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बेदी ने डीडीसीए को दी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी, जानिए क्या है पूरा मामला - बिशन सिंह बेदी news

भारतीट क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने कहा कि अगर अरुण जेटली स्टेडियम में एक स्टैंड से उनका नाम हटाने के उनके अनुरोध को अगर नजरअंदाज किया जाता है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

Bishan Singh Bedi
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Published : Dec 27, 2020, 2:02 PM IST

नई दिल्ली : भारतीट क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने शनिवार को दिल्ली के शीर्ष क्रिकेट निकाय को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अरुण जेटली स्टेडियम में एक स्टैंड से उनका नाम हटाने के उनके अनुरोध को अगर नजरअंदाज किया जाता है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

बेदी ने स्टेडियम में अरुण जेटली की प्रतिमा लगाए जाने के विरोध में बुधवार को यह अनुरोध किया था. जेटली 14 साल तक दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष रहे और उनके बेटे रोहन जेटली वर्तमान में उस पद पर कायम हैं.

Arun Jaietly
अरुण जेटली

बेदी ने शनिवार को डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली को भेजे गए पत्र में 23 दिसंबर को किए गए अनुरोध को याद दिलाते हुए पूर्व स्पिनर ने कहा कि उन्हें दुख है कि उनके पत्र का अभी तक जवाब नहीं दिया गया है.

डीडीसीए पहले पत्र का जवाब नहीं मिलने पर बेदी ने शनिवार को एक और पत्र लिखा.

रोहन जेटली को लिखे गए इस में बेदी ने कहा, " मेरे पहले पत्र को लिखे कुछ दिन बीत गए. मेरे पत्र के सार्वजनिक होने के कुछ ही मिनटों बाद मुझे दुनिया भर में क्रिकेट दिग्गजों का भारी समर्थन मिला. लेकिन मुझे दुख है कि आपकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई है."

डीडीसीए
डीडीसीए

उन्होंने आगे लिखा, "मुझे उम्मीद है कि हमारे देश में अभी भी लोगों को यह तय करने का अधिकार है कि वे किन व्यक्तियों के साथ जुड़ना चाहते हैं और कहां उनकी नेम प्लेट गरिमा के साथ लगाई जा सकती है. कृपया मुझे कानूनी सहारा लेने के लिए मजबूर ना करें."

74 वर्षीय बेदी ने कहा कि उन्होंने अपने पहले पत्र में स्टैंड से हटाए जाने के लिए "एक मजबूत केस" बनाया था.

उन्होंने लिखा, "मैं लंबे समय से जानता हूं कि डीडीसीए में क्रिकेटरों की आवाज को नजरअंदाज करने की परंपरा है. मेरे तत्काल अनुरोध का एक कारण है. मुझे यकीन है कि आपने मेरे शुरुआती पत्र को पढ़ा होगा, जहां मैंने डीडीसीए के दिवंगत अरुण जेटली की प्रतिमा लगाने के फैसले से खुद को अलग करने का मजबूत केस बनाया है."

बेदी ने आगे लिखा, "आपकी चुप्पी आपके परिवार के नाम की वजह से पूरी तरह से सत्ता की स्थिति पर कब्जे के अपराध को भी रेखांकित करती है, जिसे आप स्पष्ट रूप से बढ़ावा देना चाहते हैं. अंत में, मुझे उम्मीद है कि आपके पास पूर्व क्रिकेटर को जवाब देने के लिए मूल शिष्टाचार होगा."

नई दिल्ली : भारतीट क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने शनिवार को दिल्ली के शीर्ष क्रिकेट निकाय को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अरुण जेटली स्टेडियम में एक स्टैंड से उनका नाम हटाने के उनके अनुरोध को अगर नजरअंदाज किया जाता है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

बेदी ने स्टेडियम में अरुण जेटली की प्रतिमा लगाए जाने के विरोध में बुधवार को यह अनुरोध किया था. जेटली 14 साल तक दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष रहे और उनके बेटे रोहन जेटली वर्तमान में उस पद पर कायम हैं.

Arun Jaietly
अरुण जेटली

बेदी ने शनिवार को डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली को भेजे गए पत्र में 23 दिसंबर को किए गए अनुरोध को याद दिलाते हुए पूर्व स्पिनर ने कहा कि उन्हें दुख है कि उनके पत्र का अभी तक जवाब नहीं दिया गया है.

डीडीसीए पहले पत्र का जवाब नहीं मिलने पर बेदी ने शनिवार को एक और पत्र लिखा.

रोहन जेटली को लिखे गए इस में बेदी ने कहा, " मेरे पहले पत्र को लिखे कुछ दिन बीत गए. मेरे पत्र के सार्वजनिक होने के कुछ ही मिनटों बाद मुझे दुनिया भर में क्रिकेट दिग्गजों का भारी समर्थन मिला. लेकिन मुझे दुख है कि आपकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई है."

डीडीसीए
डीडीसीए

उन्होंने आगे लिखा, "मुझे उम्मीद है कि हमारे देश में अभी भी लोगों को यह तय करने का अधिकार है कि वे किन व्यक्तियों के साथ जुड़ना चाहते हैं और कहां उनकी नेम प्लेट गरिमा के साथ लगाई जा सकती है. कृपया मुझे कानूनी सहारा लेने के लिए मजबूर ना करें."

74 वर्षीय बेदी ने कहा कि उन्होंने अपने पहले पत्र में स्टैंड से हटाए जाने के लिए "एक मजबूत केस" बनाया था.

उन्होंने लिखा, "मैं लंबे समय से जानता हूं कि डीडीसीए में क्रिकेटरों की आवाज को नजरअंदाज करने की परंपरा है. मेरे तत्काल अनुरोध का एक कारण है. मुझे यकीन है कि आपने मेरे शुरुआती पत्र को पढ़ा होगा, जहां मैंने डीडीसीए के दिवंगत अरुण जेटली की प्रतिमा लगाने के फैसले से खुद को अलग करने का मजबूत केस बनाया है."

बेदी ने आगे लिखा, "आपकी चुप्पी आपके परिवार के नाम की वजह से पूरी तरह से सत्ता की स्थिति पर कब्जे के अपराध को भी रेखांकित करती है, जिसे आप स्पष्ट रूप से बढ़ावा देना चाहते हैं. अंत में, मुझे उम्मीद है कि आपके पास पूर्व क्रिकेटर को जवाब देने के लिए मूल शिष्टाचार होगा."

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