ढाका: बांग्लादेश क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मशरफे मुर्तजा ने कहा है कि खराब फॉर्म के बाद उन्हें टीम से बाहर करना उन्हें संन्यास दिलाने की जल्दी थी. मुर्तजा ने साथ ही कहा कि उन्हें फेयरवेल मैच के लिए भी नहीं पूछा गया.
एक क्रिकेट वेबसाइट ने मुर्तजा के हवाले से लिखा, "पहले तो उन्हें मेरे लिए फेयरवेल मैच रखना चाहिए था और यह आम मैच नहीं होना था.. एक सामान्य द्विपक्षीय सीरीज अलग बात है और जल्दबाजी में एक मैच रखना अलग बात है."
उन्होंने कहा, "दूसरी बात, वह इस मैच के लिए दो करोड़ खर्च करने तैयार थे देखा जाए तो नैतिक तौर पर यह सही नहीं है क्योंकि हमारे प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों को अच्छा पैसा नहीं मिल रहा है."
मुर्तजा ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो ऐसा लग रहा था कि मुझे विदाई देने की जल्दबाजी की जा रही है और यह निश्चित तौर पर चुभने वाली बात थी."
36 साल के मुतर्जा का विश्व कप-2019 में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था.
मुर्तजा ने कहा, "अचानक से मुझे बाहर करने की जल्दबाजी की गई. मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि मैंने क्रिकेट को अपनी पूरी जिंदगी दे दी मैं पूरी तरह से टूटा था तब भी."
उन्होंने कहा, "अगर पैसा मुख्य मुद्दा होता है तो मैं काफी चीजें कर सकता था, वो भी तब जब मेरा करियर काफी सारी चोंटो से जूझ रहा था."
उनसे जब पूछा गया कि उन्होंने वनडे टीम की कप्तानी क्यों छोड़ी तो उन्होंने कहा, "अगले विश्व कप में अभी भी तीन साल का समय है इसलिए यहां से अगर बीसीबी विश्व कप के लिए कप्तान तैयार कर सकती है तो यह बांग्लादेश के लिए काफी अच्छा होगा."