मुंबई : लॉकडाउन हटाए जाने के बाद और कोरोना वायरस संकट खत्म होने के बाद शायद ही ऐसा होगा कि लोग सिनेमा हॉल की ओर जल्द रूख करेंगे. संकट खत्म होने के बाद भी वह काफी समय तक अपने घर पर रहने वाले हैं और उसी जीवन शैली को जीते रहेंगे.
वहीं ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि महामारी के दौरान छोटे पर्दे पर वापसी करने वाले धारावाहिकों का असर टेलीविजन उद्योग पर लंबे समय तक रहेगा.
कथा कोटेज बैनर के निर्माता-निर्देशक विवेक बुड़ाकोटी नेआईएएनएस से कहा, "सामूहिक सार्वजनिक अनुभव की जगह सामूहिक पारिवारिक अनुभवले लेगा, वह भी अपने-अपने घरों की सीमा तक."
बुड़ाकोटी ने कहा, "यह ट्रेंड लोगों के सिनेमा हॉल का रूख करने से पहले तक रहेगा. वेब प्लेटफॉर्म टीवी और सिनेमा के बीच लोगों का आकर्षण प्राप्त करेंगे. यह दो माध्यमों केबीच एक पूल के रूप में काम कर सकता है."
अभिनेता शरद मल्होत्रा को लगता है कि "लॉकडाउन हटने के बाद भी और स्थिति सामान्य होने तक लोग फिल्म के लिए बाहर निकलने के बारे में दो बार सोचेंगे."
वहीं अभिनेत्री वाहबिज दोराबजी का कहना है, "इस बात की संभावना है कि टीवी पर लंबे समय तक चलने वाले धारावाहिकों की वापसी हो सकती है. यह महामारी लोगों के दिमाग में लंबे समय तक रहेगी. इसके जाने के बाद भी चीजों को पटरी पर आने में लंबासमय लगने वाला है, क्योंकि लोग इस घातक वायरस को इतनी जल्दी नहीं भूलपाएंगे."
यह बदलाव अभी से नजर आने लगा है. ऐसे समय में जब सीमित सीरीज का दौर चल रहा है, तब डिज्नी प्लस हॉटस्टार ने एनिमेटेड सीरीज 'सेल्फी विद बजरंग' के और नए 234 एपिसोड बनाए हैं.
टेलीविजन पर 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा', 'कुमकुम भाग्य' और 'ये रिश्ता क्या कहलाताहै' लोकप्रिय होने के साथ ही लंबे समय तक चलने वाला शो रहा है.
इस बारे में अदा खान ने कहा, "डेली शॉप्स दाल-चावल की तरह है. लंबे समय से हिट शो जैसे 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' पहले से ही उपलब्ध है."
वहीं हिट शो 'भाबीजी घर पर हैं!' की निर्माता बेनिफर कोहली को लगता है, "एक सीमित शो भी अगर काम करने लगता है, तो इसे लंबे समय तक चलने वाले शो में परिवर्तित किया जा सकता है."
इनपुट-आईएएनएस