मुंबई: संगीतकार जोड़ी सलीम-सुलेमान के सलीम मर्चेंट ने गुरुवार को यह कहते हुए बॉलीवुड प्रेमियों को चौंका दिया कि प्रतिष्ठित प्रोडक्शन हाउस यशराज फिल्म्स (वाईआरएफ) ने उन्हें रॉयल्टी का भुगतान नहीं किया है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि उन्होंने पिछले चार सालों में वाईआरएफ के साथ काम नहीं किया है.
सलीम ने एक लीडिंग पोर्टल को बताया, "यशराज संगीतकार और गीतकार की ओर से पैसा इकट्ठा करते रहे हैं - यह मैं बहुत जानता हूं - लेकिन मुझे नहीं पता कि उन्होंने किसी को भुगतान किया है या नहीं. उन्होंने मुझे और सुलेमान को भुगतान नहीं किया है."
बकौल सलीम, टी-सीरीज़ भी कलाकारों को रॉयल्टी नहीं देती है. उन्होंने यह भी दावा किया कि संगीत लेबल टी-सीरीज़ ने भी अभी तक उनके सभी बकाया राशि का भुगतान नहीं किया.
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मालूम हो कि संगीतकार, गीतकार और संगीत निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले इंडियन परफॉर्मिंग राइट्स सोसाइटी (IPRS) ने कथित तौर पर यशराज फिल्म्स के खिलाफ 20 नवंबर को एक प्राथमिकी दर्ज की.
आईपीआरएस ने यशराज फिल्म्स पर अनधिकृत रूप से आईपीआरएस सदस्यों की संगीत रॉयल्टी में से करीब 100 करोड़ रुपये एकत्र करने का आरोप लगाया है.
सलीम ने आगे दावा किया कि आईपीआरएस के चेयरपर्सन और अनुभवी गीतकार जावेद अख्तर भी उनके बकाए से वंचित हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि जावेद अख्तर साहब को भुगतान नहीं किया गया है, निश्चित रूप से ... आप जानते हैं कि उन्हें भुगतान नहीं किया गया है. सुलेमान और मुझे भुगतान नहीं किया गया है - यश राज से आए किसी भी रॉयल्टी का भुगतान नहीं किया गया है."
सलीम-सुलेमान के ज्यादातर हिट गाने वाईआरएफ प्रोडक्शंस के साथ हैं. इनमें "रब ने बना दी जोड़ी", "मर्दानी", "लेडीज वर्सेस रिकी बहल", "आजा नचले", "बैंड बाजा बारात" और "चक दे! भारत" जैसी फिल्मों के संगीत शामिल हैं.
आईएएनएस ने इस मामले पर यशराज फिल्म्स से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.