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वर्ल्डकप टीम में जगह नहीं मिलने पर रहाणे ने लिया था ये बड़ा फैसला - विश्व कप टीम

भारतीय टेस्ट उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे ने वनडे वर्ल्ड कप के लिए अनदेखी किए जाने के बाद अपने उस समय के अनुभव के बारे में खुलासा किया. रहाणे उस काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे जब उनके साथी इंग्लैंड में वर्ल्डकप वर्ल्डकप में खेल रहे थे.

Ajinkya Rahane
Ajinkya Rahane
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Published : Dec 27, 2019, 10:57 AM IST

नई दिल्ली: अजिंक्य रहाणे ने एक कार्यक्रम के दौरान विश्व कप टीम में नहीं चुने जाने के बाद के अपने अनुभव को साझा किया.

वो 2015 विश्व कप में व्हाइट-बॉल क्रिकेट में पहली पसंद था लेकिन इस फैसले के बाद उनके लिए ये आत्मनिरीक्षण का समय था और उन्होंने महसूस किया कि सफलता का अंधा होकर पीछा करना हमेशा आदर्श नहीं होता.


कई बार हम सफलता पाने के चक्कर में भी फंस जाते हैं

Ajinkya Rahane
भारतीय टेस्ट उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे

रहाणे ने कहा, ''कभी-कभार हम सफलता का पीछा करने में ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं और तब हमें अचानक महसूस होता है कि हमें बैठकर आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है. जब मुझे 2019 वर्ल्ड कप के लिए टीम में नहीं चुना गया तो मैंने बिलकुल ऐसा ही किया.''

रहाणे एक प्रमुख समाचार एजेंसी को बताया को बताया, "कई बार हम सफलता पाने के चक्कर में भी फंस जाते हैं और फिर हमें अचानक महसूस होता है कि हमें बस रुकने, वापस बैठने और आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है. मैंने ठीक यही किया जब मुझे 2019 विश्व कप के लिए नहीं चुना गया,"

एक इंसान के रूप में भी बहुत कुछ सीखा

उन्होंने वेस्टइंडीज दौरे के दौरान अपने फॉर्म को वापस पाया, जहां उन्होंने तीन साल में अपना पहला टेस्ट शतक बनाया और इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घर में एक और शतक लगाया. रहाणे ने कहा, "मैं अभी बहुत अच्छे स्थान पर हूं और इसकी शुरुआत वेस्टइंडीज सीरीज से हुई. मैं इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेल रहा था, जहां मैंने न केवल एक क्रिकेटर के रूप में, बल्कि एक इंसान के रूप में भी बहुत कुछ सीखा."

'हवाई शॉट लगाना कोई गुनाह नही'

"मैं कभी-कभी अकेले पार्क में टहलता था, कई बार जॉगिंग करता था. कभी-कभी मैं पिछले दिनों के बारे में सोचकर एक कप कॉफी लेकर बैठ जाता था. अपने पहले दिनों के बारे में सोचता था, जब मैं क्लब क्रिकेट या आयु-वर्ग क्रिकेट खेलता था तो मेरी मानसिकता क्या हुआ करती थी. इससे पहले कि मैं अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करूं, मुझे कुछ जवाबों चाहिए थे और वो मिल गए.''

राहुल द्रविड़ से काफी कुछ सीखा

रहाणे ने कहा, ''राहुल भाई के साथ बातचीत से मुझे उन जवाबों को प्राप्त करने में भी मदद मिली कि मुझे अपनी बल्लेबाजी को सरल रखना चाहिए. एक समय में एक खेल लें. सकारात्मक मानसिकता में रहें."

"आपके जीवन में कम से कम एक व्यक्ति का होना महत्वपूर्ण है जो आपके चेहरे पर आपकी आलोचना करे, आपकी पीठ के पीछे नहीं. अमरे सर और प्रयाग सर ऐसे लोग हैं, अगर उन्हें लगता है कि वे आलोचना करना चाहते हैं, तो वे मेरे चेहरे पर करेंगे. जब मैं अच्छा कर रहा होता हूं तो वे मेरी सराहना करते हैं

नई दिल्ली: अजिंक्य रहाणे ने एक कार्यक्रम के दौरान विश्व कप टीम में नहीं चुने जाने के बाद के अपने अनुभव को साझा किया.

