लंदन: इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने खुलासा किया है कि वो ऑनलाइन नस्लीय दुर्व्यवहार का शिकार हुए थे. आर्चर ने बताया कि साउथैम्प्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट के बाद बायो सैक्योर वातावरण के नियमों का उलंघन करने पर जब उनको सेल्फ आइसोलेशन में रहना पड़ा था तब उनको ऑनलाइन नस्लीय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा था.
आर्चर को मैनचेस्टर में दूसरे टेस्ट से बाहर रखा गया था क्योंकि ये पता चला था कि उन्होंने साउथैम्प्टन टेस्ट के अंत में बायो सैक्योर प्रोटोकॉल को तोड़ दिया था. जिसके बाद वो पांच दिनों के लिए मैनडेटरी सेल्फ आइसोलेशन पर भेजे गए थे.
आर्चर ने एक मीडिया हाउस से कहा, "पिछले कुछ दिनों में, मैंने बहुत सारे सोशल मीडिया प्रोफाइल को अनफॉलो और म्यूट कर दिया था. मैं सोशल मीडिया से दूर होना चाहता था. मैं सोशल मीडिया पर वापस नहीं जाऊंगा. मुझे ये अनावश्यक लगता है. आप दो विकेट लो और सब आपके साथ हैं. ये एक फेक दुनिया है जिसमें हम रहते हैं."
"पिछले कुछ दिनों में मैंने इंस्टाग्राम पर नस्लभेदी टिप्पणीयां झेली हैं और अब मैंने फैसला किया है कि मैं और नहीं झेलुंगा."
जोफ्रा आर्चर ने आगे कहा, "जब से विल्फ़्रेड जहा, क्रिस्टल पैलेस के फुटबॉलर, से एक 12-वर्षीय बच्चे ने ऑनलाइन दुर्व्यवहार किया था तबसे मैंने सोच रखा था कि ये मैं नहीं झेलुंगा. मैं कुछ भी अपने पास नहीं आने दूंगा, इसलिए मैंने अपनी शिकायत ECB तक पहुंचा दी है और यहीं सही प्रक्रिया है."
दूसरे नेगटिव COVID-19 परीक्षण के बाद, आर्चर को श्रृंखला के अंतिम टेस्ट के लिए टीम में शामिल होने की अनुमति दी गई थी. आर्चर ने खुलासा करते हुए बताया कि कैसे हरफनमौला खिलाड़ी बेन स्टोक्स ने आर्चर की मदद की थी.