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Birthday Special : जब धोनी के छक्के और श्रीसंत की कैच के पीछे छिप गई थी गंभीर मिट्टी से सनी जर्सी - 2007 टी-20 विश्व कप

आज गौतम गंभीर अपना 38वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर हम आपको उनकी 2007 टी-20 विश्व कप और 2011 विश्व कप के फाइनल की पारियों की यादें ताजा करवाएंगे.

gautam gambhir
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Published : Oct 14, 2019, 1:33 PM IST

Updated : Oct 14, 2019, 4:22 PM IST

हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व धाकड़ सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर आज 38 वर्ष के हो गए हैं. हालांकि उन्होंने 3 दिसंबर 2018 को क्रिकेट से संन्यास ले लिया था लेकिन अब वे पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद हैं. गौतम गंभीर की बल्लेबाजी ही नहीं बल्कि फैंस उनके तेवर के भी दीवाने थे. मैदान में कई बार वे विरोधी टीम के खिलाड़ियों से उलझते हुए नजर आ जाते थे.

देखिए वीडियो
लेकिन इस बात में भी कोई दोराय नहीं है कि वे ऐसे बल्लेबाज थे जिन्हें और ज्यादा फेम मिलना चाहिए था. साल 2007 और 2011 में भारत को विश्व विजेता बनने में गंभीर ने अपनी बेमिसाल पारियां खेल कर अहम योगदान दिया था.
2011 विश्व कप फाइनल में अर्धशतक जड़ने के बाद बल्ले दिखाते गौतम गंभीर
2011 विश्व कप फाइनल में अर्धशतक जड़ने के बाद बल्ले दिखाते गौतम गंभीर
2007 टी-20 विश्व कप का फाइनल मैच भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया था. जिसमें गौतम गंभीर ने अर्धशतक जड़ा था. साउथ अफ्रीका के जॉन्सबर्ग मैदान खेला गया ये मैच ऐसा था जो कोई भारतीय नहीं भूल सकता. टीम इंडिया की ओर से बल्लेबाजी करने गंभीर और यूसुफ पठान उतरे थे. एक छोर पर जहां गंभीर काफी देर तक टिके रहे वहीं दूसरे छोर पर एक के बाद एक विकेट गिरते जा रहे थे. गंभीर की पारी की बदौलत टीम ने 157 रन बनाए थे किन मैच के आखिरी ओवर में श्रीसंत ने मिस्बाह का कैच पकड़ कर लिया था जिससे उनका अर्धशतक कहीं खो गया.

यह भी पढ़ें- मेरी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल करना होगा: सौरव गांगुली

इतना ही नहीं साल 2011 के हुए विश्व कप में भी वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल मैच में जब वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के जल्द आउट हो गए थे जिसके बाद गौतम गंभीर ने टीम का मोर्चा संभाल लिया था. उनकी धूल से सनी जर्सी आज भी कोई नहीं भूल सकता. उन्होंने अपनी 97 रनों की अहम पारी खेली थी. वो मैच जीतने के बाद धोनी ने विश्व कप की ट्रॉफी उठाई और सचिन को कंधे पर उठा कर मैदान का चक्कर कटवाया जिस बीच मिट्टी से सनी गौती की नीली जर्सी उस वक्त के लिए सभी के आंखों से ओझल हो गई.

हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व धाकड़ सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर आज 38 वर्ष के हो गए हैं. हालांकि उन्होंने 3 दिसंबर 2018 को क्रिकेट से संन्यास ले लिया था लेकिन अब वे पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद हैं. गौतम गंभीर की बल्लेबाजी ही नहीं बल्कि फैंस उनके तेवर के भी दीवाने थे. मैदान में कई बार वे विरोधी टीम के खिलाड़ियों से उलझते हुए नजर आ जाते थे.

