नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी20 विश्वकप में सेमीफाइनल में टीम इंडिया की हार के बाद टीम व खिलाड़ियों में बदलाव को लेकर तरह-तरह के सुझाव दिए जा रहे हैं. कोई कप्तान बदलने की बात कह रहा है तो कोई ज्यादा से ज्यादा ऑलराउंडर रखने की सलाह दे रहा है तो कोई रेड-बॉल और व्हाइट-बॉल क्रिकेट के लिए अलग अलग टीम बनाने की सलाह दे रहा है, ताकि खिलाड़ी बदलते दौर में खुद के एक विशेषज्ञ खिलाड़ी की तरह तैयार कर सकें और टीम प्रबंधन को भी खिलाड़ियों के चयन में कोई खास परेशानी न हो. ऐसे में एक दो खिलाड़ी अपवाद हो सकते हैं जिन्हें दोनों फार्मेट के लिए मौका मिले.
सेमीफाइनल में हार के बाद खिलाड़ियों के व्यक्ति प्रदर्शन के साथ साथ कोचिंग व टीम मैनेजमेंट पर सवाल उठाना लाजिमी है. इसीलिए ऐसा माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले एकदिवसीय विश्वकप 2023 और 2024 में होने वाले टी20 विश्वकप के पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड कोई बड़ा फैसला जरुर लेगा. अधिक उम्र के खिलाड़ियों की बजाय टी20 में नए उम्र के खिलाड़ियों को मौका देने व सीनियर खिलाड़ियों को एकदिवसीय व टेस्ट मैच के लिए तैयार करने की पहल विचार कर सकता है.
आईपीएल से हर साल नए खिलाड़ियों की फौज तैयार हो रही है, लेकिन सीनियर खिलाड़ियों के चलते कई खिलाड़ी टी20 टीम में मौका नहीं पा सके हैं. अगर ऐसा होता है तो नए खिलाड़ियों को अवसर मिलेगा व खिलाड़ियों को भी अपने लिए सेट फारमेट चुनने व अच्छा प्रदर्शन करने का प्लेटफॉर्म मिलेगा.
यहां आप देख सकते हैं कि अगले साल भारतीय टीम को कितने मैच कहां कहां खेलने हैं...
कृष्णमाचारी श्रीकांत की सलाह
भारत के पूर्व क्रिकेटर और चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष कृष्णमाचारी श्रीकांत ने कहा कि अगर वह वर्तमान में मुख्य चयनकर्ता होते, तो वह 2024 टी20 विश्व कप तक हार्दिक पांड्या को टीम का कप्तान नियुक्त कर देते. न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी तीन मैचों की टी20 श्रृंखला से टीम का पुनर्निर्माण शुरू करने पर ध्यान देने वाली टीम के लिए पूर्व क्रिकेटर अपने हिसाब से सलाह दे रहे हैं.
कृष्णमाचारी श्रीकांत ने साफ साफ कहा-- ..देखो, अगर मैं चयन समिति का अध्यक्ष होता, तो मैं हार्दिक पंड्या को 2024 विश्व कप तक कप्तान नियुक्त करता, ताकि एक नई टीम का पुनर्निर्माण शुरू हो जाए.
अनिल कुंबले की राय
वहीं भारत के पूर्व कप्तान और मुख्य कोच अनिल कुंबले का मानना है कि रेड-बॉल और व्हाइट-बॉल क्रिकेट में अलग-अलग टीमों का निर्माण करना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सभी टीमों के लिए आगे बढ़ने का यही सही रास्ता है. व्हाइट-बॉल क्रिकेट में इंग्लैंड की जबरदस्त सफलता और उन्हें वनडे विश्व कप 2019 विजेता और साथ ही 2022 टी20 विश्व कप के चैंपियन बनने के लिए लाल गेंद और सफेद गेंद वाले क्रिकेट मैचों के लिए अलग-अलग टीमों वाली टीमों के लिए बहस फिर से शुरू हो गई है.
अनिल कुंबले का मानना है कि... निश्चित रूप से, आपको अलग टीमों की आवश्यकता है. मुझे लगता है कि इस अंग्रेजी टीम ने जो दिखाया है और यहां तक कि पिछले टी20 विश्वकप चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने भी ऐसा कर दिखाया है कि टी20 फारमेट में आपको बहुत सारे ऑलराउंडरों की आवश्यकता होती है, जो जरुरत के समय बैटिंग और बॉलिंग दोनों कर सकें.
इंग्लैंड की टीम ने पेश किया उदाहरण
अनिल कुंबले ने इंग्लैंड की टीम का उदाहरण देते हुए कहा कि लियाम लिविंगस्टोन नंबर 7 पर बल्लेबाजी कर रहे हैं. किसी अन्य टीम के पास लिविंगस्टोन की गुणवत्ता का नंबर 7 पर कोई बल्लेबाज नहीं है. इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के लिए मार्कस स्टोइनिस नंबर 6 पर खेलते हैं. इसी तरह की तैयारी टीम इंडिया को भी करनी होगी. इंग्लैंड में देख लीजिए तो ब्रेंडन मैकुलम रेड-बॉल के कोच हैं, जबकि बेन स्टोक्स कप्तान हैं. वहीं सफेद गेंद वाले क्रिकेट में मैथ्यू मोट मुख्य कोच हैं, जबकि जोस बटलर कप्तान हैं. दृष्टिकोण में बदलाव का मतलब था कि लाल गेंद वाली टीम की इस साल की घरेलू गर्मियों में न्यूजीलैंड, भारत और दक्षिण अफ्रीका पर जीत दर्ज की थी. यहां इयोन मोर्गन के अंतरराष्ट्रीय संन्यास के बाद बटलर को सफेद गेंद क्रिकेट का कप्तान बनाया गया था.
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कुंबले ने कहा कि आपको एक अलग कप्तान या एक अलग कोच की जरूरत है या नहीं वह अभी कुछ नहीं कह सकते. पर इतना जरुर ध्यान रखना होगा कि आप किस टीम को चुनने जा रहे हैं और फिर चुनने के लिए आप किस तरह का सिस्टम बनाते हैं.
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