स्पेन: बैडमिंटन में देश के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा. क्योंकि भारत ने बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप 2021 में कम से कम दो पदक पक्के कर लिए हैं. दुनिया के पूर्व नंबर-1 किदांबी श्रीकांत और युवा लक्ष्य सेन ने शुक्रवार को इस आयोजन के पुरुष एकल सेमीफाइनल में जगह बना ली है. हालांकि, चैंपियनशिप में शुक्रवार को ताई त्जु यिंग से पीवी सिंधु हार गईं और वे टूर्नामेंट से बाहर हो गईं हैं. ताई त्जु ने 42 मिनट तक चले महिला एकल क्वॉर्टर फाइनल में सिंधु को 21-17, 21-13 हराया.
मौजूदा विश्व चैम्पियन सिंधु की शुरुआती गेम में खराब रही और ताई जू ने पहले गेम में 9-3 की बढ़त बना ली. सिंधु ने गेम में आक्रामक क्रॉस-कोर्ट शॉट्स के साथ अपनी गति तेज की, लेकिन चीनी ताइपे की शटलर गेम जीतने में असफल रही.
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दूसरे गेम में भी सिंधु बढ़त नहीं ले सकीं. ताई त्जु ने सिंधु को बाहर करने के लिए कई ड्रॉप शॉट लगाए और दूसरे गेम में 12-12 से बराबरी पर रहीं. इसके बाद चीनी ताइपे की शटलर मैच खत्म करने के लिए आगे बढ़ीं और मैच को अपने नाम कर लिया. यह पहली बार है, जब ताई त्जु बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में क्वॉर्टर से आगे बढ़ी हैं. उन्होंने इस साल की शुरुआत में टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में सिंधु को हराया था.
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इस बीच, भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने डच बैडमिंटन खिलाड़ी मार्क कैलजॉव को 21-8, 21-7 हराकर पुरुष एकल के सेमीफाइनल में प्रवेश किया. श्रीकांत ने अपना आक्रामक खेल जारी रखा और कैलजॉव को कोई मौका नहीं दिया. उन्होंने 26 मिनट में क्वॉर्टर फाइनल जीत लिया.
इसके बाद, युवा लक्ष्य सेन ने भी चीन के झाओ जुन पेंग को 21-15, 15-21, 22-20 से शिकस्त देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया. लक्ष्य ने 19-21 पर एक मैच प्वाइंट बचाया और कांस्य पदक सुनिश्चित करने के लिए दो और अंक जीते.
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अब, लक्ष्य और श्रीकांत अंतिम चार में एक-दूसरे का सामना करेंगे, जिसका अर्थ है कि भारत कम से कम एक कांस्य और एक रजत पदक जीतेगा. क्योंकि एक फाइनल में जाएगा. यह पहली बार है, जब भारत बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप के एक ही सीजन में पुरुष एकल में दो पदक जीतेगा. भारत ने अब तक विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में केवल दो पुरुष एकल पदक जीते हैं.