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'गाबा में बुमराह काफी अहम, लैंथ को आसानी से बदल सकते हैं' - IND vs AUS

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने गाबा की विकेट को चुनौतीपूर्ण बताया है और ऐसी विकेट बताया है जहां बुमराह आसानी से विकेट के हिसाब से गेंदबाजी कर सकते हैं.

Bumrah
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Published : Jan 14, 2021, 2:42 PM IST

नई दिल्ली : भारत को शुक्रवार से गाबा में शुरू हो रहे चौथे टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह की सबसे ज्यादा जरूरत होगी.

बुमराह को एबडोमिनल स्ट्रेन की शिकायत है और चौथे टेस्ट मैच में उनका खेलना संदिग्ध है. टीम को उनकी काफी जरूरत होगी सिर्फ इसलिए नहीं क्योंकि वह उस तेज गेंदबाजी आक्रमण के इकलौते गेंदबाज बचे हैं जिसने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में टीम को अहम जीत दिलाई थी. इसलिए भी क्योंकि वह गाबा की विकेट की जरूरत के हिसाब से अपनी गेंदों की लैंथ को आसानी से बदल सकते हैं.

Bumrah
जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज

भारत छह साल बाद गाबा में खेल रहा है और मौजूदा आक्रमण में देखा जाए तो सिर्फ रविचंद्रन अश्विन ने ही इस विकेट पर खेला है.

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने गाबा की विकेट को चुनौतीपूर्ण बताया है और ऐसी विकेट बताया है जहां बुमराह आसानी से विकेट के हिसाब से गेंदबाजी कर सकते हैं.

पठान ने कहा, "गाबा जैसी विकेट पर, सबसे सही लैंथ बल्लेबाज के पास है वो है 25 इंच बल्लेबाज से आगे. यहां मुझे लगता है कि बुमराह काफी अहम रहेंगे. वह ऑस्ट्रेलिया में सफल रहे हैं क्योंकि वह फुलर लैंथ गेंदबाजी करते हैं. यह लैंथ ब्रिस्बेन में काम आती है जो बाकी भारतीय गेंजबाजों की तुलना में करना उनके लिए आसान होगा. उन्हें थोड़ा बहुत ही एडजस्ट करना होगा."

गाबा
गाबा

बुमराह बल्लेबाज से सात-आठ फीट गेंद को दूर गिराते हैं जिससे बल्लेबाज को उन्हें फ्रंट फुट पर भी खेलने में परेशानी होती है.

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज मनोज प्रभाकर ने इस गेंद की लैंथ को बदलने में आने वाली समस्याओं को बताया.

उन्होंने कहा, "जब मैंने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था, मैंने देखा था कि कई ऐसी गेंदें जो मुझे भारत में एलबीडब्ल्यू दिला सकती थीं वो स्टम्प के ऊपर से जा रही हैं. इसलिए मुझे उस हिसाब से बदलाव करने पड़े और गेंद को आगे डाला."

प्रभाकर ने 1991-92 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था. तब विशेषज्ञ कोच, वीडियो एनालिस्ट नहीं हुआ करते थे और न ही ज्यादा विदेशी दौरे हुआ करते थे. इसलिए खिलाड़ी खुद से सीखते थे. अब डाटा भी है और विशेषज्ञ कोच भी.

नई दिल्ली : भारत को शुक्रवार से गाबा में शुरू हो रहे चौथे टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह की सबसे ज्यादा जरूरत होगी.

बुमराह को एबडोमिनल स्ट्रेन की शिकायत है और चौथे टेस्ट मैच में उनका खेलना संदिग्ध है. टीम को उनकी काफी जरूरत होगी सिर्फ इसलिए नहीं क्योंकि वह उस तेज गेंदबाजी आक्रमण के इकलौते गेंदबाज बचे हैं जिसने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में टीम को अहम जीत दिलाई थी. इसलिए भी क्योंकि वह गाबा की विकेट की जरूरत के हिसाब से अपनी गेंदों की लैंथ को आसानी से बदल सकते हैं.

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जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज

भारत छह साल बाद गाबा में खेल रहा है और मौजूदा आक्रमण में देखा जाए तो सिर्फ रविचंद्रन अश्विन ने ही इस विकेट पर खेला है.

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने गाबा की विकेट को चुनौतीपूर्ण बताया है और ऐसी विकेट बताया है जहां बुमराह आसानी से विकेट के हिसाब से गेंदबाजी कर सकते हैं.

पठान ने कहा, "गाबा जैसी विकेट पर, सबसे सही लैंथ बल्लेबाज के पास है वो है 25 इंच बल्लेबाज से आगे. यहां मुझे लगता है कि बुमराह काफी अहम रहेंगे. वह ऑस्ट्रेलिया में सफल रहे हैं क्योंकि वह फुलर लैंथ गेंदबाजी करते हैं. यह लैंथ ब्रिस्बेन में काम आती है जो बाकी भारतीय गेंजबाजों की तुलना में करना उनके लिए आसान होगा. उन्हें थोड़ा बहुत ही एडजस्ट करना होगा."

गाबा
गाबा

बुमराह बल्लेबाज से सात-आठ फीट गेंद को दूर गिराते हैं जिससे बल्लेबाज को उन्हें फ्रंट फुट पर भी खेलने में परेशानी होती है.

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज मनोज प्रभाकर ने इस गेंद की लैंथ को बदलने में आने वाली समस्याओं को बताया.

उन्होंने कहा, "जब मैंने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था, मैंने देखा था कि कई ऐसी गेंदें जो मुझे भारत में एलबीडब्ल्यू दिला सकती थीं वो स्टम्प के ऊपर से जा रही हैं. इसलिए मुझे उस हिसाब से बदलाव करने पड़े और गेंद को आगे डाला."

प्रभाकर ने 1991-92 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था. तब विशेषज्ञ कोच, वीडियो एनालिस्ट नहीं हुआ करते थे और न ही ज्यादा विदेशी दौरे हुआ करते थे. इसलिए खिलाड़ी खुद से सीखते थे. अब डाटा भी है और विशेषज्ञ कोच भी.

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