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आचरण अधिकारी के सामने पेश हुए द्रविड़, सीओए ने किया बचाव - बीसीसीआई

हितों के टकराव मामले में अपने खिलाफ हुए शिकायत पर अपना पक्ष रखने के लिए पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डी.के जैन के समक्ष पेश हुए हालांकि प्रशासकों की समिति ने द्रविड़ का बचाव किया.

Dravid
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Published : Sep 27, 2019, 10:16 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 4:45 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ अपने खिलाफ हितों के टकराव मामले में अपना पक्ष रखने के लिए गुरुवार को बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डी.के जैन के समक्ष पेश हुए.

प्रशासकों की समिति ने हालांकि आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का उदाहरण देकर इस मुद्दे को नरम करने की कोशिश की.

मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि द्रविड़ ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) का क्रिकेट निदेशक पद संभालने से पहले इंडिया सीमेंट्स (आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक) से 'अवकाश' लिया है और अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया.

बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डी.के जैन
बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डी.के जैन

खबरों के मुताबिक सीओए ने द्रविड़ का समर्थन किया है और इसके प्रमुख पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय ने आचरण अधिकारी को पत्र लिखकर दो उदाहरण दिए है जब किसी व्यक्ति के किसी संस्था से अवकाश को उनके मौजूदा पद के साथ हितों के टकराव के रूप में नहीं देखा गया.

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया,"सीओए प्रमुख ने सुनवाई से पहले एक नोट लिखा है कि उन्हें लगता है कि अगर द्रविड़ ने अवकाश लिया है तो उनका हितों का टकराव नहीं है. उन्होंने आरबीआई के पूर्व गवर्नर राजन का उदाहरण दिया जिन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षक की भूमिका से अवकाश लिया था."

पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़
पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़

उन्होंने कहा,"इसके अलावा अरविंद पनगढ़िया का भी उदाहरण दिया गया. नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष भी कोलंबिया विश्वविद्यालय से अवकाश लेकर आए थे. इन दोनों ही मामलों में उक्त व्यक्ति बेहद संवेदनशील सरकारी पदों पर थे और अपने पिछले नियोक्ता से कोई वेतन नहीं ले रहे थे."

अधिकारी ने कहा,"सीओए का मानना है कि अगर द्रविड़ ने घोषित किया है और इंडिया सीमेंट्स से कोई वेतन नहीं ले रहा तो उनका हितों का टकराव नहीं है."

हालांकि सीओए के पत्र के बावजूद द्रविड़ को सुनवाई के लिए बुलाना जैन का विशेषाधिकार है. उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में पाक साफ होने के लिए द्रविड़ को अपने पद से इस्तीफा देने को कहा जा सकता है.

सीओए विनोद राय
सीओए विनोद राय

नए नियमों के अनुसार बीसीसीआई आचरण अधिकारी के निर्देशों को औपचारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं करेगा. सिर्फ लोकपाल के फैसले को सार्वजनिक किया जाएगा.

आपको बता दें बीसीसीआई के पूर्व मीडिया अधिकारी मयंक पारिख के खिलाफ हितों के टकराव मामले में आगे की सुनवाई से पहले आचरण अधिकारी ने बीसीसीआई को जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है. पारिख कथित तौर पर मुंबई क्रिकेट संघ में छह क्लब चलाते हैं.

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ अपने खिलाफ हितों के टकराव मामले में अपना पक्ष रखने के लिए गुरुवार को बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डी.के जैन के समक्ष पेश हुए.

प्रशासकों की समिति ने हालांकि आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का उदाहरण देकर इस मुद्दे को नरम करने की कोशिश की.

मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि द्रविड़ ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) का क्रिकेट निदेशक पद संभालने से पहले इंडिया सीमेंट्स (आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक) से 'अवकाश' लिया है और अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया.

बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डी.के जैन
बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डी.के जैन

खबरों के मुताबिक सीओए ने द्रविड़ का समर्थन किया है और इसके प्रमुख पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय ने आचरण अधिकारी को पत्र लिखकर दो उदाहरण दिए है जब किसी व्यक्ति के किसी संस्था से अवकाश को उनके मौजूदा पद के साथ हितों के टकराव के रूप में नहीं देखा गया.

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया,"सीओए प्रमुख ने सुनवाई से पहले एक नोट लिखा है कि उन्हें लगता है कि अगर द्रविड़ ने अवकाश लिया है तो उनका हितों का टकराव नहीं है. उन्होंने आरबीआई के पूर्व गवर्नर राजन का उदाहरण दिया जिन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षक की भूमिका से अवकाश लिया था."

पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़
पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़

उन्होंने कहा,"इसके अलावा अरविंद पनगढ़िया का भी उदाहरण दिया गया. नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष भी कोलंबिया विश्वविद्यालय से अवकाश लेकर आए थे. इन दोनों ही मामलों में उक्त व्यक्ति बेहद संवेदनशील सरकारी पदों पर थे और अपने पिछले नियोक्ता से कोई वेतन नहीं ले रहे थे."

अधिकारी ने कहा,"सीओए का मानना है कि अगर द्रविड़ ने घोषित किया है और इंडिया सीमेंट्स से कोई वेतन नहीं ले रहा तो उनका हितों का टकराव नहीं है."

हालांकि सीओए के पत्र के बावजूद द्रविड़ को सुनवाई के लिए बुलाना जैन का विशेषाधिकार है. उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में पाक साफ होने के लिए द्रविड़ को अपने पद से इस्तीफा देने को कहा जा सकता है.

सीओए विनोद राय
सीओए विनोद राय

नए नियमों के अनुसार बीसीसीआई आचरण अधिकारी के निर्देशों को औपचारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं करेगा. सिर्फ लोकपाल के फैसले को सार्वजनिक किया जाएगा.

आपको बता दें बीसीसीआई के पूर्व मीडिया अधिकारी मयंक पारिख के खिलाफ हितों के टकराव मामले में आगे की सुनवाई से पहले आचरण अधिकारी ने बीसीसीआई को जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है. पारिख कथित तौर पर मुंबई क्रिकेट संघ में छह क्लब चलाते हैं.

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आचरण अधिकारी के समक्ष पेश हुए द्रविड़, सीओए ने किया बचाव



 



हितों के टकराव मामले में अपने खिलाफ हुए शिकायत पर अपना पक्ष रखने के लिए पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डी.के जैन के समक्ष पेश हुए हालांकि प्रशासकों की समिति ने द्रविड़ का बचाव किया.



 

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ अपने खिलाफ हितों के टकराव मामले में अपना पक्ष रखने के लिए गुरुवार को बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डी.के जैन के समक्ष पेश हुए.



प्रशासकों की समिति ने हालांकि आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का उदाहरण देकर इस मुद्दे को नरम करने की कोशिश की.



मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि द्रविड़ ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) का क्रिकेट निदेशक पद संभालने से पहले इंडिया सीमेंट्स (आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक) से 'अवकाश' लिया है और अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया.



खबरों के मुताबिक सीओए ने द्रविड़ का समर्थन किया है और इसके प्रमुख पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय ने आचरण अधिकारी को पत्र लिखकर दो उदाहरण दिए है जब किसी व्यक्ति के किसी संस्था से अवकाश को उनके मौजूदा पद के साथ हितों के टकराव के रूप में नहीं देखा गया.



बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया,"सीओए प्रमुख ने सुनवाई से पहले एक नोट लिखा है कि उन्हें लगता है कि अगर द्रविड़ ने अवकाश लिया है तो उनका हितों का टकराव नहीं है. उन्होंने आरबीआई के पूर्व गवर्नर राजन का उदाहरण दिया जिन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षक की भूमिका से अवकाश लिया था."



उन्होंने कहा,"इसके अलावा अरविंद पनगढ़िया का भी उदाहरण दिया गया. नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष भी कोलंबिया विश्वविद्यालय से अवकाश लेकर आए थे. इन दोनों ही मामलों में उक्त व्यक्ति बेहद संवेदनशील सरकारी पदों पर थे और अपने पिछले नियोक्ता से कोई वेतन नहीं ले रहे थे."



अधिकारी ने कहा,"सीओए का मानना है कि अगर द्रविड़ ने घोषित किया है और इंडिया सीमेंट्स से कोई वेतन नहीं ले रहा तो उनका हितों का टकराव नहीं है."



हालांकि सीओए के पत्र के बावजूद द्रविड़ को सुनवाई के लिए बुलाना जैन का विशेषाधिकार है. उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में पाक साफ होने के लिए द्रविड़ को अपने पद से इस्तीफा देने को कहा जा सकता है.



नए नियमों के अनुसार बीसीसीआई आचरण अधिकारी के निर्देशों को औपचारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं करेगा. सिर्फ लोकपाल के फैसले को सार्वजनिक किया जाएगा.



आपको बता दें बीसीसीआई के पूर्व मीडिया अधिकारी मयंक पारिख के खिलाफ हितों के टकराव मामले में आगे की सुनवाई से पहले आचरण अधिकारी ने बीसीसीआई को जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है. पारिख कथित तौर पर मुंबई क्रिकेट संघ में छह क्लब चलाते हैं.


Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 4:45 AM IST
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