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पुलेला गोपीचंद की बेटी गायत्री ने अपनी ट्रेनिंग को लेकर किया खुलासा, कहा- पापा ट्रेनिंग को लेकर बहुत सख्त हैं

एक बड़े खिलाड़ी की बेटी जब खेल में अपने कदम जमाने की कोशिश करती है तो आम धारणा होती है कि पिता कुछ अलग समय दे उसे तैयार करते होंगे. गायत्री गोपीचंद के साथ कहानी दूसरी है. पिता पुलेला गोपीचंद भारतीय राष्ट्रीय टीम के कोच हैं और अपनी अकादमी भी चलाते हैं, लेकिन बेटी को अलग से ट्रेनिंग नहीं बल्कि बाकी बच्चों के समान बैच में ही ट्रेनिंग मिलती है.

Gayatri Gopichand, PBL
Gayatri Gopichand
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Published : Feb 6, 2020, 9:38 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 11:05 AM IST

नई दिल्ली : नेशनल बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद की बेटी गायत्री गोपीचंद कहती हैं कि उनके पिता ट्रेनिंग को लेकर काफी सख्त हैं और किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं करते. गायत्री की मानें तो पुलेला उन्हें भी अकादमी के बाकी बच्चों की तरह देखते हैं और ऑफ कोर्ट बैडमिंटन के बारे में ज्यादा बात नहीं करते.

Gayatri Gopichand, PBL
गायत्री गोपीचंद

किसी तरह का दबाव महसूस नहीं करतीं

गायत्री ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में बताया कि सभी को लगता है कि पुलेला गोपीचंद की बेटी होने के नाते उन पर दबाव होगा लेकिन वो किसी तरह का दबाव महसूस नहीं करतीं.

16 साल की गायत्री ने कहा, "बहुत लोग कहते हैं कि गोपी सर की बेटी है तो दबाव तो होगा कि लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. मैं कोर्ट पर जाती हूं तो कोई दबाव नहीं रहता. पापा ज्यादा कुछ नहीं कहते. कोर्ट पर जाने से पहले कहते हैं कि बस अपना सौ फीसदी देना, हार भी जाए तो कोई बात नहीं बस अपना सौ प्रतिशत देना."

उन्होंने कहा, "ऑफ कोर्ट हमारी बैडमिंटन के बारे में ज्यादा बात नहीं होती. हां, ट्रेनिंग के समय पर पापा बहुत सख्त रहते हैं. वो अलग से मुझे ट्रेनिंग नहीं कराते, पूरा बैच रहता है। वो जो ट्रैनिंग कराते हैं वो बैच में ही कराते हैं."

Gayatri Gopichand, PBL
परिवार के साथ गायत्री गोपीचंद

ताई जु यिंग के खिलाफ पहला गेम जीता

गायत्री भी आम खिलाड़ी की तरह देश का नाम रौशन करना चाहती हैं. वे इसके लिए मेहनत भी कर रही हैं. इस समय प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) में चेन्नई सुपरस्टार्स के लिए खेल रही गायत्री ने अपनी प्रतिभा की झलक भी दिखाई. गायत्री ने बेंगलुरू रैप्टर्स के लिए खेल रही पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 ताई जु यिंग के खिलाफ पहला गेम जीत यिंग को सकते में डाल दिया था. हालांकि यिंग ने बाकी दो मैच अपने नाम कर मैच जीत लिया, लेकिन गायत्री के लिए यिंग के खिलाफ एक गेम भी जीतना बड़ी उपलब्धि है.

Gayatri Gopichand, PBL
गायत्री गोपीचंद ने ताई जु यिंग को पहले सेट में हराया

बुश फायर फंडरेजर मैच से पहले पोंटिंग और लारा ने की नेट में प्रैक्टिस, देखिए VIDEO

यिंग के साथ मैच को लेकर उन्होंने कहा, "मैच से पहले मैंने उम्मीद भी नहीं की थी ऐसा कर पाऊंगी. गेम जब शुरू हुआ तो हमारे स्टोक्स अच्छा चल रहे थे. मैं मूवमेंट भी अच्छे से कर रही थी. अपने प्रदर्शन से काफी खुश थी कि मैं उन जैसी खिलाड़ी को एक गेम हरा पाई. मैं कोई रणनीति नहीं बनाती हूं, जो कोर्ट पर होगा वो देखा जाए. यिंग के खिलाफ जब खेल रही थी तो दबाव नहीं था."

यिंग को देखकर काफी कुछ सीखने में सफल रहीं

Tai Tzu-ying
ताई जु यिंग

बेशक गायत्री मैच हार गई हो लेकिन एक अच्छे खिलाड़ी की तरह वह इस मैच से यिंग को देखकर काफी कुछ सीखने में सफल रहीं.

बकौल गायत्री, "मैं अपनी पसंदीदा खिलाड़ी यिग के खिलाफ खेली हूं. उन्हें देखकर मैंने काफी कुछ सीखा. उनके कोर्ट पर मूवमेंट कैसे होते हैं. वो कोर्ट पर करती क्या हैं कैसे खेलती हैं. इन सभी को मैंने नोटिस किया और काफी कुछ सीखा."

