मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा का कहना है कि 'शेरशाह' की सफलता ने उन्हें भविष्य की फिल्मों के लिए उत्साहित किया है क्योंकि वह अब एक कलाकार के रूप में अपनी प्रतिभा और प्रवृत्ति को लेकर अधिक आश्वस्त महसूस करते हैं.
विष्णु वर्धन के नेतृत्व में बनी शेरशाह पिछले महीने ही एमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई थी. शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर बनी इस फिल्म को दर्शकों और आलोचकों द्वारा सराहा जा रहा है. परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन बत्रा के जीवन पर बनी फिल्म 'शेरशाह' में उनका किरदार निभाने वाले सिद्धार्थ के अभिनय की दर्शकों ने तारीफ की है.
सिद्धार्थ ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ' मैं हमेशा से यह चाहता था कि मेरे काम से ही मेरी पहचान बने और उसी को लेकर मेरी प्रशंसा हो. मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि लोग फिल्म में मेरे किरदार से खुद को जोड़ पा रहे हैं और कुछ महसूस कर रहे हैं. फिल्मों में काम करने का मेरा प्रमुख उद्देश्य यही है कि मैं लोगों को उससे जोड़ सकूं. 'शेरशाह' ने निश्चित रूप से लोगों का मेरे प्रति नज़रिया बदल दिया है. मेरे अभिनय और फिल्मों में जिस तरह के किरदार का मैं चुनाव करता हूं उसको लेकर लोगों के विचार निश्चित रूप से बदल जाएंगे'
अभिनेता ने कहा, ' शेरशाह की सफलता ने मेरे लिए बहुत सी चीजों को आसान कर दिया है. यदि भविष्य में किसी फिल्म को लेकर मेरे पास कोई सुझाव अथवा विचार होगा, तो मुझे विश्वास है कि निर्देशक और निर्माता उस पर सोच-विचार करेंगे' शेरशाह को सिद्धार्थ के करियर की सर्वश्रेष्ठ फिल्म माना जा रहा है. कैप्टन बत्रा के जीवन की कहानी को पर्दे पर लाने के लिए सिद्धार्थ पिछले करीब पांच वर्ष से इस फिल्म का निर्माण करने वाली टीम के साथ जुटे हुए थे.
अभिनेता ने कहा कि शेरशाह के निर्माण के दौरान वह कई बार बेहद भावुक हो जाया करते थे. उन्होंने इस बात पर खुशी जताई की फिल्म के निर्माताओं ने उनकी क्षमता पर विश्वास किया.
सिद्धार्थ ने कहा, 'इस बात को लेकर आत्मविश्वास काफी बढ़ जाता है कि फिल्म के निर्माण के दौरान लिए गए फैसले सही साबित हुए. फिल्म की सफलता को लेकर मैं बेहद संतुष्ट महसूस कर रहा हूं. मेरे लिए यह अनुभव बहुत ही भावुक रहा. खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे यह फिल्म करने का अवसर मिला. शेरशाह की सफलता ने मुझे भविष्य की फिल्मों के लिए उत्साहित किया है. मेरा मानना है कि मुझे अपनी भविष्य की सभी फिल्मों में इसी प्रकार के जोश और समर्पण के साथ काम करना होगा।'
अपनी बहादुरी के लिए जाने जाने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा 24 साल की उम्र में 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना से लड़ते हुए शहीद हो गए थे.उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च युद्धकालीन वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था.
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सिद्धार्थ की पिछली कुछ फिल्में जैसे 'ए जेंटलमैन', 'अय्यारी' और 'जबरिया जोड़ी' ने बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं किया था. सिद्धार्थ का मानना है कि हिंदी फिल्मों के दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतरना कोई आसान काम नहीं है. सिद्धार्थ ने कहा, ' हमारे फिल्म उद्योग में बेहद अस्थिरता है. प्रत्येक शुक्रवार को उतार-चढ़ाव के साथ, लोग आपके करियर के बारे में विचार रखते हैं और कुछ सप्ताहों के बाद तुरंत आपको दरकिनार भी कर देते हैं. मेरे लिए यह एक बहुत बड़ी सीख भी है. फिल्म उद्योग इसी तरह का है.