हैदराबाद: भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच संजय बागड़ का वेस्टइंडीज दौरे के खत्म होने के साथ ही बतौर कोच सफर समाप्त हो गया. 2014 में बांगड़ ने टीम इंडिया के साथ काम करना शुरू किया था. टीम में चौथे नंबर का सही बल्लेबाज नहीं खोज पाने का खामियाजा उन्हें अपनी जगह खोकर चुकाना पड़ा.
आपको बता दें कि टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ का कार्यकाल वर्ल्ड कप के साथ ही खत्म हो गया था लेकिन इसे विंडीज दौरे तक बढ़ा दिया गया था. इस दौरे के दौरान ही टीम के नए सिरे से कोचिंग स्टाफ का चयन हुआ. इसमें रवि शास्त्री को एक बार फिर मुख्य कोच बनाया गया और भारत अरुण को गेंदबाजी कोच की जिम्मेदारी सौंपी गई. फील्डिंग कोच की जिम्मेदारी भी आर. श्रीधर के पास ही रही लेकिन बैटिंग कोच को बदल दिया गया. भारतीय टीम के नए बैटिंग कोच की जिम्मेदारी पूर्व टेस्ट क्रिकेटर विक्रम राठौड़ को सौंपी गई.
![Sanjay Bangar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4404405_14315.jpg)
अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद बांगड़ ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'निराश होना स्वाभाविक था. मैं बीसीसीआई और अन्य कोचों डंकन फ्लेचर, अनिल कुंबले और रवि शास्त्री का धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे पांच साल तक भारतीय क्रिकेट की सेवा करने का मौका दिया. ये ब्रेक मुझे तरोताजा और खुद को दोबारा तलाशने का मौका देगा.'
अगर संजय बागड़ के बतौर कोच करियर की बात करें तो उनका सफर बुरा नहीं रहा है. टीम ने इस दौरान खेले गए 52 टेस्ट मैचों में 30 में जीत हासिल की और 11 में हार का सामना करना पड़ा है. इन 30 में से भारत ने 13 मैच विदेशी जमीन पर जीते है.
![बल्लेबाजी कोच संजय बागड़](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4404405___.jpg)