नई दिल्ली : भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने माना है कि कोविड-19 के कारण जो मौजूदा स्थिति है, वो युवा खिलाड़ियों के लिए अच्छी नहीं है. इस समय जो खिलाड़ी टोक्यो ओलम्पिक की लाइन में हैं, राष्ट्रीय शिविरों में उन्हें ही प्राथमिकता मिल रही है.
गोपीचंद ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, "हम खेल में सामान्य स्थिति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे मे युवा खिलाड़ियों के लिए यह मुश्किल समय है. मौजूदा समय में यह काफी मुश्किल लग रहा है."
जहां तक बैडमिंटन नेशनल कैम्प की बात है जो साई द्वारा हैदराबाद स्थित गोपीचंद अकादमी में एक जुलाई से शुरू होना था वह अभी तक शुरू नहीं हो पाया है क्योंकि तेलंगाना सरकार ने इसके लिए मंजूरी नहीं दे रही है. गोपीचंद ने कहा, "जैसे ही सरकार हमें मंजूरी दे देगी, हम जल्दी से जल्दी अभ्यास पर लौटेंगे. ट्रेनिंग कैम्प शुरू करने को लेकर हम सरकार की खेल संबंधी गाइडलाइंस का इंतजार कर रहे हैं." खिलाड़ी इस समय अपनी क्षमता के हिसाब से ट्रेनिंग कर रहे हैं और गोपीचंद उनके नियमित संपर्क में हैं.
इससे पहले बैडमिंटन के राष्ट्रीय मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने को कहा कि वैश्विक स्तर पर पीवी सिंधु और साइना नेहवाल की प्रेरणादायक सफलता ने बैडमिंटन को पिछले एक दशक में भारत का सबसे तेजी से लोकप्रिय होने वाला खेल बना दिया है. गोपीचंद ने कहा कि उन्होंने 2004 में हैदराबाद में जब सिंधु, साइना और के श्रीकांत सहित 25 प्रशिक्षुओं को कोचिंग देना शुरू किया था तब किसी ने नहीं सोचा था कि भारत विश्व स्तर के ऐसे खिलाड़ियों को पैदा करेगा.
उन्होंने एक वेबिनार के दौरान कहा, "मैं कह सकता हूं कि यह (बैडमिंटन) पिछले 10 वर्षों में सबसे ज्यादा प्रगति करने वाला खेल है. जब मैंने अपना कोचिंग करियर 2004 में शुरू किया था, तब हैदराबाद में सिर्फ 10 अच्छे कोर्ट थे लेकिन अब इसकी संख्या 1000 से ज्यादा हैं."