हैदराबाद: बाबर आजम इस वक्त ऐसे जबरदस्त फॉर्म में हैं, जिनके बल्ले से निकला अर्धशतक भी एक सफल पारी की तरह नजर आता है. ऐसे आंकड़े सर डॉन ब्रैडमैन के होते थे, लेकिन वो जमाना भी कुछ और था. आज के दौर में अक्सर बाबर की तुलना विराट कोहली से की जाती है, जिनके रिकॉर्ड्स अब बाबर लगातार तोड़ते जा रहे हैं.
साल 2019 में जब एक शानदार पारी के बाद किसी पत्रकार ने उनकी तुलना विराट कोहली से की तो बाबर आजम ने कहा था, ये तुलना ठीक नहीं है. वो एक छोटे खिलाड़ी हैं, जबकि कोहली एक लीजेंड हैं. स्वभाव से विनम्र कहे जाने वाले बाबर आज भी कोहली से तुलना को बेमानी समझते हैं. लेकिन अगर किसी खिलाड़ी के वर्ल्ड रिकॉर्ड कोई दूसरा खिलाड़ी लगातार तोड़ने लगे तो चर्चा तो होगी ही और उसकी तुलना भी होगी.
बाबर आजम का परिवार
बाबर आजम, आजम सिद्दीकी के बेटे हैं. वह क्रिकेटरों के परिवार से आते हैं. कामरान अकमल, उमर अकमल और अदनान अकमल के चचेरे भाई हैं. उनका एक भाई है, जिसका नाम सफीर आजम है. बाबर ने लाहौर में अपनी यात्रा शुरू की, अपने कोच मंसूर अहमद हमीद की चौकस निगाहों में आयु-समूह क्रिकेट खेल रहे थे, जो उन्हें 'युस्लिम क्रिक क्लब' में प्रशिक्षित करते थे. बाबर ने एक दिलचस्प कहानी साझा की कि कैसे उनके पास बल्ला खरीदने के लिए पैसे नहीं थे और उनकी मां ने अपनी पूरी बचत उनकी मदद के लिए दे दी. साल 2007 में, बाबर आजम ने पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के बीच एक दिवसीय मैच के लाइव प्रसारण में एक कैमियो किया. जेपी डुमिनी ने बाबर का छक्का लगाया और बॉल बॉय ने एक अच्छा कैच लपका, उस दरम्यान कमेंटेटर ने भी उनकी तारीफ की थी.
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बाबर का घरेलू क्रिकेट में करियर
बाबर आजम ने साल 2010 में जराई ताराकियाती बैंक लिमिटेड के लिए खेलना शुरू किया, जो उनके प्रथम श्रेणी करियर की शुरुआत थी. उन्होंने 10 दिसंबर 2010 को कायद-ए-आजम ट्रॉफी में नेशनल बैंक लिमिटेड के खिलाफ प्रथम श्रेणी में डेब्यू किया. उन्होंने 114 गेंदों पर 54 रन बनाए, लेकिन मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ. उन्होंने रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड कप में मुल्तान में अपने लिस्ट ए डेब्यू में अर्धशतक बनाया, जो उनकी टीम की जीत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ. हालांकि, उन्होंने लाहौर ईगल्स के लिए अपना पहला टी-20 मैच 1 दिसंबर 2012 को लाहौर में फैसल बैंक टी-20 कप में हैदराबाद हॉक्स के खिलाफ खेला था.
बाबर की क्रिकेट करियर यात्रा
बाबर आजम साल 2010 से 2013 तक तीन साल के लिए जराई ताराकियाती बैंक लिमिटेड के लिए खेल रहे थे. फिर उन्होंने साल 2012 से 2015 तक इस्लामाबाद तेंदुए की टीम के लिए खेला. घरेलू करियर में कई प्रयासों के बाद, उन्होंने घरेलू सीरीज के लिए पाकिस्तान टीम में नामित किया. जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे में आजम ने 31 मई को तीसरे एकदिवसीय मैच में अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज की. उस दरम्यान उन्होंने 60 गेंदों पर 54 रन की शानदार पारी खेली. उनकी अच्छी प्रगति ने उन्हें पाकिस्तानी टेस्ट टीम के साथ-साथ एकदिवसीय टीम में भी स्थान दिलाया. उन्होंने इसके बाद श्रीलंका के खिलाफ एक और सीरीज के लिए चयन किया. उन्हें टेस्ट सीरीज में मौका नहीं मिला. एकदिवसीय सीरीज के दौरान वह खेले गए दो मैचों में केवल 37 रन ही बना सके थे.
