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'मोमोटा जैसे खिलाड़ियों को हराने के लिए और फिट होना होगा'

सेमीफाइनल में हारने के बाद बी.साई प्रणीत ने कहा है कि, 'मोमोटा जैसे खिलाड़ी को हराने के लिए इतने से काम नहीं चलेगा. मुझे और फिट होने की जरूरत है.'

Sai praneeth
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Published : Aug 24, 2019, 7:53 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 3:48 AM IST

बासेल: बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप-2019 के सेमीफाइनल में हार झेलने वाले भारतीय पुरुष एकल खिलाड़ी बी.साई प्रणीत ने माना कि वर्ल्ड नंबर-1 केंटो मोमोटा जैसे खिलाड़ियों को हराने के लिए उन्हें अपनी फिटनेस पर अभी और काम करना पड़ेगा.

प्रणीत को मोमोटा के हाथों सीधे गेमों में 13-21, 8-21 से करारी हार झेलनी पड़ी और कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा. इस जीत के बाद मोमोटा ने प्रणीत के खिलाफ 4-2 का रिकॉर्ड कर लिया है.

प्रणीत ने मैच के बाद मीडिया से कहा, "मैंने इस सेमीफाइनल मैच से बहुत कुछ सीखा. मुझे समझ आया गया है कि मोमोटा जैसे खिलाड़ी को हराने के लिए इतने से काम नहीं चलेगा. मुझे और फिट होने की जरूरत है, खाली स्ट्रोक अच्छा होने से नहीं होगा क्योंकि मैंने जो भी शॉट मारे वह सबकुछ उठा रहा था. मुझे अपने फिटनेस पर अभी और काम करना है."

बी.साई प्रणीत
बी.साई प्रणीत

भारतीय खिलाड़ी ने मैच की अच्छी शुरुआत की, लेकिन धीरे-धीरे मोमोटा ने लय पकड़ी और मुकाबला जीत लिया.

प्रणीत ने कहा, "मैंने मुकाबले की शुरुआत बेहद अच्छी की, लेकिन ब्रेक के बाद लगातार दो-तीन गलतियां हुई जिसके कारण मैंने लय खो दी. लगातार प्रयासों के बाद भी मुझे अंक नहीं मिल रहे थे, मैंने जितने भी अटैक किए उस पर मोमोटा ने बेहतरीन प्रतिक्रिया दी, उन्होंने मेरे सभी स्ट्रोक का जवाब दिया जिसके कारण मुझे बहुत दिक्कत हुई."

हालांकि, प्रणीत ने माना कि यह टूर्नामेंट उनके लिए यादगार रहा. विश्व चैम्पियनशिप में उनका यह पहला पदक है. वे इस टूर्नामेंट में पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं.

बी.साई प्रणीत
बी.साई प्रणीत

इससे पहले, प्रकाश पादुकोण ने 36 साल पहले 1983 में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था.

प्रणीत ने कहा, "यह टूर्नामेंट अब तक मेरे लिए बहुत ही अच्छा रहा. ये एक बहुत बड़ा टूर्नामेंट है. हां, आज का मैच मेरे लिए बहुत निराशाजनक रहा, लेकिन कुल मिलाकर टूर्नामेंट में मैंने अच्छा प्रदर्शन किया."

बासेल: बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप-2019 के सेमीफाइनल में हार झेलने वाले भारतीय पुरुष एकल खिलाड़ी बी.साई प्रणीत ने माना कि वर्ल्ड नंबर-1 केंटो मोमोटा जैसे खिलाड़ियों को हराने के लिए उन्हें अपनी फिटनेस पर अभी और काम करना पड़ेगा.

प्रणीत को मोमोटा के हाथों सीधे गेमों में 13-21, 8-21 से करारी हार झेलनी पड़ी और कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा. इस जीत के बाद मोमोटा ने प्रणीत के खिलाफ 4-2 का रिकॉर्ड कर लिया है.

प्रणीत ने मैच के बाद मीडिया से कहा, "मैंने इस सेमीफाइनल मैच से बहुत कुछ सीखा. मुझे समझ आया गया है कि मोमोटा जैसे खिलाड़ी को हराने के लिए इतने से काम नहीं चलेगा. मुझे और फिट होने की जरूरत है, खाली स्ट्रोक अच्छा होने से नहीं होगा क्योंकि मैंने जो भी शॉट मारे वह सबकुछ उठा रहा था. मुझे अपने फिटनेस पर अभी और काम करना है."

