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पर्यावरण के महत्व को समझने का समय आ गया है : शुभांगी अत्रे - Television actress Shubhangi Atre

सिटकॉम 'भाबीजी घर पर हैं' में अंगूरी के रूप में लोकप्रिय टेलीविजन अभिनेत्री शुभांगी अत्रे का मानना है कि कोविड-19 हमें याद दिलाता है कि पर्यावरण के महत्व को समझने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि कोविड -19 के उद्भव ने कुछ कठोर परिणामों को उजागर किया है और यह खुलासा किया है कि पारिस्थिति की तंत्र का नुकसान कितना विनाशकारी हो सकता है.

Shubhangi Atre
शुभांगी अत्रे
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Published : Jun 7, 2021, 1:54 PM IST

मुंबई : सिटकॉम 'भाबीजी घर पर हैं' में अंगूरी के रूप में लोकप्रिय टेलीविजन अभिनेत्री शुभांगी अत्रे का मानना है कि कोविड-19 हमें याद दिलाता है कि पर्यावरण के महत्व को समझने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि कोविड -19 के उद्भव ने कुछ कठोर परिणामों को उजागर किया है और यह खुलासा किया है कि परिस्थिति की तंत्र का नुकसान कितना विनाशकारी हो सकता है. हम परिस्थिति की तंत्र की बहाली के अभाव में सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि महामारी के बाद जैव विविधता के नुकसान को रोकना हमारे अस्तित्व की कुंजी है. अगर हमें पुराने सामान्य दिनों की जरूरत है तो हमें खुद को नए सामान्य प्राणियों में बदलना चाहिए, जो न केवल अपने घरों को साफ रखते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी प्रदूषण मुक्त रखते हैं.

शुभांगी ने कहा कि पर्यावरण हमें जीवनदायी संसाधन प्रदान करता है और उन्हें संरक्षित करना आवश्यक है. यह कई जीवित प्रजातियों का घर है और पारिस्थिति की तंत्र में संतुलन बनाए रखता है.

पढ़ें : छह सप्ताह के भीतर खाली कराएं खोरी-गांव वन भूमि क्षेत्र : सुप्रीम कोर्ट

उन्होंने कहा कि पर्यावरण के लिए कई खतरे हैं, जैसे वनों की कटाई और प्रदूषण, जो न केवल हमें बल्कि हमारे आस-पास के सभी जीवित प्राणियों को प्रभावित करते हैं. हमने पहले ही प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचाया है, अब जिम्मेदार होने का समय आ गया है.

मुंबई : सिटकॉम 'भाबीजी घर पर हैं' में अंगूरी के रूप में लोकप्रिय टेलीविजन अभिनेत्री शुभांगी अत्रे का मानना है कि कोविड-19 हमें याद दिलाता है कि पर्यावरण के महत्व को समझने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि कोविड -19 के उद्भव ने कुछ कठोर परिणामों को उजागर किया है और यह खुलासा किया है कि परिस्थिति की तंत्र का नुकसान कितना विनाशकारी हो सकता है. हम परिस्थिति की तंत्र की बहाली के अभाव में सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि महामारी के बाद जैव विविधता के नुकसान को रोकना हमारे अस्तित्व की कुंजी है. अगर हमें पुराने सामान्य दिनों की जरूरत है तो हमें खुद को नए सामान्य प्राणियों में बदलना चाहिए, जो न केवल अपने घरों को साफ रखते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी प्रदूषण मुक्त रखते हैं.

शुभांगी ने कहा कि पर्यावरण हमें जीवनदायी संसाधन प्रदान करता है और उन्हें संरक्षित करना आवश्यक है. यह कई जीवित प्रजातियों का घर है और पारिस्थिति की तंत्र में संतुलन बनाए रखता है.

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उन्होंने कहा कि पर्यावरण के लिए कई खतरे हैं, जैसे वनों की कटाई और प्रदूषण, जो न केवल हमें बल्कि हमारे आस-पास के सभी जीवित प्राणियों को प्रभावित करते हैं. हमने पहले ही प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचाया है, अब जिम्मेदार होने का समय आ गया है.

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