हैदराबाद: ऑस्ट्रेलिया में 21 फरवरी से शुरू हो रहे आईसीसी महिला टी20 वर्ल्डकप के लिए भारतीय टीम ने कमर कस ली है. इस टूर्नामेंट के शुरू होने में बस अब केवल चंद घंटे ही बाकी है.
इस विश्वकप पर पूरे भारतवर्ष की नजर होगी क्योंकि भारतीय टीम ने अभी तक टी20 विश्वकप में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है. लेकिन इस वक्त भारतीय महिला टीम काफी मजबूत दिखाई दे रही है. बीते दो सालों में भारत ने आईसीसी वर्ल्डकप में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है.
2017 में हुए एकदिवसीय वर्ल्डकप में भारत उपविजेता रहा और साल 2018 में हुए टी20 वर्ल्डकप में भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी. लेकिन टीम को अभी तक इस स्तर पर खिताबी जीत हासिल नहीं हुई है.
2018 टी20 विश्वकप से बाहर होने के बाद भारत को घर में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ एक के बाद वाइटवॉश का सामना करना पड़ा. लेकिन इसके बाद भारतीय टीम के खेल में सुधार भी देखने को मिला. उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 3-1 से सीरीज जीती और फिर वेस्टइंडीज को 5-0 से मात दी.
हाल ही में हुई ट्राई सीरीज में भी भारत का प्रदर्शन शानदार रहा भारतीय टीम फाइनल तक पहुंची ये प्रदर्शन इस बात को दर्शाता है कि टीम आगामी वर्ल्डकप के लिए एकदम तैयार है. इस टी20 विश्वकप में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम पूरी तरह से युवा टीम है.
टीम के खिलाड़ियों की औसत उम्र 22 साल और 9 महीने हैं. टीम में सबसे उम्रदराज खिलाड़ी टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर और शिखा पांडे हैं. साथ ही सबसे कम उम्र विस्फोटक बल्लेबाजी शैफाली वर्मा है.
हालांकि इस टीम के युवा बनने के पीछे का कारण या तो खिलाड़ियों के संन्यास की वजह से है या खिलाड़ियों को टीम से निकाल की वजह से है. टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ी मिताली राज ने पिछले साल संन्यास ले लिया साथ ही ओपनर पूनम राउत और सुषमा वर्मा को खराब प्रदर्शन की वजह से टीम से बाहर कर दिया गया.
उनकी जगह टीम में शेफाली वर्मा और तानिया भाटिया को टीम में शामिल किया गया क्योंकि इन दोनों ने क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में बेहतर प्रदर्शन किया. इस टीम में युवा जोश और अनुभव दोनों है अगर यंग खिलाड़ियों की बात की जाए तो शेफाली वर्मा, जेमिमा रोड्रिगेज, पूनम यादव, राजेश्वरी गायकवाड़ और दीप्ति शर्मा हैं और अगर अनुभवी खिलाड़ियों की बात की जाए तो कप्तान हरमनप्रीत कौर, उपकप्तान स्मृति मंधाना और शिखा पांडे है जिनका अनुभव इस टीम के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा.
21 फरवरी से शुरू हो रहे टी20 विश्वकप से पहले आईए आपको बताते हैं इस टीम पर गहन विश्लेषण.
भारतीय टीम की ताकत
टीम का मजबूत टॉप ऑर्डर
भारतीय पुरूष टीम की तरह महिला टीम का भी टॉप ऑर्डर काफी मजूबत है. इस टीम की टॉप ऑर्डर की जिम्मेदारी स्मृति मंधाना, शैफाली, जेमिमा, और हरमनप्रीत कौर के हाथों में होगी. इस टीम में शैफाली वर्मा भी है जोकि कभी भी अपनी बैटिंग का गेयर बदल सकतीं हैं.
साथ ही पावर प्ले में भी बड़े शॉट्स खेल सकती है. जोकि टीम को मजबूत शुरूआत दे सकती हैं. यदि टीम के ओपनर जल्द ही आउट भी हो जाए तो टीम की अनुभवी बल्लेबाज हरमनप्रीत और जेमीमा टीम को संभाल सकती हैं.
साथ ही जब इनको लगेगा की टीम को अब बड़े स्कोर की तरफ ले जाना है तो ये दोनों खिलाड़ी आक्रामक बल्लेबाजी भी कर सकती है. जिससे टीम शानदार फिनिश करते हुए विशाल स्कोर खड़ा कर सकती है.