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बाबर का वनडे करियर
बाबर ने 31 मई 2015 को लाहौर में जिम्बाब्वे की अपेक्षाकृत कमजोर टीम के खिलाफ क्रिकेट के एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय प्रारूप में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया. वहीं, बाबर ने 13 अक्टूबर 2016 को दुबई में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया. उन्होंने पहली पारी में 69 रन बनाए और दूसरी पारी में 21 रन बनाए और उनकी टीम 56 रन से विजयी हुई.
बाबर ने लगातार तीन शतक लगाने का कारनामा दूसरी बार करके दिखाया है. इससे पहले साल 2016 में वो ऐसा कर चुके हैं. दो बार लगातार तीन-तीन सेंचुरी लगाने का रिकॉर्ड बाबर आजम के नाम दर्ज हो चुका है. बतौर कप्तान सबसे तेज एक हजार रन बनाने का भी रिकॉर्ड विराट कोहली के नाम था, जिन्होंने ये उपलब्धि 17 पारियों में हासिल की थी. बाबर को यहां तक पंहुचने में महज 13 पारियों का वक्त लगा. कप्तान के तौर पर बाबर आजम ने 13 पारियों में 91.36 की औसत और 103.71 के स्ट्राइक रेट से 1,005 रन बना लिए हैं. नब्बे से ऊपर का औसत एक बार फिर उनके रिकॉर्ड्स को ब्रैडमैन सरीखा बना देता है. हालांकि, ब्रैडमैन का ऐसा औसत पूरे करियर में रहा था. जबकि बाबर पिछले कुछ साल से ही ऐसा खेल रहे हैं. बाबर का ऐसा फॉर्म उन्हें वनडे क्रिकेट की आईसीसी रैंकिंग में नम्बर वन पर ला देता है. आईसीसी टी-20 की रैंकिंग में भी वो सबसे पहले आते हैं.
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बाबर और विराट
हाल ही में क्रिकेट के एक शो में जब पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर आकिब जावेद से पूछा गया कि वो विराट कोहली और बाबर आजम में किसे अव्वल मानते हैं तो उनका जवाब था कि दोनों ही खिलाड़यों में बराबर का टैलेंट है. जहां बाबर आजम अपने प्रदर्शन के शिखर छू रहे हैं और लगातार ऊपर जा रहे हैं. वहीं कोहली के लिए ये शिखर से उतरने का समय है. अव वो उस तरह की दमदार बल्लेबाजी नहीं कर रहे हैं, जिसके लिए वो जाने जाते रहे हैं.
नवंबर 2019 के बाद से कोहली ने कोई भी शतक नहीं लगाया है. 22 नवंबर 2019 को उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ खेतले हुए इडेन गार्डेन्स में शतक लगाया था. लेकिन उसके बाद 71 अंतरराष्ट्रीय पारियों से वो शतक को तरस रहे हैं. वनडे में दोनों के औसत की तुलना करें तो ज्यादा फर्क नहीं दिखता है. कोहली का वनडे औसत 58.07 है, जबकि बाबर आजम का वनडे औसत 59.78 का है. वैसे टेस्ट क्रिकेट में कप्तान के तौर पर कोहली के नाम कई रिकॉर्ड्स हैं, जिनसे बाबर आजम काफी पीछे हैं. कप्तान के तौर पर उन्होंने 113 पारियों में 54.80 की औसत से 5 हजार 864 रन बनाए हैं. कप्तान के रूप में कोहली ने 20 शतक और 19 अर्धशतक भी लगाए हैं. उन्होंने सात दोहरे शतक भी लगाए हैं और ऐसा करने वालों वो दुनिया के इकलौते कप्तान हैं.
ये आंकडे, जिनसे बाबर अभी काफी पीछे हैं?
अगर दोनों बल्लेबाजों के शॉट्स और टेंम्परामेंट की तुलना करें तो बहुत फर्क नहीं मिलेगा. कोहली की ही तरह बाबर ने अपनी टीम को जीत का रास्ता दिखाया है. लेकिन जहां कोहली ने एक विश्व विजयी कभी हार न मानने वाली टीम का नेतृत्व किया. वहीं बाबर एक ऐसी युवा टीम को लीड कर रहे हैं, जिसे मानो वो जीतना सिखा रहे हों. टार्गेट का पीछा करते वक्त भी कोहली जिस तरह से जीत दिलाते हैं, वह भी बाबर आजम के लिए एक बड़ा पाठ है.
ये दोनों अपने दौर के ऐसे कद्दावर खिलाड़ी हैं कि जिनके बारे मे पूर्व पाकिस्तानी कप्तान राशिद लतीफ ने हाल ही में कहा था, मुझे कोहली और आजम दे दो. बाकी नौ खिलाड़ी चाहे लकड़ी के ही क्यों न बने हो, वर्ल्ड कप मैं ही जीतूंगा. सच ही बाबर आजम और कोहली ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें हर कोई अपनी टीम में लेना चाहेगा.