मुंबई : ऑस्ट्रेलिया में गाबा टेस्ट में जीत हासिल कर इतिहास रचने वाले भारतीय कप्तान अजिंक्य रहाणे ने घर लौटने के बाद एक केक काटने से इनकार कर दिया था जिस पर कंगारू बना हुआ था. अब उन्होंने खुलासा किया है कि उन्होंने वो केक काटने से मना क्यों किया था. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीतने के बाद भारत लौटे रहाणे का धूम धाम से स्वागत किया गया था.
उन्होंने बताया, "कंगारू उनका राष्ट्रीय जानवर है. मुझे वो नहीं करना था. आप अपने विरोधी टीम को आदर देते हैं, आप उनके साथ अच्छा व्यवहार रखते हैं, अगर आप जीतें या इतिहास ही क्यों न रच दें. आपके मन में अपनी विरोधी टीमों और दूसरे देशों के लिए सम्मान होना ही चाहिए. इसलिए मैंने वो केक काटने से मना कर दिया."
रहाणे ने भारतीय टीम को सीरीज जीतने में काफी मदद की थी. एडिलेड टेस्ट गंवाने के बाद उन्होंने टीम की कमान संभाली थी और दूसरा टेस्ट भारत को जिताया था. तीसरा मैच ड्रॉ रहा था और आखिरी मैच भी भारतीय टीम ही जीती थी.
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आपको बता दें कि रहाणे जब अपने अन्य साथी खिलाड़ियों के साथ स्वदेश पहुंचे तो वातावरण 'आला रे आला अजिंक्य आला' के स्वरों से गूंज उठा. रहाणे जब अपने आवासीय परिसर में पहुंचे तो पारंपरिक ढोल ताशा बज रहे थे और लोग 'आला रे आला अजिंक्य आला' गा रहे थे. जब वह लाल कारपेट पर आगे बढ़ रहे थे तो लोग उन पर पुष्पवर्षा कर रहे थे.