फिरकी गेंदबाज निभाएंगे इस टीम में अहम भूमिका
भारत से अकसर शानदार स्पिनर्स निकल कर आते रहे हैं फिर चाहें वो मैन्स टीम में हो या विमेंस टीम. इस बार महिला टी20 विश्वकप में टीम इंडिया के पास चार बेहतरीन स्पिनर्स हैं जोकि विपक्षी टीम की रन गति पर लगाम लगा सकते हैं.
इस टीम में स्पिन गेंदबाजी का रोल दिप्ती शर्मा और राधा यादव निभाएंगी जिनमें क्षमता है कि वे सामने वाली टीम के खिलाड़ियों पर दवाब बना सके और विकेट चटका सके. साथ ही पूनम यादव और राजेश्वरी गायकावड़ का काम भी टीम को विकेट दिलाने का होगा.
टीम की कमजोर कड़ी
मिडिल ऑर्डर का खराब प्रदर्शन
जिस तरह भारतीय महिला टीम का टॉप ऑर्डर बेहद शानदार है वहीं मिडिल ऑर्डर थोड़ा कमजोर है. भारत की मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज वेदा कृष्णमूर्ति, दीप्ति शर्मा, हरलीन देओल और तान्या भाटिया का हाल में प्रदर्शन ज्यादा खास नहीं रहा है.
साल 2017 में खेले गए वनडे वर्ल्डकप के फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ भारत ने शुरूआत बेहद अच्छी की लेकिन मिडिल ऑर्डर उस लय को कायम नहीं रख पाया. भारत ने लगातार विकेट गवांए और अंत में भारत के हाथ सिर्फ निराशा ही लगी.
साथ ही ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई ट्राई सीरीज के फाइनल में भी भारत ने लक्ष्य का पीछा करते वक्त शुरूआत तो अच्छी की लेकिन ओपनर्स के आउट होने के बाद मिडिल ऑर्डर पारी को संभाल नहीं पाया और भारत को उस फाइनल में हार का सामना करते हुए सीरीज भी गवांनी पड़ी.
टीम में तेज गेंदबाजों की कमी
जबसे झुलन गोस्वामी ने टी20 फॉर्मेट से संन्यास लिया है तब से भारत का पेस अटैक कमजोर हुआ है. इस टीम में शिखा पांडे के अलावा कोई ऐसी तेज गेंदबाज नहीं है जोकि अपनी पेस से विपक्षी टीम के बल्लेबाजों को परेशान कर सके. पूजा वस्त्राकर के पास पेस है लेकिन वे एक ही तगह पर लगातार गेंदबाजी नहीं कर पातीं है जिसकी वजह से उनकी इकॉनोमी काफी ज्यादा है. टीम में अरुंधति रेड्डी भी है लेकिन उनके पास वो पेस नहीं है जिसकी मदद से वो ऑस्ट्रेलिया की बाउंसी पिचों का फायदा उठा सकें.
टीम का खराब फील्डिंग स्तर
भले ही भारतीय महिला टीम युवा खिलाड़ियों से भरी है लेकिन टीम के फील्डिंग स्तर की बात की जाए तो काफी निराशाजनक है. टीम में दीप्ती, मंधाना और हरमनप्रीत के अलावा कोई भी अच्छा फील्डर नहीं है और टी20 फ़ॉर्मेट में उच्च स्तरीय फिल्डिंग की जरूरत होती है ताकि विपक्षी टीम बड़ा स्कोर खड़ा न कर सके.
भारतीय टीम इस साल टी20 विश्वकप में अपने अभियान की शुरूआत गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करेगी. जिसके बाद टीम की अगली चुनौती बांग्लादेश होगी जिनके साथ 24 फरवरी को दूसरा मुकाबला खेला जाएगा. इसके बाद 27 फरवरी को भारत का सामना न्यूजीलैंड से होगा और अपने ग्रुप स्टेज के आखिरी मैच में टीम 29 फरवरी को श्रीलंका का सामना करेगी.
टी20 विश्वकप के लिए भारतीय महिला टीम:
हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना, शफाली वर्मा, जेमिमा रोड्रिग्स, हरलीन देओल, वेदा कृष्णमूर्ति, ऋचा घोष, तान्या भाटिया (विकेटकीपर), दीप्ति शर्मा, शिखा पांडे, पूजा वस्त्राकर, पूनम यादव, राधा यादव.