ETV Bharat / sports

प्रकाश पादुकोण का बड़ा बयान कहा -गोपीचंद अकादमी छोड़ने का फैसला साइना का था

author img

By

Published : Jan 14, 2020, 2:12 PM IST

पादुकोण अकादमी ने कहा, ‘‘पीपीबीए पिछले 25 साल से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहा है. हमारे कई खिलाड़ी अपने कैरियर के अलग-अलग चरण पर अकादमी छोड़कर गए हैं. हम कभी उनकी प्रगति में बाधा नहीं बने और यही अकादमी की नीति रहेगी.’’

Prakash Padukone
Prakash Padukone

बेंगलुरू: प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि रियो ओलंपिक से पहले हैदराबाद में गोपीचंद अकादमी छोड़कर बेंगलुरू में विमल कुमार के मार्गदर्शन में अभ्यास करने का फैसला साइना नेहवाल का अपना था और अकादमी की इसमें कोई भूमिका नहीं रही थी.

गोपीचंद ने आगामी किताब ‘ड्रीम्स आफ ए बिलियन : इंडिया एंड द ओलंपिक गेम्स’ के एक अध्याय ‘ बिटर राइवलरी’ में लिखा है कि 2014 विश्व चैम्पियनशिप के बाद विमल कुमार के मार्गदर्शन में बेंगलुरू स्थित पादुकोण अकादमी में अभ्यास के साइना के फैसले से वो काफी दुखी हुए.

Saina Nehwal
साइना नेहवाल

गोपीचंद ने ये भी कहा कि उन्हें बुरा लगा कि पादुकोण, विमल और ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट के अधिकारी वीरेन रासकिन्हा ने साइना को हैदराबाद छोड़ने के लिये प्रोत्साहित किया. पादुकोण अकादमी ने एक बयान में कहा, ‘‘बेंगलुरू में पीपीबीए पर अभ्यास करने के साइना के फैसले में पीपीबीए का कोई हाथ नहीं है.’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘विमल कुमार ने साइना को खराब फार्म से निकलकर दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनने में मदद की. इसके अलावा उन्होंने आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप और विश्व चैम्पियनशिप में भी रजत पदक जीते.’’

किताब ने गोपीचंद ने ये भी लिखा है कि उन्हें हैरानी है कि पादुकोण ने कभी उनके बारे में कुछ सकारात्मक नहीं कहा. इस पर पीपीबीए ने लिखा, ‘‘पीपीबीए एक खिलाड़ी और कोच के रूप में भारतीय बैडमिंटन में पुलेला गोपीचंद के योगदान का सम्मान करता है. हमने विश्व स्तर पर उनके खिलाड़ियों की सफलता की सराहना की है और हमेशा उनके साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं.’’

गोपीचंद ने खुद पादुकोण के मार्गदर्शन में अभ्यास किया और 2001 में आल इंग्लैंड जीतने के बाद कोच गांगुली प्रसाद के साथ जुड़े.

पादुकोण अकादमी ने कहा, ‘‘पीपीबीए पिछले 25 साल से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहा है. हमारे कई खिलाड़ी अपने कैरियर के अलग-अलग चरण पर अकादमी छोड़कर गए हैं. हम कभी उनकी प्रगति में बाधा नहीं बने और यही अकादमी की नीति रहेगी.’’

बेंगलुरू: प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि रियो ओलंपिक से पहले हैदराबाद में गोपीचंद अकादमी छोड़कर बेंगलुरू में विमल कुमार के मार्गदर्शन में अभ्यास करने का फैसला साइना नेहवाल का अपना था और अकादमी की इसमें कोई भूमिका नहीं रही थी.

गोपीचंद ने आगामी किताब ‘ड्रीम्स आफ ए बिलियन : इंडिया एंड द ओलंपिक गेम्स’ के एक अध्याय ‘ बिटर राइवलरी’ में लिखा है कि 2014 विश्व चैम्पियनशिप के बाद विमल कुमार के मार्गदर्शन में बेंगलुरू स्थित पादुकोण अकादमी में अभ्यास के साइना के फैसले से वो काफी दुखी हुए.