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लेकिन इस बात में भी कोई दोराय नहीं है कि वे ऐसे बल्लेबाज थे जिन्हें और ज्यादा फेम मिलना चाहिए था. साल 2007 और 2011 में भारत को विश्व विजेता बनने में गंभीर ने अपनी बेमिसाल पारियां खेल कर अहम योगदान दिया था.
2011 विश्व कप फाइनल में अर्धशतक जड़ने के बाद बल्ले दिखाते गौतम गंभीर
2011 विश्व कप फाइनल में अर्धशतक जड़ने के बाद बल्ले दिखाते गौतम गंभीर
2007 टी-20 विश्व कप का फाइनल मैच भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया था. जिसमें गौतम गंभीर ने अर्धशतक जड़ा था. साउथ अफ्रीका के जॉन्सबर्ग मैदान खेला गया ये मैच ऐसा था जो कोई भारतीय नहीं भूल सकता. टीम इंडिया की ओर से बल्लेबाजी करने गंभीर और यूसुफ पठान उतरे थे. एक छोर पर जहां गंभीर काफी देर तक टिके रहे वहीं दूसरे छोर पर एक के बाद एक विकेट गिरते जा रहे थे. गंभीर की पारी की बदौलत टीम ने 157 रन बनाए थे किन मैच के आखिरी ओवर में श्रीसंत ने मिस्बाह का कैच पकड़ कर लिया था जिससे उनका अर्धशतक कहीं खो गया.

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इतना ही नहीं साल 2011 के हुए विश्व कप में भी वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल मैच में जब वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के जल्द आउट हो गए थे जिसके बाद गौतम गंभीर ने टीम का मोर्चा संभाल लिया था. उनकी धूल से सनी जर्सी आज भी कोई नहीं भूल सकता. उन्होंने अपनी 97 रनों की अहम पारी खेली थी. वो मैच जीतने के बाद धोनी ने विश्व कप की ट्रॉफी उठाई और सचिन को कंधे पर उठा कर मैदान का चक्कर कटवाया जिस बीच मिट्टी से सनी गौती की नीली जर्सी उस वक्त के लिए सभी के आंखों से ओझल हो गई.
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Birthday Special : जब धोनी के छक्के और श्रीसंत की कैच के पीछे छिप गई थी गंभीर मिट्टी से सनी जर्सी  





हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व धाकड़ सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर आज 38 वर्ष के हो गए हैं. हालांकि उन्होंने 3 दिसंबर 2018 को क्रिकेट से संन्यास ले लिया था लेकिन अब वे पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद हैं. गौतम गंभीर की बल्लेबाजी ही नहीं बल्कि फैंस उनके तेवर के भी दीवाने थे. मैदान में कई बार वे विरोधी टीम के खिलाड़ियों से उलझते हुए नजर आ जाते थे.

लेकिन इस बात में भी कोई दोराय नहीं है कि वे ऐसे बल्लेबाज थे जिन्हें और ज्यादा फेम मिलना चाहिए था. साल 2007 और 2011 में भारत को विश्व विजेता बनने में गंभीर ने अपनी बेमिसाल पारियां खेल कर अहम योगदान दिया था.

2007 टी-20 विश्व कप का फाइनल मैच भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया था. जिसमें गौतम गंभीर ने अर्धशतक जड़ा था. साउथ अफ्रीका के जॉन्सबर्ग मैदान खेला गया ये मैच ऐसा था जो कोई भारतीय नहीं भूल सकता. टीम इंडिया की ओर से बल्लेबाजी करने गंभीर और यूसुफ पठान उतरे थे. एक छोर पर जहां गंभीर काफी देर तक टिके रहे वहीं दूसरे छोर पर एक के बाद एक विकेट गिरते जा रहे थे. गंभीर की पारी की बदौलत टीम ने 157 रन बनाए थे किन मैच के आखिरी ओवर में श्रीसंत ने मिस्बाह का कैच पकड़ कर लिया था जिससे उनका अर्धशतक कहीं खो गया.

इतना ही नहीं साल 2011 के हुए विश्व कप में भी वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल मैच में जब वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के जल्द आउट हो गए थे जिसके बाद गौतम गंभीर ने टीम का मोर्चा संभाल लिया था. उनकी धूल से सनी जर्सी आज भी कोई नहीं भूल सकता. उन्होंने अपनी 97 रनों की अहम पारी खेली थी. वो मैच जीतने के बाद धोनी ने विश्व कप की ट्रॉफी उठाई और सचिन को कंधे पर उठा कर मैदान का चक्कर कटवाया जिस बीच मिट्टी से सनी गौती की नीली जर्सी उस वक्त के लिए सभी के आंखों से ओझल हो गई.


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Last Updated : Oct 14, 2019, 4:22 PM IST
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