एडिलेड : भारत ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक छह विकेट पर 233 रन बनाए हैं जिसमें पुजारा के 160 गेंदों पर बनाए गए 43 रन भी शामिल हैं और उनका मानना है कि पहली पारी में 350 रन का स्कोर अच्छा होगा. पुजारा से मैच के बाद पूछा गया कि क्या वो अपनी पारी में थोड़ा तेजी दिखा सकते थे, तो सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज ने 'न' में जवाब दिया. उन्होंने भारत के पहले सत्र में 41 और दूसरे सत्र में 66 रन बनाने का बचाव किया. उन्होंने कहा, ''नहीं कतई नहीं. पहले दो सत्र में हम बहुत अच्छी स्थिति में थे.''
पुजारा ने कहा, ''जब गेंद स्विंग कर रही थी तो हमें ये सुनिश्चित करने की जरूरत थी कि हम विकेट न गंवाये. ये टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से शानदार दिन था और रणनीति को लेकर हमें कोई खेद नहीं है. हम शॉट खेलकर अधिक विकेट नहीं गंवा सकते थे और नहीं चाहते थे कि हमारी पूरी टीम दिन में आउट हो जाए.''
उन्होंने अपनी बल्लेबाजी शैली का भी बचाव किया क्योंकि विकेट शॉट खेलने के लिए उपयुक्त नहीं था. पुजारा ने कहा, ''टेस्ट क्रिकेट में धैर्य की जरूरत होती है. अगर विकेट सपाट होता है तो आप आक्रामक हो सकते हो लेकिन जब उससे गेंदबाजों को मदद मिल रही हो तो आप बहुत अधिक शॉट नहीं खेल सकते.'' उन्होंने कहा, ''विदेशी परिस्थितियों में आप (पहली पारी में) 200 से कम का स्कोर नहीं चाहते. पहले दो सत्र में गेंदबाज और पिच दोनों तरोताजा थे.''
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पुजारा का मानना है कि मैच पर अभी दोनों टीमों की समान पकड़ बनी हुई है हालांकि उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि कप्तान विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे के आउट होने से ऑस्ट्रेलिया थोड़ा फायदे की स्थिति में है. डिनर ब्रेक के बाद नाथन लियोन और पुजारा के बीच गजब की जंग देखने को मिली और भारतीय बल्लेबाज ने ऑस्ट्रेलियाई ऑफ स्पिनर की पिछले पांच वर्षों में विश्वस्तरीय गेंदबाज बनने के लिए प्रशंसा की. पुजारा ने कहा, ''उसने गेंदबाजी में काफी सुधार किया है. उसकी लाइन व लेंथ वास्तव में सुधरी है. वो चुनौती पसंद करता है और उसका सामना करते हुए आपको भी उस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार होना पड़ता है.''