मुंबई: इस स्म्मेलन में विभिन्न राज्य क्रिकेट संघों ने भाग लिया. इस कॉन्क्लेव में पहली बार महिला कप्तानों और कोचों के लिए एक अलग सम्मेलन आयोजित किया गया. सम्मेलन में कई विषयों पर चर्चा की गई जैसे की.रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट मैच होम और अवे वेन्यू पर ही किया जाए या किसी तीसरी जगह ये मैच किया जाए.
इन बातों पर की गई चर्चा
कॉन्क्लेव में इस बार पर भी चर्चा हुई की टॉस करने की बजाए मेहमान टीम को पहले बल्लेबाजी करने या गेंदबाजी करने का निर्णय लेने का फैसला दिया जाए. पहली बार अंपायरों द्वारा मैच रेफरी के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया मांगी गई .पूरे सीज़न में उपयोग की जाने वाली गेंदों की क्वालिटी पर भी प्रतिक्रिया मांगी गई. रणजी ट्रॉफी मैच में भी नई तकनिको के साथ डीआरएस लाने पर भी चर्चा की गई.
इस अवसर पर बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने कहा कि क्रिकेट अब पूरे देश में फैल गया है. यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि अब हमारे पास बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंटों में प्रतिस्पर्धा करने वाली नॉर्थ ईस्ट की टीमें हैं.
मुंबई और कर्नाटक जैसी टीमों ने प्रमुख टूर्नामेंटों में अपना दबदबा कायम रखा है, पिछले कुछ सत्रों में विदर्भ के चैंपियन के रूप में उभरने ने साबित कर दिया है कि अब हमारे पास एक बहुत ही प्रतिस्पर्धी घरेलू ढांचा है
बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी ने कहा कि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण मंच है और मुझे बहुत खुशी है कि अब हमारे पास महिलाओं के क्रिकेट की समीक्षा करने के लिए एक अलग सम्मेलन है यह एक महत्वपूर्ण चरण है क्योंकि भारतीय क्रिकेट के प्रमुख हिस्सेदार एक ही छत के नीचे जुटे हैं और आगे के रास्ते पर चर्चा कर रहे हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि आगामी सीजन और भी बड़ा और बेहतर होगा और हम सभी आयु वर्गो में खेल के मानक को मजबूत करते रहेंगे.