सिडनी : भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने रविवार को कहा कि सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर दर्शकों द्वारा नस्लवादी दुर्व्यवहार कोई नई बात नहीं है और इससे सख्ती से निपटने की जरूरत है.
यहां खेले जा रहे श्रृंखला के तीसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भारतीय खिलाड़ियों पर नस्लीय टिप्पणी करने के बाद कुछ दर्शकों को मैदान से हटा दिया गया.
अश्विन ने दिन के खेल के बाद कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने पहले भी सिडनी में नस्लवाद का सामना किया है और युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को लगातार दो दिनों जिस तरह से नस्लीय टिप्पणियों का सामना किया उसके लिए 'निराशा' बहुत छोटा शब्द है.
अश्विन ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, "देखिए, मैं बताना चाहूंगा, यह ऑस्ट्रेलिया का मेरा चौथा दौरा है. खासकर सिडनी में हमें अतीत में भी इसका सामना करना पड़ा है."
उन्होंने कप्तान विराट कोहली का नाम लिए बगैर 2011 की घटना का जिक्र किया जब दर्शकों के लगातार दुर्व्यवहार के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने बीच की अंगुली दिखाने की तस्वीर सुर्खियां बनी थी.
उन्होंने कहा, "एक या दो बार खिलाड़ियों ने इस पर प्रतिक्रिया दी और वे मुश्किल में फंस गए क्योंकि वे खिलाड़ी हैं. लेकिन दर्शक जिस तरह की टिप्पणी कर रहे थे वह कहीं से सही नहीं था."
रविवार को चौथे दिन के दूसरे सत्र के दौरान भारतीय खिलाड़ी मैदान के बीच एकत्रित हो गए जब स्क्वायर लेग बाउंड्री पर खड़े सिराज ने अपशब्द कहे जाने की शिकायत की. इसके बाद सुरक्षाकर्मी दर्शक दीर्घा में गए और अपशब्द कहने वाले व्यक्ति को ढूंढने लगे और फिर दर्शकों के एक समूह को स्टैंड से जाने को कहा गया और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने इस पर माफी मांगी. इससे पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज को अपशब्द कहे जाने की शिकायत आईसीसी से की थी.
अश्विन ने कहा, "वे अभद्रता कर रहे थे और गालियां भी दे रहे थे. लेकिन इस बार उन्होंने हद पार की और नस्लीय दुर्व्यवहार किया."
अश्विन ने कहा कि दोनों अंपायर पॉल रिफेल और पॉल विल्सन ने उनसे कहा है कि नस्लवाद की किसी भी घटना की तुरंत जानकारी दे.
उन्होंने कहा, "जैसा कि हमने पहले ही उल्लेख किया है, हमने कल एक आधिकारिक शिकायत दर्ज की है और अंपायरों ने भी कहा है कि ऐसा होने पर उन्हें इसकी जानकारी दी जाए."
टीम के इस वरिष्ठ खिलाड़ी ने कहा, "मौजूदा समय और परिस्थितियों में यह स्वीकार्य नहीं है."
उन्होंने कहा कि बिना किसी हमदर्दी के ऐसे मामलों से सख्ती से निपटने की जरूरत है. भारतीय स्पिनर ने कहा, "यह आपकी परवरिश को दिखाता है. निश्चित रूप से इससे सख्ती से निपटने की जरूरत है. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह फिर से नहीं होगा."
अश्विन ने कहा कि टीम को एडिलेड और मेलबर्न जैसे स्थलों पर नस्लवाद का सामना नहीं करना पड़ा था. उन्होंने कहा, "व्यक्तिगत रूप से, मुझे लगता है कि एडिलेड और मेलबर्न उतने बुरे नहीं थे, लेकिन जैसा मैंने कहा कि यह सिडनी में लगातार होने वाली घटना है. मैंने खुद भी इसका सामना किया है. वे काफी बुरे शब्दों का इस्तेमाल करते है. मुझे नहीं पता वे ऐसा क्यों करते है."
अश्विन इस बात से आश्चर्यचकित थे कि सुरक्षाकर्मियों ने पहली बार में दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और इसे जारी रहने दिया. उन्होंने कहा, "लोगों को इसे अलग तरीके से देखने की आवश्यकता नहीं है, वास्तव में मुझे आश्चर्य हुआ कि दर्शकों का एक वर्ग लगातार ऐसा कर रहा था लेकिन उन्हें शुरुआत में रोका नहीं गया."
उन्होंने कहा, "जब सिराज ने इसका जिक्र किया तो अजिंक्य (रहाणे), रोहित (शर्मा) और मैंने खुद इस मामले के बारे में अंपायर को बताया. सिराज की तरह नए खिलाड़ी को भी पता है कि इसकी हद कहां तक है. उन्हें (दर्शकों को) स्टैंड से हटाए जाने से हम खुश थे."