बासेल: भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बी. साई प्रणीत ने यहां जारी बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप-2019 के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद कहा कि उन्हें इतिहास रचकर बहुत गर्व महसूस हो रहा है.
वर्ल्ड नंबर-19 प्रणीत ने शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल में वर्ल्ड नंबर-4 इंडोनेशिया के जोनाटन क्रिस्टिली को 51 मिनट में 24-22, 21-14 से मात दी.
इस जीत के साथ ही प्रणीत का टूर्नामेंट में कांस्य पदक पक्का हो गया है. वे दिग्गज खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण के बाद पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं जिन्होंने विश्व चैम्पियनशिप के अंतिम-4 में जगह बनाई है. पादुकोण ने 1983 में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था.
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Historic win by @saiprneeth92 🔥
— BAI Media (@BAI_Media) August 23, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
🇮🇳 confirms medal after 3⃣6⃣years in MS as #SaiPraneeth packs world no.4⃣ #JonatanChristie in straight set, 24-22,21-14 at the #BWFWorldChampionships2019 as he enters the semis.
Stellar performance Sai!👏👏
Go for the GOLD!#IndiaontheRise pic.twitter.com/LBgY6y6x81
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— BAI Media (@BAI_Media) August 23, 2019
🇮🇳 confirms medal after 3⃣6⃣years in MS as #SaiPraneeth packs world no.4⃣ #JonatanChristie in straight set, 24-22,21-14 at the #BWFWorldChampionships2019 as he enters the semis.
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🇮🇳 confirms medal after 3⃣6⃣years in MS as #SaiPraneeth packs world no.4⃣ #JonatanChristie in straight set, 24-22,21-14 at the #BWFWorldChampionships2019 as he enters the semis.
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प्रणीत ने मैच के बाद मीडिया से कहा, "मेरे लिए यह बहुत बड़ी जीत है क्योंकि प्रकाश पादुकोण सर के बाद इस टूर्नामेंट में पुरुष एकल वर्ग में कोई भी खिलाड़ी पदक नहीं जीत पाया है. अभी टूर्नामेंट में और मैच बाकी हैं, मुझे अब सेमीफाइनल खेलना है और उसके लिए पूरी तरह से तैयार होना जरूरी है."
सेमीफाइनल में प्रणीत का सामना वर्ल्ड नंबर-1 जापान के केंटो मोमोटा से होगा. इन दोनों खिलाड़ियों के बीच अबतक पांच मुकाबले हो चुके हैं जिसमें प्रणीत को तीन में हार झेलनी पड़ी है.
प्रणीत ने कहा, "हेड टू हेड रिकॉर्ड अभी नहीं देखना चाहिए क्योंकि हर दिन अलग होता है. मानसिक तौर पर थोड़ा फर्क पड़ेगा, लेकिन मुझे मालूम है कि वो बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं और उन्हें हराना आसान नहीं होगा. हालांकि, मेरी पूरी कोशिश जीत दर्ज करने की होगी."
उन्होंने सेमीफाइनल में अपनी रणनीति पर कहा, "मेरी रणनीति मोमोटा को स्ट्रोक पर पकड़ने की होगी और यह आसान नहीं है क्योंकि वह वर्ल्ड नंबर-1 हैं और अभी बहुत अच्छा खेल रहे हैं. वो खिलाड़ियों को बहुत जल्दी रीड कर लेते हैं. तो, अभी कल के लिए तैयार होना है और मैं अच्छा खेलूंगा तो जीत दर्ज कर सकता हूं."
प्रणीत ने यह भी माना कि उन्होंने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में गलतियां की, लेकिन सेमीफाइनल में वह उन गलतियों को दोबारा नहीं दोहराएंगे. उन्होंने कहा, "मैंने इस मैच में बहुत आसान सी गलतियां कीं. मैं स्मैश बाहर मार रहा था, फिर मैंने एक-दो अंक बटोरे तो मेरा आत्मविश्वास वापस आया। हर दिन अलग है, आज मैंने स्मैश बाहर मारे, लेकिन कल ऐसा नहीं करूंगा. कल सोच अलग रहेगी क्योंकि मेरा प्रतिद्वंद्वी अलग होगा."
टूर्नामेंट शुरू होने से पहले कोई भी प्रणीत को पदक का दावेदार नहीं मान रहा था. सभी किदाम्बी श्रीकांत पर दांव लगा रहे थे, लेकिन प्रणीत ने कहा कि उन्हें लोगों की सोच से कुछ खास फर्क नहीं पड़ता.
प्रणीत ने कहा, "श्रीकांत सीडेड हैं, इसलिए सब उनको प्रबल दावेदार मानते हैं. मैं भी अच्छा खेला और इतिहास के पन्नों में शामिल होना बहुत बड़ी बात है. अभी मैं जीता तो यह देखकर अगले टूर्नामेंट से लोग मेरे बार में कुछ और सोचेंगे. तब मुझे भी जीत का दावेदार मानेंगे, हार गया तो कुछ और बोलेंगे. लोगों की बात कम सुनना चाहिए क्योंकि हमको मालूम है, खेल क्या और बैडमिंटन जानने वालों को पता है कि कैसे होता है. तो, पब्लिक की जितना कम सुनो, उतना अच्छा."