Saina Nehwal
साइना नेहवाल

गोपीचंद ने ये भी कहा कि उन्हें बुरा लगा कि पादुकोण, विमल और ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट के अधिकारी वीरेन रासकिन्हा ने साइना को हैदराबाद छोड़ने के लिये प्रोत्साहित किया. पादुकोण अकादमी ने एक बयान में कहा, ‘‘बेंगलुरू में पीपीबीए पर अभ्यास करने के साइना के फैसले में पीपीबीए का कोई हाथ नहीं है.’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘विमल कुमार ने साइना को खराब फार्म से निकलकर दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनने में मदद की. इसके अलावा उन्होंने आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप और विश्व चैम्पियनशिप में भी रजत पदक जीते.’’

किताब ने गोपीचंद ने ये भी लिखा है कि उन्हें हैरानी है कि पादुकोण ने कभी उनके बारे में कुछ सकारात्मक नहीं कहा. इस पर पीपीबीए ने लिखा, ‘‘पीपीबीए एक खिलाड़ी और कोच के रूप में भारतीय बैडमिंटन में पुलेला गोपीचंद के योगदान का सम्मान करता है. हमने विश्व स्तर पर उनके खिलाड़ियों की सफलता की सराहना की है और हमेशा उनके साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं.’’

गोपीचंद ने खुद पादुकोण के मार्गदर्शन में अभ्यास किया और 2001 में आल इंग्लैंड जीतने के बाद कोच गांगुली प्रसाद के साथ जुड़े.

पादुकोण अकादमी ने कहा, ‘‘पीपीबीए पिछले 25 साल से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहा है. हमारे कई खिलाड़ी अपने कैरियर के अलग-अलग चरण पर अकादमी छोड़कर गए हैं. हम कभी उनकी प्रगति में बाधा नहीं बने और यही अकादमी की नीति रहेगी.’’

Intro:Body:

गोपीचंद अकादमी छोड़ने का फैसला साइना का था : प्रकाश पादुकोण 





बेंगलुरू: प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि रियो ओलंपिक से पहले हैदराबाद में गोपीचंद अकादमी छोड़कर बेंगलुरू में विमल कुमार के मार्गदर्शन में अभ्यास करने का फैसला साइना नेहवाल का अपना था और अकादमी की इसमें कोई भूमिका नहीं रही थी. 



गोपीचंद ने आगामी किताब ‘ड्रीम्स आफ ए बिलियन : इंडिया एंड द ओलंपिक गेम्स’ के एक अध्याय ‘ बिटर राइवलरी’ में लिखा है कि 2014 विश्व चैम्पियनशिप के बाद विमल कुमार के मार्गदर्शन में बेंगलुरू स्थित पादुकोण अकादमी में अभ्यास के साइना के फैसले से वो काफी दुखी हुए. 



गोपीचंद ने ये भी कहा कि उन्हें बुरा लगा कि पादुकोण, विमल और ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट के अधिकारी वीरेन रासकिन्हा ने साइना को हैदराबाद छोड़ने के लिये प्रोत्साहित किया. पादुकोण अकादमी ने एक बयान में कहा, ‘‘बेंगलुरू में पीपीबीए पर अभ्यास करने के साइना के फैसले में पीपीबीए का कोई हाथ नहीं है.’’      



उन्होंने आगे कहा, ‘‘विमल कुमार ने साइना को खराब फार्म से निकलकर दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनने में मदद की. इसके अलावा उन्होंने आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप और विश्व चैम्पियनशिप में भी रजत पदक जीते.’’      



किताब ने गोपीचंद ने ये भी लिखा है कि उन्हें हैरानी है कि पादुकोण ने कभी उनके बारे में कुछ सकारात्मक नहीं कहा.    इस पर पीपीबीए ने लिखा, ‘‘पीपीबीए एक खिलाड़ी और कोच के रूप में भारतीय बैडमिंटन में पुलेला गोपीचंद के योगदान का सम्मान करता है. हमने विश्व स्तर पर उनके खिलाड़ियों की सफलता की सराहना की है और हमेशा उनके साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं.’’      



गोपीचंद ने खुद पादुकोण के मार्गदर्शन में अभ्यास किया और 2001 में आल इंग्लैंड जीतने के बाद कोच गांगुली प्रसाद के साथ जुड़े.      



पादुकोण अकादमी ने कहा, ‘‘पीपीबीए पिछले 25 साल से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहा है. हमारे कई खिलाड़ी अपने कैरियर के अलग-अलग चरण पर अकादमी छोड़कर गए हैं. हम कभी उनकी प्रगति में बाधा नहीं बने और यही अकादमी की नीति रहेगी.’’


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.