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'थप्पड़' टीम का ऑन-स्क्रीन जेंडर हिंसा के खिलाफ कैंपेन - तापसी पन्नू थप्पड़

'थप्पड़' के निर्माता उनके ऑन-स्क्रीन जेंडर हिंसा के खिलाफ चलाए गए कैंपेन पर मिले पॉजिटिव रिस्पॉन्स को लेकर काफी खुश हैं. चल रहे कैंपेन के दौरान महिला अधिकार संगठन ने 1.25 लाख साइन हासिल किए हैं.

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'थप्पड़' टीम ने किया ऑन-स्क्रीन जेंडर हिंसा के खिलाफ कैंपेन
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Published : Feb 22, 2020, 9:48 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 5:39 AM IST

नई दिल्लीः बॉलीवुड अभनेत्री तापसी पन्नू स्टारर आगामी सोशल-ड्रामा फिल्म 'थप्पड़' की टीम ने ऑन-स्क्रीन जेंडर हिंसा के खिलाफ कैंपेंन चलाया.

साझा की गई शॉर्ट फिल्म में, तापसी जेंडर हिंसा वाले सीन्स के लिए डिस्क्लेमर की मांग कर रही हैं, ठीक वैसे ही जैसे कि धुम्रपान या जानवरों के खिलाफ हिंसा के लिए फिल्म के शुरू में और सीन्स के साथ डिस्क्लेमर दिया जाता है.

महिला अधिकार संगठन 'ब्रेकथ्रू' द्वारा चलाए गए इस कैपेंन का मकसद बिना डिस्क्लेमर के ही फिल्म में जेंडर हिंसा को दिखाने के तरीके और नजरिए को बदलना है.

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फिल्म का ट्रेलर महीने की शुरूआत में रिलीज हुआ है, जिसे सोशल मीडिया पर काफी लोगों ने पसंद किया. अनुभव सिन्हा की फिल्म में घरेलू हिंसा जैसे मुद्दे को मुख्य रूप से उठाया गया है.

पढ़ें- स्मृति ईरानी को 'थप्पड़' दिखाने के लिए उत्साहित हैं तापसी पन्नू

ट्रेलर में दिखाया जाता है कि तापसी एक अच्छे-खासे पढ़े-लिखे सभ्य परिवार की बहू हैं, जिन्हें एक दिन उनके पति गुस्से में आकर थप्पड़ मार देता है, उसके बाद तापसी घर छोड़ देती हैं.

तापसी का डायलॉग घरेलू हिंसा के सभी मतों पर करारा जवाब है, अभिनेत्री कहती है, 'बस एक ही थप्पड़, लेकिन मार नहीं सकता!'

फिल्म का ट्रेलर जब रिलीज हुआ तो, बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे शाहिद कपूर स्टारर 'कबीर सिंह' का जवाब माना. 'कबीर सिंह' में प्यार के बीच थोड़ी बहुत हिंसा को ठीक माना गया है.

हालांकि तापसी ने मीडिया में साफ किया कि 'कबीर सिंह और थप्पड़ की तुलना ही अपने आप में बेमानी है.'

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फिल्म 28 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है.

(इनपुट्स- आईएएनएस)

नई दिल्लीः बॉलीवुड अभनेत्री तापसी पन्नू स्टारर आगामी सोशल-ड्रामा फिल्म 'थप्पड़' की टीम ने ऑन-स्क्रीन जेंडर हिंसा के खिलाफ कैंपेंन चलाया.

साझा की गई शॉर्ट फिल्म में, तापसी जेंडर हिंसा वाले सीन्स के लिए डिस्क्लेमर की मांग कर रही हैं, ठीक वैसे ही जैसे कि धुम्रपान या जानवरों के खिलाफ हिंसा के लिए फिल्म के शुरू में और सीन्स के साथ डिस्क्लेमर दिया जाता है.

महिला अधिकार संगठन 'ब्रेकथ्रू' द्वारा चलाए गए इस कैपेंन का मकसद बिना डिस्क्लेमर के ही फिल्म में जेंडर हिंसा को दिखाने के तरीके और नजरिए को बदलना है.

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फिल्म का ट्रेलर महीने की शुरूआत में रिलीज हुआ है, जिसे सोशल मीडिया पर काफी लोगों ने पसंद किया. अनुभव सिन्हा की फिल्म में घरेलू हिंसा जैसे मुद्दे को मुख्य रूप से उठाया गया है.

पढ़ें- स्मृति ईरानी को 'थप्पड़' दिखाने के लिए उत्साहित हैं तापसी पन्नू

ट्रेलर में दिखाया जाता है कि तापसी एक अच्छे-खासे पढ़े-लिखे सभ्य परिवार की बहू हैं, जिन्हें एक दिन उनके पति गुस्से में आकर थप्पड़ मार देता है, उसके बाद तापसी घर छोड़ देती हैं.

तापसी का डायलॉग घरेलू हिंसा के सभी मतों पर करारा जवाब है, अभिनेत्री कहती है, 'बस एक ही थप्पड़, लेकिन मार नहीं सकता!'

फिल्म का ट्रेलर जब रिलीज हुआ तो, बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे शाहिद कपूर स्टारर 'कबीर सिंह' का जवाब माना. 'कबीर सिंह' में प्यार के बीच थोड़ी बहुत हिंसा को ठीक माना गया है.

हालांकि तापसी ने मीडिया में साफ किया कि 'कबीर सिंह और थप्पड़ की तुलना ही अपने आप में बेमानी है.'

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फिल्म 28 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है.

(इनपुट्स- आईएएनएस)

Last Updated : Mar 2, 2020, 5:39 AM IST
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