मुंबई : लोक गायक स्वरूप खान का कहना है कि लोक संगीत एक विशाल महासागर की तरह है जो हजारों वर्षों से अस्तित्व में है, और वह कभी यह नहीं सोचते कि इसे रीमिक्स या किसी अन्य प्रकार के संगीत से खतरा है.
'पीके' ('ठरकी छोकरो') और 'पद्मावत' ('घूमर') के अपने हिट गानों के लिएमशहूर गायक स्वरूप का मानना है कि हर तरह का संगीत श्रेय का हकदार है.
स्वरूप ने कहा, "लोक संगीत एक महासागर की तरह है. यह बहुत बड़ा और विशाल है. मुझे नहीं लगता कि रीमिक्स बाजार या किसी अन्य प्रकार के संगीत से लोक संगीत को खतरा है. लोक संगीत हजारों वर्षों से अस्तित्व में है और इसे भारत औरविदेशों में खूब सराहा और पसंद किया जाता है."
स्वरूप 'इंडियन आइडल' के सीजन 5 का हिस्सा रहे थे और सोचते हैं कि लोक संगीत ईश्वर से जुड़ने का एक तरीका है. "विभिन्न प्रकार के संगीत विभिन्न प्रकार के स्वाद को पूराकरते हैं, जैसे- रैप, क्लासिक, रॉक, लोक, फ्यूजन, फिल्मी गीत आदि सभी का अस्तित्व इसीलिए है क्योंकि लोग उनसे प्यार करते हैं. मुझे नहीं लगता किलोक संगीत को किसी भी चीज से खतरा है. लोक संगीत भगवान के साथ जुड़ने का एक तरीका है. यह बहुत पहले से है और लंबे समय तक रहेगा."
स्वरूप खान कहते हैं 'इंडियन आइडल 5' ने गायन के बारे में उनकी धारणा बदल दी.
उन्होंने गायक बनने के अपने बचपन के सपने के बारे में कहा, "मैं हमेशा से एक गायक बनना चाहता था. मैं गायकों के परिवार से आता हूं, इसलिए यह मेरी परवरिश का हिस्सा है."
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स्वरुप खान की हिट फिल्मों में 'मेहंदी', 'बहुत हुआ सम्मान', 'जय हो पहलवान' और 'क्रेजी लगदी' शामिल हैं.
(इनपुट-आईएएनएस)