बी.साई प्रणीत
बी.साई प्रणीत

भारतीय खिलाड़ी ने मैच की अच्छी शुरुआत की, लेकिन धीरे-धीरे मोमोटा ने लय पकड़ी और मुकाबला जीत लिया.

प्रणीत ने कहा, "मैंने मुकाबले की शुरुआत बेहद अच्छी की, लेकिन ब्रेक के बाद लगातार दो-तीन गलतियां हुई जिसके कारण मैंने लय खो दी. लगातार प्रयासों के बाद भी मुझे अंक नहीं मिल रहे थे, मैंने जितने भी अटैक किए उस पर मोमोटा ने बेहतरीन प्रतिक्रिया दी, उन्होंने मेरे सभी स्ट्रोक का जवाब दिया जिसके कारण मुझे बहुत दिक्कत हुई."

हालांकि, प्रणीत ने माना कि यह टूर्नामेंट उनके लिए यादगार रहा. विश्व चैम्पियनशिप में उनका यह पहला पदक है. वे इस टूर्नामेंट में पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं.

बी.साई प्रणीत
बी.साई प्रणीत

इससे पहले, प्रकाश पादुकोण ने 36 साल पहले 1983 में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था.

प्रणीत ने कहा, "यह टूर्नामेंट अब तक मेरे लिए बहुत ही अच्छा रहा. ये एक बहुत बड़ा टूर्नामेंट है. हां, आज का मैच मेरे लिए बहुत निराशाजनक रहा, लेकिन कुल मिलाकर टूर्नामेंट में मैंने अच्छा प्रदर्शन किया."

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बासेल: बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप-2019 के सेमीफाइनल में हार झेलने वाले भारतीय पुरुष एकल खिलाड़ी बी.साई प्रणीत ने माना कि वर्ल्ड नंबर-1 केंटो मोमोटा जैसे खिलाड़ियों को हराने के लिए उन्हें अपनी फिटनेस पर अभी और काम करना पड़ेगा.



प्रणीत को मोमोटा के हाथों सीधे गेमों में 13-21, 8-21 से करारी हार झेलनी पड़ी और कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा. इस जीत के बाद मोमोटा ने प्रणीत के खिलाफ 4-2 का रिकॉर्ड कर लिया है.



प्रणीत ने मैच के बाद मीडिया से कहा, "मैंने इस सेमीफाइनल मैच से बहुत कुछ सीखा. मुझे समझ आया गया है कि मोमोटा जैसे खिलाड़ी को हराने के लिए इतने से काम नहीं चलेगा. मुझे और फिट होने की जरूरत है, खाली स्ट्रोक अच्छा होने से नहीं होगा क्योंकि मैंने जो भी शॉट मारे वह सबकुछ उठा रहा था. मुझे अपने फिटनेस पर अभी और काम करना है."



भारतीय खिलाड़ी ने मैच की अच्छी शुरुआत की, लेकिन धीरे-धीरे मोमोटा ने लय पकड़ी और मुकाबला जीत लिया.



प्रणीत ने कहा, "मैंने मुकाबले की शुरुआत बेहद अच्छी की, लेकिन ब्रेक के बाद लगातार दो-तीन गलतियां हुई जिसके कारण मैंने लय खो दी. लगातार प्रयासों के बाद भी मुझे अंक नहीं मिल रहे थे, मैंने जितने भी अटैक किए उस पर मोमोटा ने बेहतरीन प्रतिक्रिया दी, उन्होंने मेरे सभी स्ट्रोक का जवाब दिया जिसके कारण मुझे बहुत दिक्कत हुई."



हालांकि, प्रणीत ने माना कि यह टूर्नामेंट उनके लिए यादगार रहा. विश्व चैम्पियनशिप में उनका यह पहला पदक है. वे इस टूर्नामेंट में पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं.



इससे पहले, प्रकाश पादुकोण ने 36 साल पहले 1983 में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था.



प्रणीत ने कहा, "यह टूर्नामेंट अब तक मेरे लिए बहुत ही अच्छा रहा. ये एक बहुत बड़ा टूर्नामेंट है. हां, आज का मैच मेरे लिए बहुत निराशाजनक रहा, लेकिन कुल मिलाकर टूर्नामेंट में मैंने अच्छा प्रदर्शन किया."


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Last Updated : Sep 28, 2019, 3:48 AM IST
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