खेलने वाले सर्वकालिक महान खिलाड़ी के तौर पर याद किए जाएंगे. मैंने जब उन्हें कुछ बार आउट किया तो मुझे लगा था कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करते समय उनके बराबर हूं."

हरभजन ने कहा कि उन्होंने पोटिंग में कुछ तकनीकी खामियां देख ली थीं.

40 साल के हरभजन ने कहा, "मैंने देखा था कि वो जब आगे आकर डिफेंस करते हैं तो वो गेंद को हल्के हाथों से नहीं खेलते हैं. मैंने उनके डिफेंस में देखा था कि वो सख्त हाथों से गेंद पर आते हैं. जो गेंद थोड़ी ज्यादा उछाल लेती है तो वो उनके बल्ले के ऊपरी हिस्से पर लगती है और इसने मुझे हमेशा उन्हें बैट-पेड और शॉर्ट लेग या बैकवर्ड शॉर्ट लेग पर कैच आउट कराने का मौका दिया. एक बार जब मुझे पता चल गया कि वो गेंद को डिफेंड करने में ज्यादा सहज नहीं होते तो मैं उनकी कमजोरी पर ही खेलता गया."

हरभजन ने कहा कि एक संपूर्ण बल्लेबाज के लिए मजबूत डिफेंस होना बहुत जरूरी है.

उन्होंने कहा, "आपके पास हर तरह के शॉट हो सकते हैं, लेकिन आपका डिफेंस मजबूत है तो आप एक संपूर्ण बल्लेबाज बन जाते हो. जब वो तेज गेंदबाजों को खेलते थे तो कभी नहीं लगता था कि वो सख्त हाथों से खेल रहे हैं, लेकिन स्पिनरों के खिलाफ आपको थोड़ा हल्के हाथों से खेलना होता है. मुझे लगता था कि वो जल्दी करेंगे और गेंद उनके ग्लव्स पर लगेगी. मैंने 2001 की सीरीज में उन्हें चार-पांच बार आउट किया था."

ऑफ स्पिनर ने कहा, "इसके बाद मैं जब भी उनके खिलाफ खेला हूं तो ये मानसिक खेल बन गया था. जब आप किसी बल्लेबाज पर लगातार आउट होते हो तो ये हमेशा आपके दिमाग में चलता है. चाहे आप 130 पर क्यों न खेल रहे हो, आप हमेशा सोचते हो कि ये गेंदबाज आया है, ये मुझे आउट न कर दे. ये शायद उनके दिमाग में चलता था. शायद ये मेरे लिए अच्छा था. मेरे दिमाग में चलता था कि मैं उन्हें आउट कर सकता हूं. मुझे लगता था कि स्थितियां मायने नहीं रखतीं, विकेट मायने नहीं रखता, मैं उन्हें आउट कर सकता हूं, तो ये मेरे लिए काम करता था."

हरभजन का कहना है कि पोटिंग के खिलाफ उनकी सफलता का ये मतलब नहीं है कि पोंटिंग महान बल्लेबाज नहीं हैं.

उन्होंने कहा, "मैं जितने खिलाड़ियों के साथ खेला उनमें से वो सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं. एक खिलाड़ी के तौर पर मैं उनका काफी सम्मान करता हूं. हम जब एक दूसरे के खिलाफ खेलते थे तो हमारे बीच प्रतिद्वंदिता होती थी, लेकिन जब हम एक साथ मुंबई इंडियंस के लिए खेले, उन्होंने हमें पहला IPL खिताब दिलाने में मदद की."

इन दोनों ने हालांकि मुंबई इंडियंस के कैम्प में कभी भी अपनी प्रतिद्वंद्विता पर चर्चा नहीं की.

ऑफ स्पिनर ने कहा, "हमने कभी बैठकर हमारे बीच की प्रतिद्वंद्विता या विकेटों पर चर्चा नहीं की. हम जब एक-दूसरे के खिलाफ खेलते थे तो बात तक नहीं करते थे. लेकिन जब हम मुंबई इंडियंस में खेलते थे तो हम इस बात पर चर्चा नहीं करते थे कि मैं उन्हें कैसे आउट करता हूं या वो कैसे मुझे खेल नहीं पाते हैं. वो वहां मेरी मदद करते थे."

ये भी पढ़े: भारत के पास तीनों प्रारूपों में ऑस्ट्रेलिया को हराने का अच्छा मौका : लक्ष्मण

दाएं हाथ के गेंदबाज ने कहा कि पोंटिंग के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि उन्हें पता है कि अनुभवी खिलाड़ियों में से उनका सर्वश्रेष्ठ कैसे निकाला जाता है.

उन्होंने कहा, "वो मुंबई इंडियंस के कोच के तौर पर बेहतरीन थे. उनके कोच रहते हमने खेलना का लुत्फ लिया. वह हैं जो कई खिलाड़ियों को रास्ता दिखाते हैं. वो युवाओं के साथ अच्छे से रहते हैं और सीनियर खिलाड़ियों को उनका समय देते हैं. वो आपसे कहेंगे कि आपको पता है कि क्या करना है, साथ ही वो हमें जिम्मेदारियां देंगे."

नई दिल्ली: रिकी पोंटिंग का स्पिन गेंदबाजी को सख्त हाथों से खेलना और 2001 सीरीज में उनके खिलाफ किए गए प्रदर्शन से मिली मानसिक बढ़त के कारण भारत के ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को लगातार परेशान करने में सफल रहे हैं.

