नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के कारण क्रिकेट मैचों पर रोक के बाद इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच पहला अंतरराष्ट्रीय मैच अगले महीने जैविक रूप से सुरक्षित वातावरण में खेला जाएगा. भारतीय टीम को हालांकि निकट भविष्य में कोई क्रिकेट मैच नहीं खेलना.
सभी चुनौतियों से मजबूत मानसिकता के साथ निपटना होगा
एक स्पोर्ट्स चैनल ने पाटिल के हवाले से कहा, ''ये काफी अनिश्चित समय है और किसी भी खिलाड़ी के लिए बिना चोट के वापसी करना बड़ी चुनौती है लेकिन उन्हें याद रखने की जरूरत है कि इन सभी चुनौतियों से मजबूत मानसिकता के साथ निपटना होगा.''
उन्होंने कहा, ''आपको धीमी शुरुआत करनी होगी और सुनिश्चित करना होगा कि आपका ध्यान पूरी तरह से चोट मुक्त वापसी कर रहे. यहां तक कि कीनिया के कोच के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान मैं हमेशा ध्यान देता था कि किसी टूर्नामेंट से पहले खिलाड़ी मानसिक रूप से मजबूत रहें.''
भारत के लिए 1980 से 1984 के बीच 29 टेस्ट खेलने वाले 63 साल के पाटिल ने 1983 विश्व कप फाइनल में वेस्टइंडीज की मजबूत टीम के खिलाफ भारत की जीत का उदाहरण देते हुए कहा कि इस मैच से साबित होता है कि मानसिक मजबती से कैसे मैच जीते जा सकते हैं.
किसी भी खिलाड़ी के लिए बेहद महत्वपूर्ण
उन्होंने कहा, ''विश्व कप 1983 के फाइनल में हमारे 183 रन पर सिमटने के बाद हमने सोचा कि हमारी संभावना खत्म हो गई है लेकिन दूसरी पारी के लिए मैदान पर पैर रखने से पहले हम सभी ने हार नहीं मानने का फैसला किया और बाकी सब कुछ इतिहास है.''
भारत की विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे पाटिल ने कहा, ''गोर्डन ग्रिनिज, विव रिचर्ड्स जैसों को गेंदबाजी करना आसान काम नहीं था लेकिन हमारा ध्यान ट्रॉफी जीतने पर था इसलिए हम ऐसा कर पाए. इसलिए मानसिक रूप से परिपक्व होना क्रिकेटर ही नहीं बल्कि किसी भी खिलाड़ी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.''