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जब पढ़ने की बात आती है तो घटने लगता है प्रतीक बब्बर में धैर्य

बॉलीवुड अभिनेता प्रतीक बब्बर ने बताया कि 'मैं एक किताब सुनना पसंद करूंगा, क्योंकि मेरे पास सचमुच किताबें पढ़ने का धैर्य नहीं है. इसलिए, अगर मैं एक किताब पढ़ने के लिए बैठ जाता हूं, तो शायद इसमें दिन या सप्ताह लग सकते हैं.

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Published : May 31, 2021, 8:27 PM IST

प्रतीक बब्बर
प्रतीक बब्बर

मुंबई : अभिनेता प्रतीक बब्बर ने स्वीकार किया है कि किताबें पढ़ने के मामले में उनमें धैर्य की कमी है. प्रतीक ने यह बात अभिनेत्री रसिका दुगल के साथ लेखक दुजरेय दत्ता की नवीनतम ऑडियोबुक 'द लास्ट गर्ल टू फॉल इन लव' के प्रचार के दौरान कही. दोनों अभिनेताओं ने ऑडियोबुक को अपनी आवाज दी है.

प्रतीक ने बताया कि 'मैं एक किताब सुनना पसंद करूंगा, क्योंकि मेरे पास सचमुच किताबें पढ़ने का धैर्य नहीं है. इसलिए, अगर मैं एक किताब पढ़ने के लिए बैठ जाता हूं, तो शायद इसमें दिन या सप्ताह लग सकते हैं, जबकि एक ऑडियोबुक को सुनने में आप एक या दो दिन में पूरी किताब को सुनकर खत्म कर देंगे. मुझे लगता है कि इसमें कम समय लगता है.'

ये भी पढे़ं : अनुपम खेर के ट्वीट पर परेश रावल ने किया ऐसा कमेंट, फैंस को भी आया पसंद

'द लास्ट गर्ल टू फॉल इन लव' एक ऐसी दुनिया की कल्पना है, जहां महिलाएं सर्वोच्च शासन करती हैं. वे नियम लिखती हैं और पुरुष उनका पालन करते हैं. समय बदल गया है और दुनिया एक लैंगिक क्रांति में बदल गई है.

बॉलीवुड फिल्मों की बात करें, प्रतीक अगली बार 'ब्रह्मास्त्र' और 'बच्चन पांडे' फिल्मों में दिखाई देंगे. उनकी नई ऑडियोबुक ऑडिबल पर उपलब्ध है.

(आईएएनएस)

मुंबई : अभिनेता प्रतीक बब्बर ने स्वीकार किया है कि किताबें पढ़ने के मामले में उनमें धैर्य की कमी है. प्रतीक ने यह बात अभिनेत्री रसिका दुगल के साथ लेखक दुजरेय दत्ता की नवीनतम ऑडियोबुक 'द लास्ट गर्ल टू फॉल इन लव' के प्रचार के दौरान कही. दोनों अभिनेताओं ने ऑडियोबुक को अपनी आवाज दी है.

प्रतीक ने बताया कि 'मैं एक किताब सुनना पसंद करूंगा, क्योंकि मेरे पास सचमुच किताबें पढ़ने का धैर्य नहीं है. इसलिए, अगर मैं एक किताब पढ़ने के लिए बैठ जाता हूं, तो शायद इसमें दिन या सप्ताह लग सकते हैं, जबकि एक ऑडियोबुक को सुनने में आप एक या दो दिन में पूरी किताब को सुनकर खत्म कर देंगे. मुझे लगता है कि इसमें कम समय लगता है.'

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'द लास्ट गर्ल टू फॉल इन लव' एक ऐसी दुनिया की कल्पना है, जहां महिलाएं सर्वोच्च शासन करती हैं. वे नियम लिखती हैं और पुरुष उनका पालन करते हैं. समय बदल गया है और दुनिया एक लैंगिक क्रांति में बदल गई है.

बॉलीवुड फिल्मों की बात करें, प्रतीक अगली बार 'ब्रह्मास्त्र' और 'बच्चन पांडे' फिल्मों में दिखाई देंगे. उनकी नई ऑडियोबुक ऑडिबल पर उपलब्ध है.

(आईएएनएस)

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