भारत के लिए 103 टेस्ट और 417 विकेट लेने वाले हरभजन ने टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर काबिज पोंटिंग को 10 बार आउट किया है.

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हरभजन हालांकि पोंटिंग का काफी सम्मान करते हैं, सिर्फ एक बल्लेबाज के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक और युवाओं को कोच के तौर पर भी. इन दोनों ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में मुंबई इंडियंस का ड्रेसिंग रूम साझा किया है.

हरभजन ने शुक्रवार को कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि वो इस खेल को खेलने वाले महान खिलाड़ियों में से एक हैं. वो हमेशा इस खेल को खेलने वाले सर्वकालिक महान खिलाड़ी के तौर पर याद किए जाएंगे. मैंने जब उन्हें कुछ बार आउट किया तो मुझे लगा था कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करते समय उनके बराबर हूं."

हरभजन ने कहा कि उन्होंने पोटिंग में कुछ तकनीकी खामियां देख ली थीं.

40 साल के हरभजन ने कहा, "मैंने देखा था कि वो जब आगे आकर डिफेंस करते हैं तो वो गेंद को हल्के हाथों से नहीं खेलते हैं. मैंने उनके डिफेंस में देखा था कि वो सख्त हाथों से गेंद पर आते हैं. जो गेंद थोड़ी ज्यादा उछाल लेती है तो वो उनके बल्ले के ऊपरी हिस्से पर लगती है और इसने मुझे हमेशा उन्हें बैट-पेड और शॉर्ट लेग या बैकवर्ड शॉर्ट लेग पर कैच आउट कराने का मौका दिया. एक बार जब मुझे पता चल गया कि वो गेंद को डिफेंड करने में ज्यादा सहज नहीं होते तो मैं उनकी कमजोरी पर ही खेलता गया."

हरभजन ने कहा कि एक संपूर्ण बल्लेबाज के लिए मजबूत डिफेंस होना बहुत जरूरी है.

उन्होंने कहा, "आपके पास हर तरह के शॉट हो सकते हैं, लेकिन आपका डिफेंस मजबूत है तो आप एक संपूर्ण बल्लेबाज बन जाते हो. जब वो तेज गेंदबाजों को खेलते थे तो कभी नहीं लगता था कि वो सख्त हाथों से खेल रहे हैं, लेकिन स्पिनरों के खिलाफ आपको थोड़ा हल्के हाथों से खेलना होता है. मुझे लगता था कि वो जल्दी करेंगे और गेंद उनके ग्लव्स पर लगेगी. मैंने 2001 की सीरीज में उन्हें चार-पांच बार आउट किया था."

ऑफ स्पिनर ने कहा, "इसके बाद मैं जब भी उनके खिलाफ खेला हूं तो ये मानसिक खेल बन गया था. जब आप किसी बल्लेबाज पर लगातार आउट होते हो तो ये हमेशा आपके दिमाग में चलता है. चाहे आप 130 पर क्यों न खेल रहे हो, आप हमेशा सोचते हो कि ये गेंदबाज आया है, ये मुझे आउट न कर दे. ये शायद उनके दिमाग में चलता था. शायद ये मेरे लिए अच्छा था. मेरे दिमाग में चलता था कि मैं उन्हें आउट कर सकता हूं. मुझे लगता था कि स्थितियां मायने नहीं रखतीं, विकेट मायने नहीं रखता, मैं उन्हें आउट कर सकता हूं, तो ये मेरे लिए काम करता था."

हरभजन का कहना है कि पोटिंग के खिलाफ उनकी सफलता का ये मतलब नहीं है कि पोंटिंग महान बल्लेबाज नहीं हैं.

उन्होंने कहा, "मैं जितने खिलाड़ियों के साथ खेला उनमें से वो सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं. एक खिलाड़ी के तौर पर मैं उनका काफी सम्मान करता हूं. हम जब एक दूसरे के खिलाफ खेलते थे तो हमारे बीच प्रतिद्वंदिता होती थी, लेकिन जब हम एक साथ मुंबई इंडियंस के लिए खेले, उन्होंने हमें पहला IPL खिताब दिलाने में मदद की."

इन दोनों ने हालांकि मुंबई इंडियंस के कैम्प में कभी भी अपनी प्रतिद्वंद्विता पर चर्चा नहीं की.

ऑफ स्पिनर ने कहा, "हमने कभी बैठकर हमारे बीच की प्रतिद्वंद्विता या विकेटों पर चर्चा नहीं की. हम जब एक-दूसरे के खिलाफ खेलते थे तो बात तक नहीं करते थे. लेकिन जब हम मुंबई इंडियंस में खेलते थे तो हम इस बात पर चर्चा नहीं करते थे कि मैं उन्हें कैसे आउट करता हूं या वो कैसे मुझे खेल नहीं पाते हैं. वो वहां मेरी मदद करते थे."

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दाएं हाथ के गेंदबाज ने कहा कि पोंटिंग के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि उन्हें पता है कि अनुभवी खिलाड़ियों में से उनका सर्वश्रेष्ठ कैसे निकाला जाता है.

उन्होंने कहा, "वो मुंबई इंडियंस के कोच के तौर पर बेहतरीन थे. उनके कोच रहते हमने खेलना का लुत्फ लिया. वह हैं जो कई खिलाड़ियों को रास्ता दिखाते हैं. वो युवाओं के साथ अच्छे से रहते हैं और सीनियर खिलाड़ियों को उनका समय देते हैं. वो आपसे कहेंगे कि आपको पता है कि क्या करना है, साथ ही वो हमें जिम्मेदारियां देंगे."

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