वो 2015 विश्व कप में व्हाइट-बॉल क्रिकेट में पहली पसंद था लेकिन इस फैसले के बाद उनके लिए ये आत्मनिरीक्षण का समय था और उन्होंने महसूस किया कि सफलता का अंधा होकर पीछा करना हमेशा आदर्श नहीं होता.


कई बार हम सफलता पाने के चक्कर में भी फंस जाते हैं

Ajinkya Rahane
भारतीय टेस्ट उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे

रहाणे ने कहा, ''कभी-कभार हम सफलता का पीछा करने में ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं और तब हमें अचानक महसूस होता है कि हमें बैठकर आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है. जब मुझे 2019 वर्ल्ड कप के लिए टीम में नहीं चुना गया तो मैंने बिलकुल ऐसा ही किया.''

रहाणे एक प्रमुख समाचार एजेंसी को बताया को बताया, "कई बार हम सफलता पाने के चक्कर में भी फंस जाते हैं और फिर हमें अचानक महसूस होता है कि हमें बस रुकने, वापस बैठने और आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है. मैंने ठीक यही किया जब मुझे 2019 विश्व कप के लिए नहीं चुना गया,"

एक इंसान के रूप में भी बहुत कुछ सीखा

उन्होंने वेस्टइंडीज दौरे के दौरान अपने फॉर्म को वापस पाया, जहां उन्होंने तीन साल में अपना पहला टेस्ट शतक बनाया और इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घर में एक और शतक लगाया. रहाणे ने कहा, "मैं अभी बहुत अच्छे स्थान पर हूं और इसकी शुरुआत वेस्टइंडीज सीरीज से हुई. मैं इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेल रहा था, जहां मैंने न केवल एक क्रिकेटर के रूप में, बल्कि एक इंसान के रूप में भी बहुत कुछ सीखा."

'हवाई शॉट लगाना कोई गुनाह नही'

"मैं कभी-कभी अकेले पार्क में टहलता था, कई बार जॉगिंग करता था. कभी-कभी मैं पिछले दिनों के बारे में सोचकर एक कप कॉफी लेकर बैठ जाता था. अपने पहले दिनों के बारे में सोचता था, जब मैं क्लब क्रिकेट या आयु-वर्ग क्रिकेट खेलता था तो मेरी मानसिकता क्या हुआ करती थी. इससे पहले कि मैं अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करूं, मुझे कुछ जवाबों चाहिए थे और वो मिल गए.''

राहुल द्रविड़ से काफी कुछ सीखा

रहाणे ने कहा, ''राहुल भाई के साथ बातचीत से मुझे उन जवाबों को प्राप्त करने में भी मदद मिली कि मुझे अपनी बल्लेबाजी को सरल रखना चाहिए. एक समय में एक खेल लें. सकारात्मक मानसिकता में रहें."

"आपके जीवन में कम से कम एक व्यक्ति का होना महत्वपूर्ण है जो आपके चेहरे पर आपकी आलोचना करे, आपकी पीठ के पीछे नहीं. अमरे सर और प्रयाग सर ऐसे लोग हैं, अगर उन्हें लगता है कि वे आलोचना करना चाहते हैं, तो वे मेरे चेहरे पर करेंगे. जब मैं अच्छा कर रहा होता हूं तो वे मेरी सराहना करते हैं

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भारतीय टेस्ट उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे ने  वनडे वर्ल्ड कप के लिए अनदेखी किए जाने के बाद अपने उस समय के अनुभव के बारे में खुलासा किया. रहाणे उस काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे जब उनके साथी इंग्लैंड में वर्ल्डकप वर्ल्डकप में खेल रहे थे.




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