नई दिल्ली : नेशनल बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद की बेटी गायत्री गोपीचंद कहती हैं कि उनके पिता ट्रेनिंग को लेकर काफी सख्त हैं और किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं करते. गायत्री की मानें तो पुलेला उन्हें भी अकादमी के बाकी बच्चों की तरह देखते हैं और ऑफ कोर्ट बैडमिंटन के बारे में ज्यादा बात नहीं करते.

Gayatri Gopichand, PBL
गायत्री गोपीचंद

किसी तरह का दबाव महसूस नहीं करतीं

गायत्री ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में बताया कि सभी को लगता है कि पुलेला गोपीचंद की बेटी होने के नाते उन पर दबाव होगा लेकिन वो किसी तरह का दबाव महसूस नहीं करतीं.

16 साल की गायत्री ने कहा, "बहुत लोग कहते हैं कि गोपी सर की बेटी है तो दबाव तो होगा कि लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. मैं कोर्ट पर जाती हूं तो कोई दबाव नहीं रहता. पापा ज्यादा कुछ नहीं कहते. कोर्ट पर जाने से पहले कहते हैं कि बस अपना सौ फीसदी देना, हार भी जाए तो कोई बात नहीं बस अपना सौ प्रतिशत देना."

उन्होंने कहा, "ऑफ कोर्ट हमारी बैडमिंटन के बारे में ज्यादा बात नहीं होती. हां, ट्रेनिंग के समय पर पापा बहुत सख्त रहते हैं. वो अलग से मुझे ट्रेनिंग नहीं कराते, पूरा बैच रहता है। वो जो ट्रैनिंग कराते हैं वो बैच में ही कराते हैं."

Gayatri Gopichand, PBL
परिवार के साथ गायत्री गोपीचंद

ताई जु यिंग के खिलाफ पहला गेम जीता

गायत्री भी आम खिलाड़ी की तरह देश का नाम रौशन करना चाहती हैं. वे इसके लिए मेहनत भी कर रही हैं. इस समय प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) में चेन्नई सुपरस्टार्स के लिए खेल रही गायत्री ने अपनी प्रतिभा की झलक भी दिखाई. गायत्री ने बेंगलुरू रैप्टर्स के लिए खेल रही पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 ताई जु यिंग के खिलाफ पहला गेम जीत यिंग को सकते में डाल दिया था. हालांकि यिंग ने बाकी दो मैच अपने नाम कर मैच जीत लिया, लेकिन गायत्री के लिए यिंग के खिलाफ एक गेम भी जीतना बड़ी उपलब्धि है.

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गायत्री गोपीचंद ने ताई जु यिंग को पहले सेट में हराया

बुश फायर फंडरेजर मैच से पहले पोंटिंग और लारा ने की नेट में प्रैक्टिस, देखिए VIDEO

यिंग के साथ मैच को लेकर उन्होंने कहा, "मैच से पहले मैंने उम्मीद भी नहीं की थी ऐसा कर पाऊंगी. गेम जब शुरू हुआ तो हमारे स्टोक्स अच्छा चल रहे थे. मैं मूवमेंट भी अच्छे से कर रही थी. अपने प्रदर्शन से काफी खुश थी कि मैं उन जैसी खिलाड़ी को एक गेम हरा पाई. मैं कोई रणनीति नहीं बनाती हूं, जो कोर्ट पर होगा वो देखा जाए. यिंग के खिलाफ जब खेल रही थी तो दबाव नहीं था."

यिंग को देखकर काफी कुछ सीखने में सफल रहीं

Tai Tzu-ying
ताई जु यिंग

बेशक गायत्री मैच हार गई हो लेकिन एक अच्छे खिलाड़ी की तरह वह इस मैच से यिंग को देखकर काफी कुछ सीखने में सफल रहीं.

बकौल गायत्री, "मैं अपनी पसंदीदा खिलाड़ी यिग के खिलाफ खेली हूं. उन्हें देखकर मैंने काफी कुछ सीखा. उनके कोर्ट पर मूवमेंट कैसे होते हैं. वो कोर्ट पर करती क्या हैं कैसे खेलती हैं. इन सभी को मैंने नोटिस किया और काफी कुछ सीखा."

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एक बड़े खिलाड़ी की बेटी जब खेल में अपने कदम जमाने की कोशिश करती है तो आम धारणा होती है कि पिता कुछ अलग समय दे उसे तैयार करते होंगे. गायत्री गोपीचंद के साथ कहानी दूसरी है. पिता पुलेला गोपीचंद भारतीय राष्ट्रीय टीम के कोच हैं और अपनी अकादमी भी चलाते हैं, लेकिन बेटी को अलग से ट्रेनिंग नहीं बल्कि बाकी बच्चों के समान बैच में ही ट्रेनिंग मिलती है.




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Last Updated : Feb 29, 2020, 11:05 AM IST
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